खड्ग प्रसाद शर्मा ओली (केपी ओली) नेपाल के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री हैं. वह पहले भी साल 2015 से 3 अगस्त 2016 तक प्रधानमंत्री रहे हैं (KP Oli, PM Nepal).
ओली को 2015 के नेपाल नाकाबंदी के दौरान और उसके बाद भारत सरकार के संबंध में अधिक सख्त रुख अपनाने के लिए जाना जाता है. उन्होंने भारत के साथ नेपाल के पारंपरिक घनिष्ठ व्यापारिक संबंधों के विकल्प के रूप में चीन के साथ संबंधों को मजबूत किया और भारत के साथ विवादित क्षेत्रों सहित संवैधानिक संशोधन द्वारा नेपाल के मानचित्र को अद्यतन किया, जिसके लिए उन्हें कुछ घरेलू प्रशंसा और राष्ट्रवादी के रूप में प्रतिष्ठा मिली.
उनका जन्म 22 फरवरी 1952 को हुआ था. ओली ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1966 में उस समय लागू पार्टीविहीन पंचायत प्रणाली के विरोध में की थी. वे फरवरी 1970 में नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए.
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि इन घटनाओं से साबित होता है कि पूर्व राजा ज्ञानेंद्र ने संविधान जारी होते समय किए गए समझौते का उल्लंघन किया है. उन्होंने प्रदर्शनकारियों के चेतावनी देते हुए कहा कि इस देश में सभी को संविधान का पालन करना ही पड़ेगा, यहां तक कि देश के पूर्व राजा भी कानून के दायरे से बाहर नहीं हैं.
हिंसक झड़प के बाद नेपाल की ओली सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की सुरक्षा को पूरी तरीके से बदल दिया है. जितने भी सुरक्षाकर्मी उनकी ड्यूटी पर लगे थे, उन सबको बदल दिया गया है. साथ ही उनकी सुरक्षा को घटा भी दिया है. पहले जहां ज्ञानेंद्र शाह को 25 सुरक्षाकर्मियों द्वारा सिक्योरिटी दी जाती थी, उसे घटाकर अब 16 कर दिया गया है.
गोरखनाथ मठ और नेपाल के राजाओं के बीच मधुर संबंध रहे हैं. कहा जाता है कि गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में हर साल 14 जनवरी को लगने वाले खिचड़ी मेले में गुरु गोरखनाथ को पहली खिचड़ी नेपाल नरेश के परिवार की ओर से चढ़ाई जाती है. पर योगी के नेपाल में पोस्टर बॉय बनने के पीछे केवल यही नहीं है.
नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के पक्ष में लोगों का भावनात्मक जुड़ाव देखकर नेपाल की सत्ता और विपक्ष में मौजूद कम्युनिस्ट पार्टियां सतर्क हो गई हैं और सहम गई हैं. नेपाल की मुख्य विपक्षी पार्टी सीपीएन (माओवादी सेंटर) ने काठमांडू में हुए राजशाही के समर्थन में प्रदर्शन के बाद तराई-मधेश जिलों में महीने भर से चल रहे ‘जागृति अभियान’ को अचानक रोक दिया. वही पीएम ओली ने इस प्रदर्शन का बाहरी कनेक्शन बताया.
16 साल पहले की ही बात है नेपाल दुनिया का एकमात्र हिन्दू राष्ट्र हुआ करता था. 2008 तक ज्ञानेंद्र शाह नेपाल के राजा हुआ करते थे. लेकिन एक माओवादी आंदोलन और एक कथित वामपंथी क्रांति के बाद भारत के इस पड़ोसी देश में सत्ता परिवर्तन हुआ और ज्ञानेंद्र शाह को सिंहासन खाली करना पड़ा. लेकिन नेपाल में एक बार फिर से बदलाव की हवा चल रही है.
ओली और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने संकेत दिया कि देश के कुछ हिस्सों में राजशाही समर्थकों की गतिविधियां बढ़ रही हैं. ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र ने हाल ही में कहा था कि उनके सक्रिय भूमिका निभाने का समय आ गया है. राजशाही समर्थक पार्टी 'राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी' भी इस समय देश के कई हिस्सों में राजशाही बहाली के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित कर रही है.
बाबर आजम ने SA बनाम PAK 2024 वनडे में अर्धशतक के साथ एमएस धोनी को पीछे छोड़ दिया है, उन्होंने यह कारनामा 19 जनवरी को केपटाउन में अपने नाम किया.
भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर चीन के एक पूर्व अधिकारी ने कहा है कि उनका देश दूसरे देशों की एक इंच जमीन भी नहीं चाहता. उन्होंने कहा है कि चीन के पास पर्याप्त जमीन है और वो अपनी जमीन का एक इंच भी किसी अन्य देश के लिए नहीं छोड़ेगा. पूर्व अधिकारी ने भारत- नेपाल रिश्तों पर भी टिप्पणी की है.
