लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Lt General Manoj Pande) भारत के 29वें सेनाध्यक्ष हैं. उन्होंने पहले सेनाध्यक्ष के उप प्रमुख, पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर-कमांडिंग-इन-चीफ और अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ (CINCAN) के रूप में भी कार्य किया है. वे सेना प्रमुख बनने वाले कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी हैं. केंद्र सरकार ने सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे को एक महीने का सेवा विस्तार दिया है. उनके कार्यकाल की अवधि एक महीने के लिए बढ़ा दी है. वह 31 मई 2024 को रिटायर होने वाले थे. लेकिन अब जनरल पांडे 30 जून, 2024 तक सेवा देंगे.
पांडे ने जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LOC) पर 117 इंजीनियर रेजिमेंट की कमान भी संभाली है. 'ऑपरेशन पराक्रम' के दौरान वे रेजिमेंट की कमान संभाल रहे थे. इसके बाद उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज, महू में दाखिला लिया और हायर कमांड कोर्स पूरा किया. कोर्स के बाद, उन्हें मुख्यालय 8 माउंटेन डिवीजन में कर्नल क्यू नियुक्त किया गया.
पांडे ने 3 मई 1987 को नागपुर के सरकारी डेंटल कॉलेज और अस्पताल की स्वर्ण पदक विजेता अर्चना सालपेकर से शादी की. दंपति का एक बेटा है जो भारतीय वायु सेना में अधिकारी है.
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और विशिष्ट सेवा पदक मिल चुका है. इनके अलावा, उन्हें चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ (सीओएएस) कमेंडेशन कार्ड और दो जीओसी-इन-सी कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया गया है.
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी अगले थल सेनाध्यक्ष होंगे. वे मौजूदा सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे. सरकार ने मंगलवार रात द्विवेदी के नाम की घोषणा की है. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के पास चीन और पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर अभियानों का व्यापक अनुभव है. वर्तमान में वे थल सेना के उप प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं. जनरल पांडे 30 जून को रिटायर होंगे.
केंद्र सरकार ने थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे को एक महीने का सेवा विस्तार दिया है. वह अब 30 जून तक इस पद पर बने रहेंगे. इससे पहले वह 31 मई को रिटायर हो रहे थे. लोकसभा चुनाव के बीच सरकार के इस कदम पर विवाद भी खड़ा हो गया है.