12 जून 2024 को कुवैत की एक इमारत में आग लग गई, जिसमें 49 लोगों की मौत हो गई और 30 घायल हो गए. मरने वालों में 40 भारतीय शामिल हैं जिसमें अभी तक केरल के रहने वालों की पहचान हो पाई है. इस अग्निकांड में मरने वाले ज्यादातर केरल और तमिलनाडु के लोग हैं (Kuwait Agnikand).
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत में आग लगने की घटना में मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतक भारतीय नागरिकों के परिवारों को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा भी की गई है.
दैनिक अरब टाइम्स ने हिरासत में लिए गए युवकों के नाम बताए बिना कहा कि लोक अभियोजन ने अल-मंगाफ इमारत में आग लगने के मामले में एक कुवैती नागरिक, तीन भारतीय नागरिकों और चार मिस्र के नागरिकों को दो सप्ताह के लिए हिरासत में रखने का आदेश दिया है. आरोपियों पर हत्या और लापरवाही का आरोप लगाया गया है.
वाराणसी के इंजीनियर प्रवीण सिंह की कुवैत हादसे में मौत हो गई और उनका शव शनिवार सुबह शिवपुर स्थित घर पहुंचा. फिर महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर प्रवीण को छोटे भाई ने उनको मुखाग्नि दी. वहीं, मृतक के पिता ने भारत सरकार से मांग की है कि जो भी कुवैत अग्निकांड में दोषी पाए जाते हैं उनके ऊपर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
'मेरे कमरे में लॉक नहीं है. जब भी किसी को जरूरत पड़े, आवाज देकर बुला लेता है, चाहे सुबह के 5 बजे हों, या आधी रात. कोई काम पसंद न आए, मालिक मुंह पर थूक देते हैं. मेरा काम थूक पोंछकर फिर काम पर लग जाना है.' भारत से काम की तलाश में खाड़ी मुल्क जाते मजदूरों पर तो बात होती है, लेकिन औरतों की तकलीफ यहां भी परदे की ओट में हैं. ये कहानी है जसमीत की, जो डेढ़ साल से 14 लोगों के घर में कैद हैं.
केरल के बिजनेसमैन केजी अब्राहम उस नासेर मोहम्मद अल-बद्दाह एंड पार्टनर ट्रेडिंग एंड कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी (NBTC) के प्रबंध निदेशक हैं, जिसके पास कुवैत की उस इमारत का स्वामित्व है, जिसमें 12 जून को आग लगने की घटना में 45 भारतीय श्रमिकों की जान चली गई थी. यह कंपनी इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, लॉजिस्टिक्स, होटल और रिटेलिंग के क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करती है.
कुवैत के मंगाफ में 12 जून को लगी भीषण आग में मारे गए 45 भारतीयों के शव लेकर भारतीय वायुसेना का स्पेशल एयरक्राफ्ट शुक्रवार को भारत पहुंचा. ये केरल के कोच्चि एयरपोर्ट पर लैंड हुआ, क्योंकि मृतकों में सबसे ज्यादा 23 लोग केरल के हैं. जान गंवाने वाले अन्य 22 लोगों में तमिलनाडु के 7, आंध्र-उत्तर प्रदेश के 3-3 और बिहार, ओडिशा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा, पंजाब और पश्चिम बंगाल के 1-1 लोग हैं.
भारत से लगभग 3300 किलोमीटर दूर बसा कुवैत भारतीयों को पसंद क्यों है? जानिए इसके पीछे की वजह.
कुवैत की एक इमारत में आग लगने से 40 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई है और 30 से ज्यादा नागरिक घायल हैं. इस घटना के बाद, भारत समेत पूरी दुनिया में कुवैत चर्चा का विषय बना हुआ है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुवैत में नौकरी करने के लिए इतनी बड़ी तादाद में भारतीय क्यों जाते हैं?
कुवैत में कितने भारतीय नागरिक रहते हैं? जानिए कितनी है कुवैत की आबादी.
कुवैत की छह मंजिला इमारत में लगी आग में 45 भारतीयों की मौत हुई है. इन भारतीयों के शव आज विशेष विमान से स्वदेश लाए गए हैं. बिल्डिंग में लगी भीषण आग में मरने वालों में रांची का एक शख्स अली हुसैन भी है.
वाराणसी के इंजीनियर प्रवीण सिंह की कुवैत हादसे में मौत हो गई है. वह हाल ही में 15 दिन की छुट्टी पर घर आए थे. जाते टाइम उन्होंने अपने बुजुर्ग पिता से कहा था कि उनका इस बार जाने का मन नहीं हो रहा है. अगले साल हमेशा के लिए वापस आ जाऊंगा. लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था.
