लालू प्रसाद यादव, राजनेता
लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) भारत के बिहार राज्य के राजनेता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष (RJD President) रहे. इनका जन्म 11 जून 1948 को बिहार के गोपालगंज में हुआ था (Date Of Birth). लालू यादव 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री (Chief Minister Bihar) रहे. बाद में, उन्हें 2004 से 2009 तक केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में रेल मंत्री(Railway Minister) बनाया गया.
लालू यादव को बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला (1997) (Fodder Scam) मामले में रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की अदालत ने पांच साल के कारावास की सजा सुनाई थी. इस सजा के लिए उन्हें बिरसा मुण्डा केन्द्रीय कारागार, रांची (Birsa Munda Central Jail, Ranchi) में रखा गया. न्यायलय ने 3 अक्टूबर 2013 को उन्हें पांच साल की कैद और पच्चीस लाख रुपए के जुर्माने की सजा दी. दो महीने तक जेल में रहने के बाद लालू प्रसाद यादव को 13 दिसम्बर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली. चारा घोटाला मामले के बाद यादव को मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा. अपनी पत्नी राबड़ी देवी ( Wife Rabari Devi) को सत्ता सौंपकर वे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष बन गये और परोक्ष रूप से सत्ता की कमान अपने हाथ में रखी.
सजा भुगत रहे लालू यादव की लोक सभा की सदस्यता समाप्त कर दी गयी है. चुनाव के नए नियमों के मुताबिक लालू प्रसाद पर 11 सालों के लिए लोक सभा चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई है जिसके बाद लालू प्रसाद यादव, संसद की सदस्यता गंवाने वाले लोक सभा के पहले सांसद हो गए.
लालू यादव ने बतौर छात्र नेता जयप्रकाश नारायण के जेपी आंदोलन (JP Total Revolution) से राजनीति की शुरुआत की. उन्होंने 1970 में पटना यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (Patna University Students Union) के महासचिव के रुप में छात्र राजनीति में प्रवेश किया और 1973 में इसके अध्यक्ष बने. 1977 में आपातकाल (Emergency) के बाद, लोक सभा चुनाव में लालू यादव जीते और पहली बार 29 साल की उम्र में लोकसभा पहूंचे. 1980 से 1989 तक वे दो बार बिहार विधान सभा के सदस्य रहे साथ ही विपक्ष के नेता पद पर भी रहे.
इनका आधिकारिक ट्विटर हैंडल @laluprasadrjd और इंस्टाग्राम पर @laluprasadrjd यूजरनेम से एक्टिव हैं.
बिहार विधानसभा चुनावों में इस बार जनता के सामने सबसे बड़ा मुद्दा लालू-राबड़ी के 15 साल बनाम नीतीश के 19 साल बनने वाला है. एनडीए ही नहीं महागठबंधन भी शायद इस मुद्दे को लेकर गंभीर है. तेजस्वी यादव ने पूरी तैयारी के साथ सामने आ रहे हैं.
बिहार विधानसभा में एक बार फिर नीतीश कुमार का गुस्सा देखने को मिला. तेजस्वी जब लगातार नीतीश सरकार के काम पर प्रहार कर रहे थे तो नीतीश तिलमिला गए. नीतीश ने सीधे लालू यादव पर टिप्पणी की और कहा कि लालू को उन्होंने ही बनाया है जबकि लालू की जाति के लोग भी इसके खिलाफ थे. देखें.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर विधानसभा में जमकर निशाना साधा है. मंगलवार को बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. दोनों के बीच राज्य के बुनियादी ढांचे को लेकर बहस हो रही थी, जो ‘बाप’ तक पहुँच गयी. देखिए VIDEO
बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन में सीएम चेहरे को लेकर मतभेद उभरा है. आरजेडी तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बता रही है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि चुनाव के बाद विधायक दल तय करेगा. देखिए VIDEO
बिहार विधानसभा में मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर कम, जातियों पर चर्चा अधिक हुई. जाहिर है कि विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर सभी नेता और दल अपनी समर्थक जातियों को गोलबंद करने में जुटी हुई हैं.
बिहार विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू यादव और तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि लालू को उन्होंने ही बनाया था, वरना उनकी जाति के लोग भी उनका विरोध कर रहे थे. नीतीश ने लालू राज में पटना की खराब कानून व्यवस्था का जिक्र किया. VIDEO
बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए लालू प्रसाद यादव और उनके पुत्र तेजस्वी यादव पर तीखा हमला किया. नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि लालू यादव को उन्होंने राजनीति में उभारा था, लेकिन आज उनकी ही जाति के लोग लालू के विरोध में खड़े हैं.
कांग्रेस अपनी खोई हुई ताकत हासिल करने में जुट गई है, और लगता नहीं कि अब वो हार और जीत की कोई परवाह करने वाली है. सफर का अगला पड़ाव बिहार चुनाव है. और, जो लक्षण सामने नजर आ रहे हैं, वहां भी दिल्ली दोहराये जाने के प्रबल संकेत मिल रहे हैं.
