लिथियम (Lithium) एक रासायनिक तत्व है. यह एक नरम, चांदी की तरह सफेद अल्काइन मेटल है. मानक परिस्थितियों में, यह सबसे कम घनत्व वाला धातु और ठोस तत्व है. सभी अल्काइन मेटल की तरह, लिथियम अत्यधिक प्रतिक्रियाशील और ज्वलनशील है. इसे निर्वात, निष्क्रिय वातावरण या निष्क्रिय तरल जैसे शुद्ध मिट्टी के तेल या खनिज तेल में संग्रहित किया जाता है. लिथियम क्लोराइड और पोटेशियम क्लोराइड के मिश्रण से लिथियम धातु को इलेक्ट्रोलाइटिक रूप से अलग किया जाता है (What is Lithium).
पेटालाइट (LiAlSi4O10) की खोज 1800 में ब्राजील के रसायनशास्त्री और राजनेता जोस बोनिफेसियो डी एंड्राडा ई सिल्वा ने यूटो, स्वीडन के द्वीप पर एक खदान में की थी. हालांकि, 1817 तक जोहान ऑगस्ट अरफवेडसन ने पेटलाइट अयस्क का विश्लेषण करते समय एक नए तत्व का पता लगाया. इस तत्व का नाम "लिथियम" रखा गया (Discovery of Lithium).
फरवरी 2023 में भारत के जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में लिथियम के बड़े भंडार का पता चला. अनुमान के मुताबिक यहां 5.9 मिलियन टन लिथियम है (Lithium in India). लिथियम का उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्बेल बैट्री में किया जाता है. इसके अलावा इसका उपयोग खिलौनों और घड़ियों के लिए भी किया जाता है (Uses of Lithium).
भारत क्रिटिकल मिनरल्स के लिए बहुत हद तक चीन पर निर्भर है. चीन पर निर्भरता कम करने के लिए भारत ने ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका का रुख किया है. इन देशों में भारत लिथियम, कोबाल्ट जैसे मिनरल्स की खोज कर रहा है ताकि चीन से निर्भरता कम की जा सके.
Nitin Gadkari ने मंगलवार को सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के 64वें सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि जल्द ही भारत में EV ग्रोथ के आंकड़े उत्साह पैदा करने वाले हैं.
भारत में लिथियम का 100 फीसदी आयात किया जाता है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2022-23 में 2.8 अरब डॉलर यानी लगभग 23 हजार करोड़ रुपये की लिथियम आयन बैटरी दूसरे देशों से खरीदी गई थी.
India Deal With Argentina : भारत में लिथियम का 100 फीसदी आयात किया जाता है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2022-23 में 2.8 अरब डॉलर यानी लगभग 23 हजार करोड़ रुपये की लिथियम आयन बैटरी दूसरे देशों से खरीदी गई थी.
लिथियम भंडार के मामले में बोलिविया दुनिया में पहले नंबर पर है. इसके बाद दूसरे नंबर पर अर्जेंटीना तीसरे स्थान पर अमेरिका चौथी पोजीशन पर चिली 5वें नंबर पर ऑस्ट्रेलिया और छठे स्थान पर चीन है. इन देशों के पास दुनिया का 76% लिथियम भंडार है.
प्रोफेसर मुक्तदर खान ने कहा है कि भारत पर पिछले कुछ समय से खुदा की नेमतें बरस रही हैं. भारत में पहले कश्मीर में अरबों का लिथियम का भंडार मिला, फिर आंध्र प्रदेश में रेयर अर्थ एलिमेंट्स की खोज हुई है. उन्होंने पाकिस्तान पर तंज करते हुए कहा कि वो लोगों को वैसे कानून के लिए मौत की सजा सुनाने में लगा है जो गैर-इस्लामिक है.
देश में मिले लिथियम भंडार की कुल क्षमता 59 लाख टन है जो दुनिया का सातवां सबसे बड़ा लिथियम भंडार है. भारत से आगे बोलिविया, अर्जेंटीना, अमेरिका, चिली, ऑस्ट्रेलिया और चीन हैं. लिथियम एक ऐसा नॉन फेरस मेटल है.
बीते दिनों जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार की खोज हुई थी. इसको लेकर अब पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट आतंकी संगठन ने सरकार को धमकी दी है. इसमें कहा है कि लिथियम निकालने के लिए केवल अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का स्वागत है. अगर किसी भारतीय कंपनी ने इसमें हाथ डाला तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
आजतक से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार के खनन विभाग के सचिव अमित शर्मा ने कहा कि लिथियम के इतने बड़े भंडार की खोज प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर होगी. उन्होंने कहा कि जीएसआई द्वारा औपचारिकताएं पूरी कर लेने के बाद जल्द ही ई-नीलामी शुरू की जाएगी.
जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार मिले हैं. इसकी कुल क्षमता 59 लाख टन है. इस खोज के बाद भारत, चिली और ऑस्ट्रेलिया के बाद दुनिया में लिथियम आयन के रिजर्व वाला तीसरा देश बन गया है. अभी इस रेअर अर्थ एलिमेंट के लिए भारत दूसरे देशों पर निर्भर है, लेकिन भंडार मिलने के बाद अब जल्द हम आत्मनिर्भर हो सकते हैं.
Lithium Reserve In India: भारत में लिथियम का बड़ा भंडार मिला है. अरबों रुपये की वैल्यू वाले इस लिथियम भंडार से देश को कई फायदे हो सकते हैं. जहां दुनिया ग्रीन एनर्जी पर शिफ्ट हो रही है, उस वक्त देश में लिथियम का भंडार मिलना किसी जैकपॉट से कम नहीं है. लिथियम का इस्तेमाल कार, फोन और दूसरे रिचार्जेबल बैटरी (लिथियम आयन बैटरी) में होता है.
देश के अलग-अलग राज्यों में गोल्ड और लिथियम समेत अन्य खनिजों का भंडार मिला है. इनमें सबसे बड़ा भंडार जम्मू-कश्मीर के रियासी में मिला है, जो कि लिथियम का है. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) ने 51 ब्लॉकों को राज्य सरकारों और कोयला मंत्रालय को सौंप दिया है.