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कोंडागांव

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कोंडागांव (Kondagaon) जिला भारत के छत्तीसगढ़ राज्य का एक जिला है (District of Chhattisgarh). इसे 24 जनवरी 2012 को बस्तर जिले से अलग कर एक नया जिला बनाया गया था (Kondagaon Formation Date). जिले का मुख्यालय कोंडागांव शहर है (District Headquarter). यह ज्यादातर अपने घंटी धातु शिल्प और अन्य कला रूपों के लिए प्रसिद्ध है जो बस्तर के आदिवासी के मूल निवासी बनाते हैं. क्षेत्र में उत्पादित विभिन्न प्रकार के स्वदेशी शिल्प के कारण छत्तीसगढ़ के शिल्प शहर के रूप में भी जाना जाता है. इसका कुल क्षेत्रफल 7,768 वर्ग किमी है (Kondagaon Area).

कोंडागांव का सामान्य नाम कोंडानार है, जिसका अर्थ है गोंडी में 'घोड़ों का गांव'. 15 अगस्त 2011 को मुख्यमंत्री रमन सिंह (CM Raman Singh) ने कोंडागांव को एक अलग जिला घोषित किया.

2011 की जनगणना के अनुसार  कोंडागांव जिले की जनसंख्या 578,326 है (Kondagaon Population). जिले का जनसंख्या घनत्व 74 व्यक्ति प्रति किमी है (Kondagaon Density).

हरे भरे जंगल से आच्छादित, कोंडागांव अपने प्राकृतिक पर्यावरण और पुरातत्व के लिए जाना जाता है. जिला कोंडागांव के केशकल ब्लॉक में, एक दर्जन से अधिक झरने और कुछ गुफाएं कुछ साल पहले मिली हैं. कुछ सबसे प्रसिद्ध झरनों, गुफाओं, घाटियों और पुरातत्व स्थलों में से कटुलकासा जलप्रपात, होनहेडो बिजकुदुम जलप्रपात, उपर-मुरवेंदो उमरदाह झरना, अलोर गुफा,बिजकुदुम गुफा, केशकल वैली और अमरावती शामिल है (Kondagaon Tourism).

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