कर्नाटक हाई कोर्ट
कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) भारतीय राज्य कर्नाटक का उच्च न्यायालय है. इस अदालत की प्रिंसिपल बेंच कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में स्थित है (Karnataka High Court Principal Bench), हुबली-धारवाड़ और गुलबर्गा में इसकी बेंच हैं (Karnataka High Court Benches). इसे पहले मैसूर का उच्च न्यायालय कहा जाता था. कर्नाटक हाई कोर्ट बेंगलुर में अत्तारा कचेरी के नाम से जानी जाने वाली एक लाल रंग की ईंट की इमारत से कार्य करता है (Karnataka High Court Building).
न्यायालय के पास अपीलीय के अलावा मूल क्षेत्राधिकार है. इस न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णयों की अपील केवल भारत के सर्वोच्च न्यायालय में की जा सकती है. कर्नाटक हाई कोर्ट में 62 न्यायाधीशों की क्षमता है (Karnataka High Court Sanctioned Strength). फरवरी 2022 तक, उच्च न्यायालय में 45 न्यायाधीश थे. रितु राज अवस्थी 11 अक्टूबर, 2021 से इसके मुख्य न्यायाधीश हैं (Karnataka High Court Current Chief Justice).
उच्च न्यायालय कर्नाटक राज्य के भीतर सर्वोच्च न्यायिक प्राधिकरण है. सशस्त्र बलों को छोड़कर, कर्नाटक के भीतर संचालित जिला अदालतों जैसे तमाम अदालतों और न्यायाधिकरणों पर इसका नियंत्रण है. निचली अदालतों के फैसलों के खिलाफ यहां अपील की जाती है. उच्च न्यायालय के निर्णयों के विरुद्ध अपीलों की सुनवाई भारत के सर्वोच्च न्यायालय में की जाती है. कर्नाटक उच्च न्यायालय में धारवाड़ और कलबुर्गी में दो स्थायी बेंच हैं. धारवाड़ में स्थायी कर्नाटक उच्च न्यायालय की बेंच 24 अगस्त 2013 को और गुलबर्गा में 31 अगस्त 2013 को चालू हो गई थी. (Karnataka High Court Powers and Jurisdiction).
उच्च न्यायालय की प्रधान पीठ बंगलौर में अट्टारा कचेरी नामक एक इमारत में स्थित है. यह पत्थर और ईंट की एक बेहद फैली हुई दो मंजिला इमारत है, जिसे लाल रंग से रंगा गया है, जो नवशास्त्रीय शैली की वास्तुकला है. इसका निर्माण 1864 और 1868 के बीच किया गया था (Karnataka High Court Premises).
हाई कोर्ट का फैसला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए राहत की बात है, क्योंकि इसमें उनके खिलाफ अनियमितताओं के आरोप शामिल थे. यह मामला विकास प्राधिकरण द्वारा सीएम की पत्नी पार्वती बीएम को 14 साइटों के अवैध आवंटन से जुड़ा है.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि राज्य सरकार उम्मीदवारों के माता-पिता और बच्चों को परेशान करने पर क्यों तुला हुई है? ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार के अंदर कुछ अहंकार की समस्या है.
आरोपियों में बेंगलुरु का सैयद अब्दुल रहमान, कोलार जिले के चिंतामणि का अफसर पाशा उर्फ खुशीरुद्दीन और पाकिस्तान के कराची के मोहम्मद फहद खोया शामिल थे. इन तीनों पर यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के कई प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हमें यह देखना होगा कि जस्टिस श्रीशानंद ने खुली अदालती कार्यवाही में माफी मांगी है. न्यायपलिका के हित में यह जरूरी है कि हम उनके माफीनामे को स्वीकार करते हुए इस मामले में आगे कोई कार्रवाई ना करें."
Muda scam case में घिरे सिद्धारमैया लोकायुक्त की जांच के घेरे में आ गये हैं. उन पर भी वैसे ही इस्तीफे का दबाव है. जैसा केजरीवाल पर था. कर्नाटक में ऐसे ही एक केस में फंसे येदियुरप्पा को कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. लेकिन, सिद्धारमैया को हटाना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है. केजरीवाल ने तो आतिशी के रूप में एक 'भरत' को अपनी गद्दी सौंप दी. लेकिन कर्नाटक को लेकर कांग्रेस के पास फिलहाल ऐसा कोई विकल्प नहीं है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. MUDA स्कैम की जांच वाले गवर्नर के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच की जरूरत है. ऐसे में समझते हैं कि ये MUDA स्कैम क्या है? और सिद्धारमैया कैसे इसमें फंस गए?
सिद्धारमैया के सामने 2 उदाहरण हैं. पहला कर्नाटक के सीएम येदियुरुप्पा का. यानी इस्तीफा देना, जिसके लिए वो इनकार कर चुके हैं. दूसरा रास्ता है अरविंद केजरीवाल का, जिन्होंने भारतीय राजनीति में दो ट्रेंड सेट कर दिए हैं. एक गिरफ्तारी के बाद भी सीएम पद पर बने रहा जा सकता है. दूसरे सीएम पद छोड़ने के बाद भी खड़ाऊं रखकर राज्य की गद्दी पर अपना नियंत्रण बनाए रखा जा सकता है.
