भारत के महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन (M Swaminathan) का पूरा नाम मनकोम्बु संबाशिवन स्वामीनाथन है. स्वामीनाथन हरित क्रांति के एक विश्व नेता थे. उन्होंने गेहूं और चावल की उच्च उपज देने वाली किस्मों को पेश किया और आगे विकसित किया. स्वामीनाथन एक अमेरिकी कृषि वैज्ञानिक नॉर्मन बोरलॉग के साथ सहयोगात्मक वैज्ञानिक प्रयासों, किसानों और अन्य वैज्ञानिकों के साथ एक 'जन आंदोलन' का नेतृत्व करने के लिए भी जाना जाता है.
स्वामीनाथन को कई पुरस्कार और सम्मान मिले, जिनमें शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, रेमन मैग्सेसे पुरस्कार और अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व विज्ञान पुरस्कार शामिल हैं. फरवरी 2024 में केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने का ऐलान किया. पीएम मोदी ने खुद एक्स पर पोस्ट करते हुए इसकी जानकारी दी थी.
उन्होंने 1960 के दशक में भारत और पाकिस्तान को कुछ अकाल जैसी स्थितियों से भी बचाया था. फिलीपींस में अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) के महानिदेशक के रूप में उनके नेतृत्व के कारण उन्हें 1987 में प्रथम विश्व खाद्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसे कृषि के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मानों में से एक माना गया है.
स्वामीनाथन ने साइटोजेनेटिक्स, आयोनाइजिंग रेडिएशन और रेडियो सेंसिटिविटी जैसे क्षेत्रों में आलू, गेहूं और चावल से संबंधित बुनियादी अनुसंधान में योगदान दिया है. वह पगवॉश कॉन्फ्रेंस और इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के अध्यक्ष थे.स्वामीनाथन एक अनुसंधान फाउंडेशन के संस्थापक थे. उन्होंने इसे 1990 में 'सदाबहार क्रांति' नाम दिया.
स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त 1925 को कुंभकोणम, मद्रास में हुआ था. उनका विवाह मीना स्वामीनाथन से हुआ था, जिनसे उनकी मुलाकात पढाई के दौरान 1951 में कैम्ब्रिज में हुई थी. उनकी तीन बेटियां, सौम्या स्वामीनाथन (बाल रोग विशेषज्ञ), मधुरा स्वामीनाथन ( अर्थशास्त्री), और नित्या स्वामीनाथन (ग्रामीण विकास) हैं.
स्वामीनाथन का 98 वर्ष की आयु में 28 सितंबर 2023 को चेन्नई में निधन हो गया.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रोफेसर और डॉ. सौम्या स्वामीनाथन को राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के लिए प्रधान सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है. डॉ. सौम्या इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक रही हैं. उन्होंने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक के रूप में भी कार्य किया है.
Farmers protest news: सरकार के ऑफर को खारिज करते हुए किसानों ने कहा कि इसका फायदा तो उन्हें ही मिलेगा जो क्रॉप डाइवर्सीफिकेशन को अपनाते हैं. लेकिन सभी किसानों के लिए ऐसा संभव नहीं है. अगर कोई किसान मूंग उपजाता है तो क्या होगा? किसान नेता डल्लेवाल ने कहा कि सरकार 1.75 लाख करोड़ का पॉम ऑयल खरीदती है, उन्होंने दावा किया कि इस रकम में तो सभी 23 फसलों की MSP की गांरटी मिल जाएगी.
दिल्ली में एक बार फिर किसान आंदोलन सर उठाने लगा है. अपनी मांगों को लेकर किसान सड़क पर उतर आए हैं और दिल्ली आने पर अड़े हुए हैं. किसानों की मांग में जिस एक बात की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है, वो है स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशें. जानें क्या हैं इस कमिशन की सिफारिशें.
कई सारी मांगों को लेकर किसान एक बार फिर सड़क पर उतर आए हैं. दिल्ली कूच करने के लिए किसानों को बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है. एमएसपी पर गारंटीड कानून समेत कई मांगों को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के बारे में जानना भी जरूरी है.
मनमोहन सिंह की अगुवाई में जब यूपीए की सरकार बनी, तो नवंबर 2004 में एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी. इसे नेशनल कमीशन ऑन फार्मर्स नाम दिया गया था. स्वामीनाथन आयोग को किसानों से जुड़ी समस्याओं का हल तलाशना था. दिसंबर 2004 से अक्टूबर 2006 के बीच आयोग ने 6 रिपोर्ट तैयार की थी.
किसानों का मामला बीजेपी (BJP) के लिए अब भी कमजोर कड़ी बना हुआ है. और कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा मौका. लेकिन कांग्रेस इसका फायदा नहीं उठा रही. न्याय यात्रा में पश्चिम यूपी से परहेज राहुल गांधी का वैसा ही रवैया है जो 2022 के चुनाव से पहले पंजाब में दिखा था - MSP गारंटी से किसान कांग्रेस के हो पाएंगे?
