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कन्नौज

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कन्नौज (Kannauj) भारतीय गणराज्य के प्रांत उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का एक जिला और शहर है और यह इस जिले का मुख्यालय भी है. यह जिला कानपुर मंडल का हिस्सा है. शहर का नाम संस्कृत के कान्यकुब्ज (Kanyakubja) शब्द से बना है. इस जिले का क्षेत्रफल 2,093 वर्ग किलोमीटर है (Geographical Area).

कन्नौज जिले में एक संसदीय लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है (Lok Sabha Constituency). इसके अंतर्गत कुल पांच, जिसमें कन्नौज जिले के 3 औरैया का 1 और कानपुर देहात का 1 विधान सभा क्षेत्र शामिल है (Assembly Constituency). 

2011 जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक कन्नौज की जनसंख्या (Population) लगभग 17 लाख है और यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 792 लोग रहते हैं (Denisity). यहां का लिंग अनुपात (Sex Ratio) 879 है. कन्नौज की 72.70 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 80.91 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 63.33 फीसदी है (Kannauj Literacy).

कन्नौज शहर अपने इत्र व्यवसाय के अलावा तंबाकू के व्यापार के लिए मशहूर है. (Kannauj business) यहां मुख्य रूप से कन्नौजी भाषा के तौर पर बोली जाती है(Language). कन्नौज गंगा के बाईं ओर ग्रैंड ट्रंक रोड से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है (Location).

कन्नौज एक प्राचीन नगर है और कभी हिंदू साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है. माना जाता है कि कान्यकुब्ज ब्राह्मण मूल रूप से इसी स्थान के हैं. रामायण में इस नगर का उल्लेख मिलता है. तॉलेमी ने ईसा के काल में कन्नौज को 'कनोगिज़ा' लिखा है. पांचवीं शताब्दी में यह गुप्त साम्राज्य का एक प्रमुख नगर था. छठी शताब्दी में श्वेत हूणों के आक्रमण से ये काफी हद तक नष्ट हो गया था. चीनी यात्री ह्वेन त्सांग, ने, जो हर्षवर्धन के समय भारत आया था, इस नगर का उल्लेख किया है. 11वीं शताब्दी के शरुआती काल में मुसलमानों के आक्रमण के कारण ये नगर एकबार फिर नष्ट हुआ. 1194 ई. में मुहम्मद गौरी ने इस नगर पर अपना वर्चस्व जमाया (Kannauj history). 

कन्नौज मुख्य रुप से सिद्धपीठ बाबा गौरी शंकर मंदिर और सिद्धपीठ मां फूलमती मंदिर के लिए जाना जाता है.
 

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