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कर्तव्य पथ

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कर्तव्य पथ

भारत की राजधानी दिल्ली (Capital of India, Delhi) में स्थित है राजपथ, जिसे पहले "किंग्स वे' (Kingsway) और "जनपथ' को "क्वींस वे' (Queensway) के नाम से जाना जाता था. राजपथ (Rajpath) का नाम आधिकारिक तौर पर 8 सितंबर 2022 को बदलकर कर 'कर्तव्य पथ' (Kartavya Path) कर दिया गया है. 

आजादी के बाद किंग्स वे को राजपथ और क्वींस वे को जनपथ (Janpath) नाम दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार में लोकतंत्र के मूल्यों और सिद्धांतों के आधार पर इसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया. इस बैठक में पालिका परिषद के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह भल्ला, उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय, विधायक और सदस्य एनडीएमसी वीरेंद्र सिंह कादियान, सदस्य कुलजीत सिंह चहल, विशाखा सैलानी, गिरीश सचदेवा, आवास और शहरी मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव डी. थारा, गृह मंत्रालय में सयुंक्त सचिव आशुतोष अग्निहोत्री और पालिका परिषद के सचिव विक्रम सिंह मलिक शामिल थे और नाम बदलने के अनुरोध संबंधित प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूर किया गया (NDMC).

विजय चौक, राजपथ और सेंट्रल विस्टा लान एनडीएमसी के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. यहां केंद्र सरकार के कई मंत्रालय, विभाग और कार्यालय स्थित हैं. विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक राजपथ की लंबाई 1.8 किलोमीटर है और सड़क की चौड़ाई 12 मीटर है. सड़क के किनारे बनीं फुटपाथ की चौड़ाई 4.2 मीटर है (Length).

राजपथ और जनपथ का निर्माण 1911 में ब्रिटिश सरकार और वाइसरीगल प्रशासन द्वारा किया गया है. दरअसल उन्होंने निर्धारित किया कि ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित किया जाएं. उसी साल नई दिल्ली जिले में निर्माण शुरू हुआ जो प्रशासनिक राजधानी के रूप में काम करेगा. इस नए शहर के निर्माण के लिए ब्रिटिश राज ने एडविन लुटियंस (Edwin Lutyens) को जिम्मादारी दी. लुटियंस वाइसरीगल पैलेस से दिल्ली शहर का विहंगम दृश्य चाहते थे. नतीजतन, रायसीना हिल का दृश्य राजपथ और इंडिया गेट के पार तक है. बीच में केवल नेशनल स्टेडियम है (Kingsway, Rajpath History).

राजपथ के आसपास की अधिकांश इमारतों को लुटियंस और परियोजना के दूसरे वास्तुकार सर हर्बर्ट बेकर (Herbert Baker) ने डिजाइन किया था. 

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