एमएसपी (MSP) के नाम पर किसानों को राजनेता बरगलाते रहे हैं. सरकार में न होने पर फसलों की लागत की बात की जाती है. सत्ता में आते ही राजनीतिक दल इससे किनारा कर लेते हैं. आखिर क्यों ऐसा होता है?
List of recipients of the Bharat Ratna (1954-2024): अपने क्षेत्र में अहम योगदान से देश का गौरव बढ़ाने वाले लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है. साल 2011 से पहले सिर्फ कला, साहित्य, विज्ञान और समाज सेवा क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए भारत रत्न दिया जाता था, लेकिन 2011 में इसमें संशोधन किया गया और अब इसका कोई क्षेत्र निर्धारित नहीं है.
Announcement of Bharat Ratna: मशहूर कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने देश में धान की फसल को बढ़ावा देने के लिए अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने धान की उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में बड़ा योगदान दिया था. उन्हीं की वजह से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को काफी मदद मिली थी.
मोदी सरकार में शुक्रवार को भारत के 3 दिग्गजों को भारत रत्न देने का ऐलान किया, जिसमें नरसिम्हा राव, किसान नेता चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन का नाम शामिल है. ऐसा माना जा रहा है कि मोदी ने हाल ही में 5 भारत रत्नों का ऐलान करके 400 पार प्लान बना लिया है. देखें
ओबीसी के नेता कर्पूरी ठाकुर से लेकर जाटों और किसानों के नेता चौधरी चरण सिंह तक को भारत रत्न देने का ऐलान किया जा चुका है. पूर्व पीएम नरसिंहा राव और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न देने का ऐलान हुआ है. इस लिस्ट में लाल कृष्ण आडवाणी भी हैं. क्या भारत रत्न के ऐलान का कनेक्शन बीजेपी की हैट्रिक वाली तैयारी से है? देखें हल्ला बोल
मोदी सरकार ने चुनावी साल में ताबड़तोड़ पांच भारत रत्नों की घोषणा कर दी. नई किस्त में भारत के पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न सम्मान देने की घोषणा की गई. विपक्ष की ओर से सवाल उठाया जा रहा है कि चुनावी फायदे के लिए भारत रत्न सम्मान दिया जा रहा है. देखें दंगल.
बीजेपी ने बीते 17 दिन में 5 लोगों को भारत रत्न देने का ऐलान कर 2024 की राजनीति की अलग बिसात बिछा दी है. आज तो मोदी सरकार ने एक साथ तीन भारत रत्न का एलान किया. सबसे बड़ी बात ये कि तीनों शख्सियत किसी ना किसी रूप में कांग्रेस से जुड़ी रही हैं. देखें शंखनाद.
मोदी सरकार ने चुनावी साल में ताबड़तोड़ पांच भारत रत्नों की घोषणा कर दी...नई किस्त में भारत के पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हाराव और हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न सम्मान देने की घोषणा की गई है...इस फैसले का स्वागत सोनिया गांधी से लेकर अखिलेश यादव और दक्षिण भारत तक सबने किया है...लेकिन विपक्षी की ओर से सवाल उठाया जा रहा है कि चुनावी फायदे के लिए भारत-रत्न सम्मान दिया जा रहा है...
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और देश में हरित क्रांति के जनक डॉ एमएस स्वामीनाथन को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाएगा. देखें क्या बोलीं सोनिया गांधी.
केंद्र सरकार ने कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया है. उनको भारत में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है. उन्होंने देश में धान की उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में बड़ा योगदान दिया था. डॉ. स्वामीनाथन 1961 से 1972 तक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक रहे.
Bharat Ratna facts in Hindi: भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा जैसे कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल के लिए दिया जाता है. अपने क्षेत्र में अहम कार्य और योगदान से देश का गौरव बढ़ाने वाले लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है.
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने एक और बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला है. पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, पूर्व पीएम नरसिम्ह राव और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न का एलान हुआ है. जयंत चौधरी मीडिया के सामने आए और मोदी सरकार को शुक्रिया कहा. न्यूजरूम से देखें बड़ी खबरें.
केंद्र सरकार ने पूर्व पीएम नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह औऱ वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान किया है. रालोद के मुखिया जयंत सिंह ने अपने दादा चौधरी चरण सिंह भारतरत्न दिए जाने पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने पीएम मोदी की पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा, 'दिल जीत लिया.'
केंद्र सरकार ने पूर्व पीएम नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह औऱ वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को को भारत रत्न देने का ऐलान किया है. जिसके बाद से ही सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि सरकार ने किसानों के हित में ये कदम उठाया. देखें