मणिपुर पुलिस ने दावा किया था कि 11 नवंबर को जिरीबाम जिले के जाकुरधोर में बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और उससे सटे सीआरपीएफ कैंप पर सशस्त्र विद्रोहियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी. इसके बाद सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ में 10 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए थे.
मणिपुर पुलिस के मुताबिक, आरोपी 34 साल का है. वह मणिपुर के चूड़ाचंदपुर जिले का निवासी है. वह जातीय संघर्ष से ग्रस्त राज्य में तोड़फोड़ की गतिविधियों में शामिल रहा है. इसी इल्जाम में उसे गिरफ्तार किया गया है.
मणिपुर में एक साल से नस्लीय हिंसा चल रही है. कुकी विद्रोहियों ने अब ड्रोन और देसी रॉकेटों से हमला शुरू कर दिया है. अभी तक किसी को ये नहीं पता कि कुकी विद्रोहियों के पास हाईटेक हथियार आ कहां से रहे हैं. कौन दे रहा है उन्हें इन हथियारों का जखीरा. पढ़िए ये खास खबर...
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने कहा कि सीमावर्ती शहर मोरेह में मैतेई पुलिस कमांडो ने कुकी आदिवासियों को आतंकित करना शुरू कर दिया है. जिसमें एक विकलांग सहित 12 निर्दोष ग्रामीणों को आज एक ऑपरेशन में उनके घरों से गिरफ्तार किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार टूटे हुए पक्के घरों के लिए 10 लाख रुपये और टूटे हुए कच्चे घरों के लिए 5 लाख रुपये देगी. लेकिन स्टार्टअप को लेकर सीएम सहायता योजना के तहत एक परिवार, एक आजीविका जैसी कई योजनाएं हैं.
पहाड़ी राज्य मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है. यहां कुकी-मैतेई समुदाय के बीच विवाद चल रहा है. वहीं, सुरक्षाबलों ने चुराचांदपुर में एक सर्च ऑपरेशन चलाया. सुरक्षाबलों ने 14 इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार, 01 सिंगल बैरल हथियार और 15 अन्य हथियार बरामद किए गए.
इंफाल में कुकी इलाके की सुरक्षा करने वाले स्वयंसेवक एस प्राइम वैफेई ने कहा कि हममें से 24 लोगों को अपना सामान पैक करने का भी समय नहीं दिया गया और हमें केवल पहने हुए कपड़ों के साथ गाड़ियों में ले जाया गया. वहीं, कुकी परिवारों ने आरोप लगाया कि उन्हें न्यू लाम्बुलेन क्षेत्र में मोटबुंग में उनके आवासों से जबरन बेदखल कर दिया गया है.