कासगंज
कासगंज (Kasganj) भारतीय गणराज्य के प्रांत उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का एक जिला और शहर है. इस जिले का मुख्यालय कासंगज है और ये अलीगढ़ मंडल का एक हिस्सा है. कासगंज पश्चिमी उत्तर प्रदेश में, एटा से लगभग 32 किलोमीटर उत्तर, काली नदी के किनारे स्थित है. इस जिले का क्षेत्रफल 1,955 वर्ग किलोमीटर है (Geographical Area).
कासगंज जिला एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (Lok Sabha Constituency) के अंदर आता है लेकिन चुनाव की दृष्टि से कासगंज की अहमियत ज्यादा है. चुनाव आयोग ने 2019 आम चुनाव में ज्यादा दारोमदार कासगंज प्रशासन पर डाल दिया था. चुनाव आयोग के अनुसार, जिस जिले में अधिक विधानसभा क्षेत्र होते हैं उस जिले के जिलाधिकारी को ही रिटर्निंग ऑफीसर नियुक्त किया जाता है. एटा लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें तीन कासगंज के हैं (Assembly constituency).
2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक कासगंज की जनसंख्या (Population) 14 लाख से ज्यादा है और यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 735 लोग रहते हैं (Density). यहां का लिंग अनुपात (Sex Ratio) 880 है. कासगंज की 61.02 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 71.56 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 49.00 फीसदी है (Kasganj Literacy).
कासगंज सड़कमार्ग के अलावा ब्रिटिश काल से ही रेलमार्ग से अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है. कासगंज जंक्शन लखनऊ, बरेली और मथुरा से रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है.
यूपी के कासगंज में एक दारोगा का शराब के नशे में महिला के साथ आपत्तिजनक हरकत करने का वीडियो वायरल हो गया. वीडियो सामने आते ही एसपी कासगंज ने आरोपी को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए. इस घटना के बाद पुलिस की छवि पर सवाल उठने लगे हैं.
UP Police Sub Inspector shameful act video: पब्लिक प्लेस पर सरेराह जब दारोगा से उसकी हरकतों पर सवाल किया गया तो उसने खुद को बरेली का निवासी बताया और यह तक कह दिया कि उसने फर्जी वर्दी पहनी हुई है.
कासगंज में चंदन गुप्ता हत्याकांड के आरोपियों को विदेशी और भारतीय एनजीओ से फंडिंग हुई थी. एनआईए विशेष कोर्ट ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है, जिसमें न्यूयॉर्क, लंदन और भारत से संचालित एनजीओ का नाम लिया गया है. कोर्ट ने इस फंडिंग के स्रोत और इसके उद्देश्यों को लेकर सवाल उठाए हैं और सरकार से जांच की सिफारिश की है.
कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड के छह साल के बाद एनआईए कोर्ट का फैसला आया है, जिसमें 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. कोर्ट के फैसले पर चंदन के परिवार ने संतोष जताया है, लेकिन दोषियों के लिए कड़ी सजा की मांग करते हुए अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है.
कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड मामले में न्याय का इंतजार लंबे समय तक चला. 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान यूपी के कासगंज में चंदन गुप्ता की हत्या हुई थी. उनके परिवार ने 6 साल 11 महीने और 7 दिनों तक लगातार कानूनी लड़ाई लड़ी. अब उस दुखद अपराध के 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड में सभी 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. 6 साल 11 महीने 7 दिन के लंबे इंतजार बाद आज NIA कोर्ट की तरफ सजा का ऐलान किया गया है.
26 जनवरी 2018 को यूपी के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता नाम के शख्स की हत्या हो गई थी. अब 7 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कासगंज हत्याकांड में आरोपियों ने सजा से बचने के लिए खूब कानूनी दांव पेच चले. इसके चलते फैसला आने में देरी भी आई.
6 साल 11 महीने 7 दिन के लंबे इंतजार आज सजा का ऐलान हुआ है. कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड में सभी 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. 26 जनवरी 2018 को यूपी के कासगंज जिले में चंदन गुप्ता की तिरंगा यात्रा के दौरान हत्या हुई थी. तब से लेकर आज तक चंदन के परिजनों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और आज सजा का ऐलान हुआ है.