कुवैत की इमारत में लगी आग में पंजाब के होशियारपुर जिले के 63 वर्षीय हिम्मत रॉय की भी मौत हो गई. हिम्मत रॉय परिवार में अकेले कमाने वाले थे. उनकी मौत के बाद अब उनका परिवार बहुत बुरी स्थिति में है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दावा किया था कि विदेश से अंग्रेज पंजाब में व्यापार के लिए आएंगे. लेकिन सुनहरे भविष्य के लिए विदेश गए पंजाबियों की दुर्घटनाओं में जान चली गई और अब उनके शव पंजाब लौट रहे हैं.
कुवैत की एक बिल्डिंग में लगी आग से अब तक दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है. आखिर कुवैत में बड़ी मात्रा में भारतीय मजदूर क्यों जाते हैं?
कुवैत के मुंगाफ में छह मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में मरने वाले पचास लोगों में 45 भारतीय भी हैं, जिनके शव भारत आ गए हैं. ये आग बुधवार तड़के चार बजे के आसपास लगी थी.
कुवैत अग्निकांड में मारे गए 45 भारतीयों के शव लेकर भारतीय वायुसेना का विमान केरल के कोच्चि एयरपोर्ट पर लैंड हो चुका है. बता दें कि कुवैत के मंगाफ शहर में बहुमंजिला इमारत में लगी भीषण आग में कुल 45 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई थी. देखें वीडियो.
कुवैत के मुंगाफ में छह मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में मरने वाले पचास लोगों में 45 भारतीय भी हैं, जिनके शव भारत आ गए हैं. ये आग बुधवार तड़के चार बजे के आसपास लगी. छह मंजिला इस इमारत के किचन में आग लगी, जो पूरी बिल्डिंग में फैल गई. यहां रहने वाले अधिकतर मजदूर नाइट शिफ्ट करके लौटे थे और सो रहे थे. आग लगने की वजह से कई लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला.
कुवैत की बिल्डिंग में ये आग बुधवार तड़के चार बजे के आसपास लगी. छह मंजिला इस इमारत के किचन में आग लगी, जो पूरी बिल्डिंग में फैल गई. यहां रहने वाले अधिकतर मजदूर नाइट शिफ्ट करके लौटे थे और सो रहे थे. आग लगने की वजह से कई लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला.
Kuwait Fire: गोरखनाथ थाना क्षेत्र के जटेपुर उत्तरी के रहने वाले अंगद गुप्ता लगभग 9 वर्ष पूर्व कुवैत गए थे और वहां पर एक प्राइवेट कंपनी में कैशियर का काम करते थे. गुरुवार को मंगाफ शहर के एक बहुमंजिला मॉल में हुए अग्निकांड में उनकी मौत हो गई. परिजनों को ये बात गुरुवार को एंबेसी से फोन कॉल के जरिये पता चली, उनका रो-रो कर बुरा हाल है.
कुवैत अग्निकांड जान गंवाने वाले 45 भारतीयों के शव भारत की धरती पर पहुंच चुके हैं. एयरफोर्स का विशेष विमान उनके शवों को लेकर केरल के कोच्चि में लैंड हो चुका है. अब इन शवों को उनके परिवारों के हवाले कर दिया जाएगा.
कुवैत अग्निकांड में मारे गए लोगों में से 23 नागरिक केरल के हैं. जिनके पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह 8.30 बजे कोच्चि एयरपोर्ट पर लाए जाएंगे. इसके बाद उन्हें तुरंत उनके घर ले जाया जाएगा.
कुवैत में हुए आग हादसे में मारे गए 45 भारतीयों के पार्थिव शरीर को लेकर भारतीय वायुसेना (IAF) का स्पेशल एयरक्राफ्ट कोच्चि के लिए रवाना हो गया है.
कुवैत के मीडिया के मुताबिक आग रसोई में लगी थी, अधिकांश मौतें धुएं के कारण हुईं. ये हादसा बुधवार की सुबह 4.30 बजे अल-अहमदी गवर्नरेट के अधिकारियों हादसे की सूचना दी गई थी. इसका मतलब ये आग अलसुबह लगी थी, जिस वक्त लोग नींद के आगेश में थे. कुवैत के मीडिया के अनुसार निर्माण कंपनी NBTC ग्रुप ने 195 से ज्यादा श्रमिकों के रहने के लिए बिल्डिंग किराए पर ली थी, जिनमें से अधिकांश केरल, तमिलनाडु और उत्तरी राज्यों के भारतीय रह रहे थे.