लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (Light Combat Helicopter) एक भारतीय अटैक हेलीकॉप्टर है (Attack Helicopter), जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने डिजाइन और निर्माण किया है. LCH का आदेश भारतीय वायु सेना (IAF) और भारतीय सेना ने दिया है. इसकी उड़ान की सीमा सभी हमलावर हेलीकाप्टरों में सबसे ऊंची है.
दरअसल Light Combat Helicopter के विकास के लिए प्रेरणा कारगिल युद्ध के बाद आई थी. जब भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष हो रहा था, वस वक्त भारतीय सशस्त्र बलों के पास एक उपयुक्त सशस्त्र रोटरक्राफ्ट की कमी थी जो उच्च ऊंचाई वाले थिएटर में संचालन करने में सक्षम हो. इसके बाद एचएएल और भारतीय सशस्त्र बलों दोनों ने इस भूमिका में प्रदर्शन करने के लिए एक लड़ाकू हेलीकॉप्टर की की दिशा में प्रयास शुरू कर दिया. 2006 के दौरान, कंपनी ने घोषणा की कि रोटरक्राफ्ट का उत्पादन करने के लिए एक विकास कार्यक्रम शुरू किया गया है. मूल रूप से, एलसीएच को दिसंबर 2010 तक प्रारंभिक परिचालन क्षमता (IOC) प्राप्त करने का अनुमान था, हालांकि इस प्रकार का विकास लंबा था (Light Combat Helicopter Manufacturing).
29 मार्च 2010 को LCH प्रोटोटाइप ने अपनी पहली उड़ान का प्रदर्शन किया. कुल चार प्रोटोटाइप का व्यापक परीक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इन परीक्षणों के दौरान, LCH ने सियाचिन (Siachen) में उतरने वाला पहला अटैक हेलीकॉप्टर होने का गौरव प्राप्त किया, जो बार-बार कई ऊंचाई वाले हेलीपैड पर उतरा. इनमें से कुछ 13,600 फीट से 15,800 फीट तक ऊंचे थे. 2016 के दौरान, LCH के प्रदर्शित परीक्षणों को मान्यता दी गई थी (Light Combat Helicopter Performance Test). 26 अगस्त 2017 को एलसीएच का औपचारिक उद्घाटन किया गया (Light Combat Helicopter Inauguration Date).
19 नवंबर 2021 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औपचारिक रूप से Light Combat Helicopter को IAF एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी को सौंप दिया (Light Combat Helicopter Handover to IAF)
नाइजीरिया दुनिया का पहला देश बनने जा रहा है जो भारत से चार लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (LCH) खरीदेगा. इस हेलिकॉप्टर को इंडियन एयरफोर्स प्रचंड बुलाती है. इस डील से भारत और इस अफ्रीकी देश के रणनीतिक संबंधों में बढ़ोतरी होगी.
भारत के रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को RFP जारी करते हुए भारतीय थल सेना के लिए 90 और वायु सेना के लिए 66 लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर की मांग की है. यानी प्रचंड अटैक हेलिकॉप्टर्स की. आइए जानते हैं कि इन हेलिकॉप्टरों से देश की सेनाओं को कितना फायदा होगा?
रुद्र एक एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर है. ये वायुसेना के पास 16 और आर्मी के पास 75 हैं. यह एक हथियारबंद यूटिलिटी हेलिकॉप्टर है. इसे दो पायलट उड़ाते हैं. इसमें 12 जवान बैठ सकते हैं. ये अधिकतम 20 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें 8 ध्रुवास्त्र मिसाइल तैनात किए जा सकते हैं.
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force - IAF) ने रक्षा मंत्रालय से 156 प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर्स (LCH Prachand) की मांग की है. इनमें से 66 हेलिकॉप्टर्स वायुसेना के पास रहेंगे. जबकि, 90 भारतीय थल सेना (Indian Army) के पास जाएंगे. इन हेलिकॉप्टर्स को चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात किया जाएगा.
पिछले दिनों हुए हादसों के बाद से स्वदेशी एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव की फ्लाइंग रोक दी गई थी. जांच की जा रही थी. पता चला है कि उसके कुछ यंत्रों के डिजाइन में और मेटलर्जी की संभावित दिक्कत है. इन दिक्कतों को ठीक किया जा रहा है. इसके बाद ये हेलिकॉप्टर्स वापस अपने-अपने तय स्थानों पर भेज दिए जाएंगे.
अरुणाचल प्रदेश में आर्मी का एक हेलिकॉप्टर 'चीता' दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. आज सुबह 09:15 बजे इस हेलीकॉप्टर ने बोमडिला के पास से ऑपरेशनल उड़ान भरी और कुछ ही देर बार इसका एटीसी से संपर्क टूट गया. बाद में खबर आई की यह दुर्घटना का शिकार हो गया है.
गणतंत्र दिवस 2023 के परेड में इस बार भारतीय मिलिट्री के उन हथियारों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिससे दुश्मन की रूह कांपती है. इनमें मिसाइलें, रॉकेट्स, अटैक हेलिकॉप्टर्स और फाइटर जेट्स शामिल हैं. आइए जानते हैं कि इस बार कर्तव्यपथ पर इंडियन डिफेंस सिस्टम के कौन से हथियारों को दिखाया जाएगा.
भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) आईसीजी एयर स्टेशन चेन्नई में एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH MK-III) को कमीशन किया. इससे दक्षिण भारत के तटीय इलाकों की सुरक्षा में इजाफा हुआ है. देश में ही बने इस हमलावर हेलिकॉप्टर की मांग कई सेनाओं में है. ये सेनाएं इन हेलिकॉप्टरों को बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल कर रही हैं. जानिए इसकी खासियतें...
भारतीय तटरक्षक बल के एयर इनक्लेव में 15वां एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH MK-III) जुड़ गया है. इस हेलिकॉप्टर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया है. भारत में ही बने इस हेलिकॉप्टर की मांग भारत की कई सेनाओं में है. ये सेनाएं इन हेलिकॉप्टरों को बेहतरनी तरीके से इस्तेमाल कर रही हैं. आइए जानते हैं इसकी खासियतें...
जोधपुर एयरबेस पर LCH Prachand की तैनाती के बाद अब भारतीय वायुसेना की तैयारी है कि इसे महिला पायलट उड़ाएं. इसकी योजना तैयार की जा रही है. क्योंकि वायुसेना का महिला फाइटर पायलट्स ने एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर उड़ाया हुआ है. इसलिए इनकी तैनाती प्रचंड हेलिकॉप्टर के लिए की जा सकती है.
भारतीय सेना उत्तर-पूर्व में चीन सीमा के पास LCH Prachand को तैनात करने जा रहा है. तैनाती असम के मिस्सामारी आर्मी एविएशन बेस पर होगा. यह बेस लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से 150 KM दूर है. यानी चीन की नापाक हरकतों पर नजर रखने और जरुरत पड़ने पर करारा जवाब देने के लिए भारत की तगड़ी तैयारी है.
केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जोधपुर एयरबेस पर लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर प्रचंड भारतीय वायुसेना को सौंपा. उसमें उड़ान भी भरी. अलग तरह का सूट पहनकर. जो आमतौर पर हेलिकॉप्टर या फाइटर जेट पायलट पहनते हैं. आखिर इस सूट को पहनते क्यों हैं? इसका नाम क्या है? ये कैसे बनता है? इसे पहनने से फायदा क्या होता?