प्रधानमंत्री ओली को चीन के प्रति एक मजबूत समर्थनकर्ता माना जाता है. उनकी सरकार नेपाल और चीन के बीच अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश कर रही है, जिससे भारत से नेपाल की निर्भरता कम हो सके. यह यात्रा भारतीय प्रधानमंत्री से निमंत्रण न मिलने के बाद हो रही है, जबकि नेपाल की विदेश मंत्री अर्जु राणा देवबाह ने पहले भारत का दौरा किया था और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की थी.
नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली 2-5 दिसंबर को बीजिंग की यात्रा करेंगे. यह उनके कमान संभालने के बाद किसी पड़ोसी देश की पहली यात्रा होगी. ओली की इस यात्रा का उद्देश्य चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है.
नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली अगले महीने की शुरुआत में चीन दौरे पर जाने वाले हैं. उनके इस दौरे को लेकर भारत में काफी चर्चा है क्योंकि वो लंबे समय से चली आ रही वो परंपरा तोड़ रहे हैं जिसमें कोई भी नेपाली पीएम पद ग्रहण करने के बाद अपने पहले विदेश दौरे में भारत आता है. इसे लेकर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित किया है.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूयॉर्क में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन में अमेरिका की प्रमुख कंपनियों के सीईओ और टेक लीडर्स से मुलाकात और बातचीत की. पीएम मोदी ने भारत की विकास संभावनाओं पर जोर दिया और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और इनोवेशन को बढ़ावा देने की पहल पर चर्चा की.
नेपाल के पीएम ओली ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद कहा, 'बैठक बहुत अच्छी रही.' बता दें कि इस साल जुलाई में पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के बाद केपी शर्मा ओली के तीसरी बार नेपाल के पीएम के रूप में शपथ लेने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक है.
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा, "हमारी अपनी पहचान है, अलग सभ्यता और संस्कृति है, इसलिए यह कहने का कोई मतलब नहीं कि बांग्लादेश में जो राजनीतिक अशांति हुई, वह नेपाल में भी दोहराई जा सकती है."
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि नेपाल भारत और चीन दोनों के साथ संतुलित तरीके से फ्रेंडली रिलेशन बनाए रखता है. उन्होंने पड़ोसी देशों के बीच विवादों को स्वाभाविक बताते हुए इन्हें खुले संवाद के माध्यम से सुलझाने पर जोर दिया.
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नेपाल आने के लिए निमंत्रण भेजा है. वह हाल ही में चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं. प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से निमंत्रण पर कोई टिप्पणी नहीं आई है. वह नेपाल दौरे पर जाएंगे या नहीं, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है.
ओली के बेमेल गठबंधन में क्या चल पाएगा चीन का खेल? जानिए नेपाल में सत्ता बदलने का भारत पर कितना असर हो सकता है.
शुक्रवार को नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड संसद में विश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे. फ्लोर टेस्ट में प्रचंड सरकार गिरने की संभावनाएं हैं. इसके इतर नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल ने गुरुवार को व्हिप जारी कर अपने सांसदों को प्रचंड के खिलाफ मतदान करने का निर्देश दिया है. साथ ही देउबा और ओली ने नई सरकार के गठन पर मंथन शुरू कर दिया है.
नेपाल में एक बार फिर सत्ता बदलने जा रही है. केपी शर्मा ओली, जो अबतक पुष्प कमल दहल "प्रचंड" की सरकार में सहयोगी थे, प्रधानमंत्री बनेंगे. यह उनका तीसरा कार्यकाल होगा. हालांकि, नई सरकार के गठन के लिए केपी ओली का शपथग्रहण कब होगा, यह अभी फाइनल नहीं है.
ओली 11 अक्टूबर, 2015 से 3 अगस्त, 2016 तक देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं.इस दौरान नई दिल्ली के साथ काठमांडू के संबंध तनावपूर्ण थे. इसके बाद उन्होंने 5 फरवरी 2018 से 13 मई, 2021 तक पीएम रहे थे. तब भी दोनों देशों के संबंधों में खटास आई थी.
नेपाल में एक बार फिर सरकार बदल गई है. नवंबर 2022 से सत्ता में रहे पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' की सरकार गिर गई है और केपी शर्मा ओली एक बार फिर प्रधानमंत्री बन गए हैं. ऐसे में जानते हैं कि नेपाल में सरकार बदलने का भारत पर क्या असर हो सकता है? और चीन क्या कुछ खेल कर सकता है?