गोंडा जिले की एक अदालत ने नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी से जुड़े बीस साल पुराने मामले में फैसाल सुनाया है. कैलाश सत्यार्थी अपने साथियों के साथ मिलकर सर्कस में काम करने वाली नाबालिग लड़कियों को बचाने की कोशिश की थी, इस दौरान सर्कस मैनेजमेंट के लोगों ने उन पर हमला कर दिया था.
कैलाश सत्यार्थी की पहल पर 29 नोबेल विजेताओं ने दुनिया को याद दिलाया कि इजरायल और गाजा के बच्चे भी "हमारे बच्चे" हैं. उन्हें तत्काल सुरक्षा और मानवीय सहायता की जरूरत है. नोबेल पुरस्कार की सभी छह श्रेणियों के इन विजेताओं ने का कहना है कि सभी अपहृत बच्चों को तत्काल रिहा किया जाए.
साहित्य का महाकुंभ साहित्य आज तक 2022 आज यानी 18 नवंबर से शुरू हो गया है. बदलाव के बोल सत्र में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और समाज सेवक कैलाश सत्यार्थी ने भी शिरकत की. इस दौरान उन्होंने एक मजदूर की बच्ची से जुड़ा किस्सा साझा किया.