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को कर्नाटक हाईकोर्ट से MUDA लैंड स्कैम केस में बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने राज्यपाल के आदेश को चुनौती देने वाली सिद्धारमैया की याचिका को खारिज कर दिया है. दूसरी तरफ सिद्धारमैया अब तक इन सभी आरोपों को खारिज करते आए हैं. उन्होंने राज्यपाल के फैसले को भी असंवैधानिक बताया.
मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) साइट आवंटन मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत की मंजूरी की वैधता को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, जिस पर मंगलवार को हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. इसके इतर इस मामले में शिकायतकर्ता टीजे अब्राहम और अन्य लोगों ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर रहे हैं.
जज के खिलाफ कार्रवाई का स्वतः संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "हम कर्नाटक हाई कोर्ट के जज द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों से संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स का संज्ञान ले रहे हैं. इस स्तर पर हम हाई कोर्ट से गुजारिश करते हैं कि वे मुख्य न्यायाधीश से निर्देश प्राप्त करने के बाद एक रिपोर्ट पेश करें.
कर्नाटक के मांड्या में गणेश विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई है. हालात इतने खराब हो गए कि उपद्रवियों ने पथराव के बाद कई दुकानों और कपड़ों के साथ-साथ बाइक के शोरूम को आग के हवाले कर दिया. इतना ही नहीं बेकाबू भीड़ ने सड़क पर खड़ी बाइकों को भी फूंक दिया.हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने इलाके में हाई अलर्ट जारी किया है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ राज्यपाल द्वारा दिए गए जांच के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त तक रोक लगा दी है. मसलन, कोर्ट ने कहा है कि जब तक मामले की सुनवाई चल रही है तब तक सीएम के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा.
CID की विशेष जांच टीम ने येदियुरप्पा को पूछताछ में शामिल होने के लिए समन जारी किया था, लेकिन वह बुधवार को जांच में शामिल होने के लिए पेश नहीं हुए. बताया गया कि इस समय येदियुरप्पा दिल्ली में हैं और उन्होंने जांच में शामिल होने के लिए और समय मांगा. इसके बाद सीआईडी ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग करते हुए फर्स्ट फास्ट ट्रैक कोर्ट का रुख किया था. इस पर कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया था.
यौन शोषण और सेक्स स्कैंडल के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना को कोर्ट ने छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान पेपर स्प्रे को खतरनाक बताते हुए कह दिया कि आत्मरक्षा में इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. इसके लिए अदालत ने अमेरिका का हवाला दिया, जहां स्प्रे को केमिकल हथियार माना जाता है. लेकिन भारत में आत्मरक्षा के लिए क्या-क्या किया जा सकता है? क्या महिलाएं अपनी सेफ्टी के लिए पेपर स्प्रे साथ रखें तो ये गैरकानूनी है?
कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान पेपर स्प्रे को खतरनाक बताते हुए कहा कि आत्मरक्षा में इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. इसके लिए अदालत ने अमेरिका का हवाला दिया, जहां स्प्रे को केमिकल हथियार माना जाता है.
कर्नाटक हाईकोर्ट परिसर में बुधवार को एक व्यक्ति ने अदालत कक्ष संख्या-1 में मुख्य न्यायाधीश के सामने कथित तौर पर चाकू से अपना गला काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की. शख्स को तुरंत अस्पताल ले जाया गया. इस घटना पर मुख्य न्यायाधीश ने चिंता जताई है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि एक बालिग लड़की को उसकी इच्छा के बिना कुछ भी करने पर मजबूर नहीं किया जा सकता है. अदालत ने ये फैसला 25 वर्षीय युवती के प्रेमी की याचिका पर सुनाया है. साथ उच्चतम न्यायालय ने याचिका की सुनवाई में देरी को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट को फटकार भी लगाई है.
पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड के एक आरोपी की जमानत के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने आरोपी मोहन नायक को पिछले साल रिहा कर दिया था. कोर्ट में गौरी लंकेश की बहन ने अपील दायर की थी.
घटना पर गंभीर आपत्ति जताते हुए एचसी ने कहा: “यह हम सभी के लिए शर्म की बात है. आजादी के 75 साल बाद हम इस स्थिति की उम्मीद नहीं कर सकते. यह हमारे लिए एक सवाल है कि क्या हम 21वीं सदी से 17वीं सदी में वापस जा रहे हैं? "क्या हम समानता या प्रगतिशीलता की ओर बढ़ रहे हैं या फिर, हम 17वीं और 18वीं शताब्दी में वापस जा रहे हैं.
जस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी की एकल पीठ ने आरोपी को जमानत देने का आदेश दिया. नायक को एक लाख रुपये के निजी बॉन्ड और समान राशि के दो मुचलके भरने को कहा है और निचली अदालत के समक्ष पेश होने को कहा है.