कीर्तिवर्धन सिंह (Kirti Vardhan Singh) उत्तर प्रदेश की गोंडा सीट से सांसद हैं. 2024 लोकसभा चुनाव में वह लगातार तीसरी बार में जीत हासिल की और मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में राज्यमंत्री बनाए गए. कीर्तिवर्धन ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत 1998 में समाजवादी पार्टी से की थी. उस साल उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी बृजभूषण शरण सिंह को हराकर अपने पिता आनंद सिंह की हार का बदला लिया था और पहली बार संसद पहुंचे थे.
कीर्तिवर्धन के पिता भी गोंडा से चार बार सांसद चुने गए थे. उन्होंने 1971 के चुनाव में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता. इसके बाद 1980, 1984 और 1989 में हुए चुनावों में भी आनंद सिंह ने जीत हासिल की थी. हालांकि 1991 में आनंद सिंह बीजेपी के बृजभूषण शरण सिंह से चुनाव हार गए. इसके बाद 1996 में वह सपा के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन इस बार भी सफलता हाथ नहीं लगी और इसके बाद 1996 में वह सपा के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन इस बार भी सफलता हाथ नहीं लगी और वह बृजभूषण शरण सिंह की पत्नी केतकी देवी सिंह से हार गए (Kirti Vardhan Singh Political Career).
कीर्तिवर्धन सिंह का जन्म 1 मार्च 1966 को मनकापुर तालुक्वादरी में हुआ था. एक प्रतिष्ठित वंश से आने वाले उनके परिवार के राजा आनंद सिंह और रानी वीना सिंह की विरासत समृद्ध है और इस क्षेत्र में उनके गहरे संबंध हैं.
उन्होंने भूविज्ञान के क्षेत्र में उच्च शिक्षा हासिल की और लखनऊ विश्वविद्यालय से सफलतापूर्वक मास्टर ऑफ साइंस (M.Sc.) की डिग्री प्राप्त की.
16 नवंबर 2002 को कीर्ति वर्धन सिंह ने कुंवरानी मधुश्री सिंह से शादी की. उनका एक बेटा भंवर जय वर्धन सिंह है.
सरकार से पूछा गया कि रूस में अभी भी कितने भारतीय युवा फंसे हुए हैं और उनकी सेना में सेवा दे रहे हैं और उन्हें वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय और रूस में भारतीय दूतावास ने किस तरह के कदम उठाए हैं.
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने रूसी सेना में शामिल भारतीयों के देश वापस लौटने के सवाल पर प्रतिक्रिया जाहिर की है. संसद में सपा सांसद के सवालों का जवाब देते हुए कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि 'भारत के हर सवाल को विदेश मंत्रालय और मास्को में स्थित भारतीय दूतावास द्वारा रूसी अधिकारियों के सामने मजबूती से उठाया है'. 'अभी तक रूसी सशस्त्र बल लगभग 10 भारतीय नागरिकों को छोड़ चुका है'.
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि रूसी सेना में काम कर रहे 10 भारतीय नागरिकों को रूस सशस्त्र बलों में छोड़ दिया है. उन्होंने यह भी बताया कि सभी भारतीय नागरिकों से रूस में रोजगार के अवसर तलाशने और इस युद्ध क्षेत्र से दूर रहने की अपील की है.
ये आग प्रवासी मजदूरों की एक रिहायशी बिल्डिंग में बुधवार तड़के उस समय लगी, जब अधिकतर लोग सो रहे थे. इस बिल्डिंग में कुल 196 लोग रहते थे, जिन्हें आग लगने के बाद संभलने का मौका भी नहीं मिला. अधिकतर लोगों की दम घुटने से मौत हुई है.
कुवैत के मंगाफ में बुधवार को एक बिल्डिंग में आग लग गई और जिसकी चपेट में आने से करीब 49 लोगों की मौत हो गई. इनमें से 40 लोग भारतीय हैं. भारत सरकार अब इन 40 मृतकों के शवों को वापस वतन लाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह को कुवैत रवाना कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश की गोंडा सीट से लगातार तीसरी बार चुनकर आए कीर्तिवर्धन सिंह को मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है. एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में राज्यमंत्री बनाए गए कीर्तिवर्धन ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत 1998 में समाजवादी पार्टी से की थी.
मोदी सरकार 3.0 की जंबो कैबिनेट में दूसरे दलों से आए नेताओं को भी बीजेपी ने तरजीह दी है. सरकार में करीब 10 फीसदी मंत्री ऐसे हैं जो दूसरे दलों से बीजेपी में आए थे.
कीर्तिवर्धन सिंह को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी माना जाता है. कीर्तिवर्धन के पिता आनंद सिंह भी गोंडा से चार बार सांसद चुने गए. वो पहले कांग्रेस में थे, लेकिन बाद में सपा की टिकट से चुनाव लड़े थे. कीर्तिवर्धन ने भी अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत सपा से ही की थी. 2014 में वो बीजेपी में शामिल हो गए और इस बार उन्होंने गोंडा से जीत की हैट्रिक लगाई है.