खाटू श्याम जी (Khatu Shyam) भगवान श्रीकृष्ण के कलियुग अवतार माने जाते हैं और इनकी महिमा अपार है. इनका प्रमुख मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू गांव में है, जिसे खाटू श्याम मंदिर कहा जाता है. मान्यता है कि जो भक्त "जय श्री श्याम" का सच्चे मन से जाप करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. मंदिर में फाल्गुन महीने में लगने वाला खाटू श्याम मेला बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें लाखों श्रद्धालु आते हैं. निशान यात्रा भी बहुत महत्वपूर्ण होती है, जिसमें भक्त पैदल यात्रा करके मंदिर में ध्वजा (निशान) चढ़ाते हैं.
खाटू श्याम जी के प्रमुख मंत्र इस तरह है-
जय श्री श्याम
हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा
खाटू वाले का जयकारा, जय श्री श्याम हमारा
पौराणिक कथा के अनुसार इनका असली नाम बर्बरीक था, जो महाभारत के महान योद्धा और घटोत्कच के पुत्र थे. उन्होंने श्रीकृष्ण को यह वचन दिया था कि वे युद्ध में हारने वाले पक्ष का साथ देंगे. चूंकि पांडवों को विजय दिलाना सुनिश्चित था, श्रीकृष्ण ने उनकी शक्ति देखकर उनसे उनका सिर दान में मांग लिया. बर्बरीक ने सहर्ष शीश दान कर दिया. श्रीकृष्ण ने उनके बलिदान से प्रसन्न होकर वरदान दिया कि कलियुग में तुम "श्याम" नाम से पूजे जाओगे और जो भी सच्चे मन से तुम्हें याद करेगा, उसकी मनोकामना पूर्ण होगी.
खाटू बाबा का इतिहास आज से 5000 साल पहले की पौराणिक गाथा से जुड़ा है. महाभारत के युद्ध के दौरान हुई एक घटना से खाटू वाले बाबा श्याम का प्राकट्य माना जाता है. क्या है यह कथा?