माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) की चेयरपर्सन हैं (Madhabi Puri Buch SEBI Chairperson). 1 मार्च 2022 को, SEBI अध्यक्ष के तौर पर माधबी की नियुक्ति तीन साल के लिए की गई. नियुक्ति तक वह शंघाई के न्यू डेवलपमेंट बैंक (New Development Bank in Shanghai) में कार्यरत थीं. बुच ने सेबी चेयरपर्सन के पद पर अजय त्यागी का स्थान लिया, जिनका कार्यकाल 28 फरवरी को समाप्त हुआ. भारत सरकार की कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने सेबी की चेयरपर्सन के पद पर सेबी की पूर्व होल टाइम मेंबर माधबी पुरी बुच की नियुक्ति को अपनी दी. वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर 2021 में सेबी चेयरमैन के पद के लिए आवेदन मंगाए थे. आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख छह दिसंबर तय की गई थी.
अगस्त 2024 में, शॉर्ट-सेलिंग एक्टिविस्ट फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने उन पर और उनके पति पर अडानी समूह (Adani Group) के स्वामित्व वाली कंपनियों के शेयरों को कृत्रिम रूप से बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली संदिग्ध संस्थाओं में हिस्सेदारी रखने का आरोप लगाया. हालांकि उन्होंने दावों से इनकार किया.
माधबी पुरी बुच, भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM-A), अहमदाबाद से मैनेजमेंट में ग्रेजुएट हैं (Madhabi Puri Buch Education). सेबी चेयरपर्सन बनने तक, अपने 20 वर्षों से अधिक के करियर में वे निजी बैंकों में अलग-अलग भूमिकाओं में काम कर चुकी थीं. उन्होंने हिंदुस्तान यूनिलीवर के बोर्ड में कार्यकारी निदेशक धवल से शादी की है और उनका एक बेटा है (Madhabi Puri Buch Husband).
माधबी पुरी ने आईसीआईसीआई बैंक में विभिन्न पदों पर 12 साल तक काम किया. वह 1997 से 2002 तक पांच साल के लिए मार्केटिंग और सेल्स विभाग की प्रमुख थीं. वह 2002 से 2003 के बीच प्रोडक्ट डेवलपमेंट की प्रमुख थीं. वह 2004-2006 के बीच ऑपरेशन्स की प्रमुख थीं. वह 2006 से 2008 के बीच एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थीं. माधबी पुरी 2009 में आईसीसीआई सिक्योरिटीज नामित की गई थीं. वह 2011 तक इस पोस्ट पर रही थीं. पुरी 2011-2013 के बीच ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल के बिजनेस डेवलपमेंट की प्रमुख थीं. वह 2011-2016 के बीच आइडिया सेल्यूलर में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर रही थीं. माधवी अप्रैल 2017 में होल टाइम डायरेक्टर के पद पर सेबी से जुड़ी थीं (Madhabi Puri Buch Career).
ओडिशा कैडर के 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक अधिकारी (IAS) पांडे हाल ही में हुए एक फेरबदल में केंद्रीय बजट 2025 से नया राजस्व सचिव नियुक्त किया गया था. राजस्व सचिव नियुक्त होने के पहले पांडेय निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव थे.
सेबी प्रमुख माधबी बुच गुरुवार को संसद की लोक-लेखा समिति के सामने पेश नहीं हुईं है. जिसके कारण संसदीय समिति ने समीक्षा बैठक स्थगित कर दी है. समिति ने बुच को समन जारी किया था. अब नई तारीख निर्धारित की जाएगी. कांग्रेस ने बुच पर ICICI बैंक में लाभ का पद रखने का आरोप लगाया है. हालांकि, बैंक ने इस आरोप का खंडन किया है.
SEBI चेयरपर्सन माधबी बुच को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक माधबी बुच अपना बचा हुआ कार्यकाल पूरा करेंगी. वो मार्च तक SEBI प्रमुख के पद पर बनी रहेंगीं.
SEBI के टॉप अधिकारियों को संसद की लोक लेखा समिति (PAC) ने तलब किया है और सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच आने वाली 24 अक्टूबर 2024 को पैनल के सामने पेश हो सकती हैं.
मुंबई में स्थित SEBI चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की प्रॉपर्टी के किराए से होने वाली इनकम को लेकर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बीते दिनों उनपर निशाना साधा था, जिसे लेकर अब बुच दंपति ने सफाई दी है.
कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "मेगा मोदी-अडानी घोटाले की जांच सेबी द्वारा की जा रही है. सेबी चीफ के पास हितों के टकराव के कई मामले हैं. कांग्रेस पार्टी ने अब ऐसे कई मामलों का खुलासा किया है."
