किरण चौधरी(Kiran Choudhary) हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की सदस्य थीं वह 20 जून 2024 से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई. किरण चौधरी भिवानी जिले के तोशाम विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल की बहू हैं.
वह हरियाणा के राजनीतिक परिवार से आती हैं. और राज्य के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक थे. 2005 से तोशाम, भिवानी से पांच बार विधायक रही हैं. उनके ससुर बंसी लाल तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं.
किरण चौधरी हरियाणा का जन्म 5 जून 1955 को दिल्ली में हुआ था. उनके पति सुरेंद्र चोधरी हैं और उकी एक बेटी श्रुति चौधरी है.
हरियाणा में चौटाला फैमिली के आठ सदस्यों ने चुनाव लड़ा, जिनमें सिर्फ दो को ही जीत मिली. बंसीलाल परिवार के दो लोग एक ही सीट पर आमने-सामने थे, उनमें श्रुति चौधरी चुनाव जीत गईं. इसके अलावा भजनलाल परिवार की बात करें तो पंचकूला सीट से कांग्रेस की टिकट पर चंद्रमोहन ने चुनाव जीता.
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल के परिवार से कुल 12 सदस्य चुनाव लड़ रहे हैं. देवीलाल के परिवार से सबसे ज्यादा सात सदस्य मैदान में हैं और इनमें से पांच तो दो सीटों पर एक-दूसरे को ही चुनौती दे रहे हैं. वहीं, बंसीलाल परिवार के दो सदस्य भी आमने-सामने हैं. जानिए इन परिवारों से कौन कहां मैदान में है.
हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही है. पर भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनावों में मिले वोट इशारा करते हैं कि टक्कर कांटे की है. बीजेपी के पक्ष में कई बातें ऐसी हैं जो कांग्रेस का काम खराब कर सकती हैं.
बीजेपी ने आठ राज्यों की नौ राज्यसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. इनमें चुनावी राज्य हरियाणा और महाराष्ट्र की एक-एक सीटें भी हैं. बीजेपी के उम्मीदवार चयन का फॉर्मूला क्या रहा?
राज्यसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट में वोकल फॉर लोकल पर जोर है तो कैडर के साथ ही बाहरियों को तवज्जो देकर संतुलन साधने की कोशिश भी. बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट में क्या है?
किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना त्यागपत्र भेज दिया है और इसमें किरण चौधरी ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देते हुए कहा है कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी व्यक्तिगत जागीर बन गई है, जिससे मेरी जैसी ईमानदार आवाजों के लिए कोई जगह नहीं बची है.
किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है. किरण चौधरी की कांग्रेस से विदाई के पीछे वजह लोकसभा चुनाव में बेटी श्रुति को टिकट नहीं मिलने से नाराजगी को बताया जा रहा है. लेकिन क्या बात बस इतनी सी ही है?
लोकसभा चुनावों में देश में सबसे अधिक कांग्रेस का वोट शेयर हरियाणा में ही है. राज्य की कुल 10 में से आधी जीतने में सफल हुई है पार्टी. इस तरह विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए एक उम्मीद जगती है. पर जिस तरह यहां कलह में कांग्रेस डूबी हुई है उससे 2019 की तरह एक बार फिर कांग्रेस का खेल खराब हो सकता है.
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राहुल गांधी और कांग्रेस लगातार कह रहे हैं कि अब यूपी में जोर लगाने का वक्त आ गया है. हालांकि हरियाणा में कांग्रेस के अंदरखाने की लड़ाई भी आज चर्चा में हैं क्योंकि कांग्रेस की पांच बार की विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री रही किरण चौधरी अपनी बेटी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के साथ बीजेपी में शामिल हो गई हैं. अब यूपी से हरियाणा तक की हलचल को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं. देखें दंगल.
हरियाणा में कांग्रेस को बड़ा झटका लग गया है. दरअसल, कांग्रेस विधायक किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने बीजेपी जॉइन कर ली है.
हरियाणा की राजनीति में बड़ा फेरबदल हुआ है. दरअसल, पूर्व सीएम बंसीलाल की बहू किरण चौधरी अपनी बेटी के साथ BJP में शामिल हो गई हैं. बीजेपी के खेमे में अब मुख्यमंत्री रह चुके देवीलाल, बंसीलाल और भजनलाल तीनों के रिश्तेदार हैं. आइए समझते हैं कि किरण चौधरी के बीजेपी में आने हरियाणा की राजनीति पर क्या फर्क पड़ेगा.