Chandan Gupta Murder Case: कासगंज में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान एबीवीपी कार्यकर्ता चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी. 6 साल 11 महीने बाद एनआईए की विशेष अदालत ने 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. मामले में कुल 31 आरोपी थे, जिनमें से दो को बरी किया गया और एक की मृत्यु हो चुकी थी. मामले में अब 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई है.
कासगंज के बहुचर्चित चंदन गुप्ता हत्याकांड में NIA कोर्ट ने सभी 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इस फैसले के बाद चंदन के परिजनों ने न्याय मिलने पर संतोष व्यक्त किया. चंदन के पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चंदन की आत्मा आज बहुत संतुष्ट होगी.
Chandan Gupta Case: चंदन गुप्ता हत्याकांड में लखनऊ की NIA कोर्ट आज दोषियों को सजा सुनाएगी. 6 साल 11 महीने 23 दिन के लंबे इंतजार आज सजा का ऐलान होगा. साल 2018 में यूपी के कासगंज जिले में चंदन गुप्ता की तिरंगा यात्रा के दौरान गोली मारकर हत्या हुई थी.
Kasganj Chandan Gupta Murder Case: कासगंज में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. तिरंगा यात्रा में हुए इस हत्याकांड में आज फैसले का दिन था. इस कांड में शामिल 28 आरोपियों को दोषी पाया गया है.
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में एक परिवार पुलिस की प्रताड़ना से जूझ रहा है. परिवार का कहना है कि पुलिस ने उनके भाई के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया. शासन की जांच में यह परिवार निर्दोष पाया गया, फिर भी वे पुलिस द्वारा उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं.
पीड़ित युवक ने कासगंज की सोरों पुलिस पर जबरन उसकी दूसरी शादी कराने का आरोप लगाते हुए अधिकारियों से शिकायत की है. उसका कहना है कि पुलिसवालों की वजह से वह फंस गया है, उसकी शादीशुदा जिंदगी में भूचाल आ गया है.
एटा और कासगंज जिलों में 30 साल पहले फर्जी तरीके से कलेक्टर कार्यालय में नौकरी पाने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है. प्रशासन ने 24 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है, जिनमें से 15 कर्मचारी पहले ही रिटायर हो चुके हैं.
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में एक धार्मिक समारोह के लिए मिट्टी लाने गई महिलाओं के साथ गंभीर दुर्घटना हो गई. तेज़ खुदाई के कारण मिट्टी की ढेर अचानक धंस गया, जो कि वहां उपस्थित महिलाओं पर आ गिरा. इस हादसे में चार महिलाओं की मौत की पुष्टि हुई है और कई घायल बताई जा रही हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
कासगंज जिले में कई महिलाएं धार्मिक कार्यक्रम के लिए मिट्टी लाने गई थीं. जब उन्होंने टीले से मिट्टी की खुदाई शुरू की तो उनके साथ बड़ा हादसा हो गया. मिट्टी का टीला धंस गया, जिसकी चपेट में आने से चार महिलाओं की मौत हो गई.
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां पर अवैध खनन की जांच करने पहुंच एसडीएम को बीजेपी नेता ने थप्पड़ जड़ दिया. जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.
यूपी के कासगंज में एक दलित व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आरोप है कि मृतक रामलीला देखने गया था, लेकिन वहां पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे कुर्सी पर बैठने को लेकर अपमानित किया. इससे आहत उसने मौत को गले लगा लिया. परिजनों ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है.
कासगंज में एक दलित व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आरोप है कि मृतक रामलीला देखने गया था, लेकिन वहां पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे कुर्सी पर बैठने को लेकर अपमानित किया. इससे आहत उसने मौत को गले लगा लिया.
कासगंज जिले की वरिष्ठ वकील मोहिनी तोमर हत्याकांड की गुत्थी अभी सुलझने का नाम नहीं ले रही है. मोहिनी तोमर के 3 सितंबर 2024 को जिला सत्र न्यायालय के गेट के बाहर से लापता होने के बाद 4 सितंबर को नहर में मिले उनके शव की शिनाख्त पति विजतेंद्र तोमर ने की थी. जिसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया था. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं.