स्वामी कैलाशानंद गिरी जी (Kailashanand Giri) एक प्रतिष्ठित हिंदू संत, योग गुरु और विद्वान हैं, जो हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत भाषाओं में लेखन करते हैं. वह निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर हैं, जो लाखों नागा साधुओं और हजारों महामंडलेश्वरों के गुरु हैं. स्वामी जी ने भारतीय संस्कृति, परंपराओं और प्राचीन वैदिक सनातन धर्म पर आधारित कई पुस्तकें लिखी हैं. उनका मानना है कि सच्ची करुणा का अर्थ शरीर, मन और आत्मा की आवश्यकताओं को समझना है.
कैलाशानंद गिरी का जन्म बिहार के जमुई जिले में हुआ था.
स्वामी कैलाशानंद गिरी जी सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहते हैं. उन्होंने हरिद्वार में नूतन ओजस अस्पताल के आईसीयू का उद्घाटन किया, जहां विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों का इलाज करेंगे. इसके अलावा, उन्होंने पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर राष्ट्रीय पुरस्कार 2023 समारोह की अध्यक्षता की, जिसमें समाजसेवा, मानव कल्याण और नारी उत्थान के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया.
स्वामी जी के आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर उनके प्रवचनों, कार्यक्रमों और गतिविधियों के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध है.
स्वामी कैलाशानंद गिरी ने गंगा और यमुना के महत्व को बताते हुए कहा कि सबसे पवित्र जल तो यमुना नदी का है, और गंगाजल, जल नहीं साक्षात अमृत है. उन्होंने कहा कि गंगा केवल मोक्ष प्रदान नहीं करती, बल्कि पहले ज्ञान, फिर भक्ति और अंत में वैराग्य प्रदान करती है. इसके बाद कहीं जाकर वह व्यक्ति मोक्ष का अधिकारी बनता है"