नीतीश कुमार को बिहार में होने वाले हर विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी से गठबंधन का नेता होने का सर्टिफिकेट लेना पड़ता है, और थोड़े ना-नुकुर के बाद मिल भी जाता है - लेकिन, आने वाले चुनाव को लेकर बीजेपी के मन में थोड़ा संकोच देखने को मिल रहा है.
बिहार विधान परिषद में राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार सरकार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने नीरज कुमार द्वारा लालू यादव को कैदी नंबर से संबोधित करने पर आपत्ति जताई. राबड़ी ने कहा कि लालू यादव ने कोई चोरी नहीं की और बिना सबूत के उन्हें सजा दी गई. उन्होंने सीबीआई की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए. देखिए सदन में कैसे बिफरीं राबड़ी देवी.
नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की लड़ाई महज पिता की राजनीति विरासत पर काबिज होने भर की नहीं है, उनके वोट बैंक को बीजेपी और आरजेडी की नजर से बचाने की भी है.
बिहार के विकास मॉडल को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने लालू प्रसाद यादव के शासनकाल की तीखी आलोचना की और कहा कि नई पीढ़ी उनके 'खतरनाक मॉडल' को नहीं अपनाएगी. वहीं, गिरिराज ने मोदी-नीतीश के नेतृत्व में 'डबल इंजन' सरकार की उपलब्धियों की तारीफ की.
नीतीश कुमार कुमार बुरी तरह घिरे हुए हैं, लेकिन ऐसा कोई पहली बार नहीं है. और, हमेशा की तरफ अब भी वो पेच फंसाये हुए हैं, पटना से दिल्ली तक. अब तो उनका बेटा भी मैदान के करीब नजर आ रहा है - देखना ये है कि उनकी कितनी दिलचस्पी है.
एनडीए एक बार फिर जंगल राज को मुद्दा बनाकर जनता के डर को कैश कराने की फिराक में है. पर क्या 20 साल बाद भी आम लोग लालू यादव के कार्यकाल की गलतियों को आधार बनाकर वोटिंग करेंगे? क्या 2025 में भी यह विषय चुनावी मुद्दा बनने के लायक है?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार इन दिनों सक्रिय हुए हैं. अक्सर मीडिया से दूरी बनाकर रहने वाले निशांत इन दिनों जब खुलकर बिहार की राजनीति और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव पर प्रतिक्रिया देने लगे तो सियासी गलियारे में तरह-तरह के कयास भी उन्हें लेकर लगाए जाने लगे. निशांत ने एनडीए को फिर से जीत दिलाकर अपने पिता नीतीश कुमार को फिर एकबार मुख्यमंत्री बनाने की अपील की है.
क्या राहुल गांधी के महाकुंभ जाने की चर्चा भी बिल्कुल वैसी ही थी, जैसी राम मंदिर उद्घाटन को लेकर थी? राहुल गांधी ने एक बार फिर सॉफ्ट हिंदुत्व का रास्ता अख्तियार करने के बजाय ममता बनर्जी और लालू यादव जैसा स्टैंड लिया है?
बिहार में कल पीएम मोदी ने लालू यादव के शासन काल को जंगलराज करार दिया. चारा घोटाले का जिक्र किया था. आज जब लालू यादव परिवार को नौकरी के बदले जमीन घोटाला केस में पेशी का समन मिल गया. तो जंगलराज और घोटाले पर चुनावी घेराबंदी की राजनीति फिर शुरू हो गई. ऐसे में सवाल कि क्या इस बार फिर बिहार में चुनाव की पिच करप्शन और जंगलराज पर सेट होगी. क्या चुनावी सीजन में घोटालों की खुलती फाइलों की टेंशन आरजेडी के लिए महंगी साबित हो सकती है.
दिल्ली की कोर्ट ने लालू यादव, तेजस्वी, तेज प्रताप, राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव को रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाला केस में 11 मार्च को पेश होने का समन जारी किया है. सीबीआई ने 78 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. 2004-2009 के बीच रेलवे में ग्रुप डी पोस्ट पर भर्ती में घोटाला हुआ था. जांच में पता चला कि लालू परिवार को सात प्लॉट्स मिले थे. आरजेडी इसे केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग बता रही है, जबकि भाजपा इसे कानूनी प्रक्रिया कह रही है.
दिल्ली कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव समेत परिवार के छह सदस्यों को रेलवे नौकरी के बदले जमीन घोटाले में समन जारी किया है. आरजेडी ने इस कदम को केंद्र की एजेंसियों द्वारा राजनीति करने का आरोप लगाया है. देखें.
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने नौकरी के बदले जमीन मामले में समन जारी कर लालू परिवार को 11 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है. लालू परिवार को पेशी का समन मिलने के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है. आरजेडी का कहना है कि विपक्ष को परेशान करने के लिए केंद्र जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहा है, क्योंकि बिहार में चुनाव तो ये सब किया जा रहा है.
बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव और अभिषेक झा के बीच तीखी बहस छिड़ गई है. अभिषेक झा ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया कि वे नौकरियों का श्रेय लेते हैं, लेकिन अपराधों की जिम्मेदारी नहीं लेते. दूसरी ओर राजद ने भाजपा पर लालू यादव के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया. देखें.