महिंद्रा ग्रुप ने कहा कि धवल बुच, जो यूनिलीवर से रिटायर होने के बाद 2019 में कंपनी में शामिल हुए थे, को केवल सप्लाई चेन मैनेजमेंट में उनकी विशेषज्ञता के लिए काम पर रखा गया था. यह मुआवज़ा विशेष रूप से और केवल बुच की सप्लाई चेन एक्सपर्टीज और मैनेजमेंट कौशल के लिए दिया गया है, जो यूनिलीवर में उनके ग्लोबल एक्सपीरियंस पर आधारित है.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, 'माधबी पुरी बुच 2018-19 में पूर्णकालिक सदस्य थीं, जब उन्होंने अपनी एक संपत्ति किराए पर दी थी. 2018-19 में इस संपत्ति का किराया 7 लाख था, 2019-20 में यह बढ़कर 36 लाख हो गया. 2023-24 में यह बढ़कर 46 लाख रुपये हो गया.
माधवी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) पर हिंडनबर्ग आरोप (Hindenburg Report) से लेकर ICICI बैंक से सैलरी लेने और फिर कर्मचारियों के लिए टॉक्सिक वर्क कल्चर जैसे कई गंभीर आरोप लग चुके हैं.
सीनियर कांग्रेस नेता और लोकसभा सदस्य केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति (PAC) 'संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित नियामक निकायों' जैसे कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के प्रदर्शन की समीक्षा करेगी.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "रिटायरमेंट बेनिफिट आईसीआईसीआई में उनके कार्यकाल के दौरान मिलने वाले सैलरी से अधिक कैसे हो सकते हैं? आईसीआईसीआई में उनका औसत वार्षिक सैलरी 1.30 करोड़ रुपये था. हालांकि, उनकी औसत पेंशन और अन्य रिटायरमेंट बेनिफिट 2.77 करोड़ रुपये. यह कैसे संभव है?"
SEBI की चीफ माधबी पुरी बुच पर कांग्रेस के आरोपों पर प्राइवेट सेक्टर के आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने स्पष्टीकरण देते हुए साफ कहा है कि रिटायरमेंट के बाद बैंक या इसकी अन्य ईकाई ने उन्हें कोई सैलरी या ईएसओपी नहीं दिया है.
कांग्रेस ने SEBI की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच पर आईसीआईसीआई बैंक से रिटायरमेंट के बाद भी सैलरी हासिल करने का आरोप लगाया था. बैंक ने अब इन आरोपों को निराधार बताते हुए कड़ा खंडन किया है और उचित कानूनी कदम उठाने की बात कही है. कांग्रेस पार्टी ने हालांकि, 2017 से मिलने वाली रकम का ब्यौरा भी पेश किया था.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बड़े दावे किए हैं. उन्होंने कहा, "इस देश में शतरंज का खेल चल रहा है लेकिन खिलाड़ी कौन है, इस पर हम निर्णायक तौर पर पहुंचे नही हैं. अलग-अलग मोहरे हैं. उनमें से एक मोहरे के विषय पर बात करने हम हैं, जिनका नाम है माधबी पुरी बुच.
अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी Hindenburg ने SEBI चेयरमैन पर एक बार फिर हमला बोला है और उनकी प्रतिक्रिया के बाद नई पोस्ट जारी कर कई नए सवाल खड़े किए हैं.
कांग्रेस ने पूछा कि क्या सरकार अडानी के बड़े घोटाले की जांच कर सकती है? क्या गौतम अडानी ने सेबी प्रमुख माधबी बुच की नियुक्ति में अहम भूमिका निभाई थी? पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि क्या यह बात सुप्रीम कोर्ट को बताई गई कि सेबी की जांच के तहत फंड में कथित तौर पर सेबी प्रमुख और उनके पति निवेशक के रूप में शामिल हैं?
Hindenburg Report On SEBI Chief : मार्केट रेग्युलेटर सेबी की चेयरपर्सन और अडानी ग्रुप के बीच संबंधों को लेकर अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म की नई रिपोर्ट चर्चा में है. एक ओर जहां राजनीतिक गलियारों में इस मुद्दे पर बहस जारी है, तो वहीं सोशल मीडिया पर एक्सपर्ट्स भी इसे लेकर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं.
Hindenburg Report On SEBI : बीते साल गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप पर आरोप लगाने के बाद अब अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने मार्केट रेग्युलेटर सेबी पर निशाना साधते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
Adani Group On Hindenburg Report : सेबी चीफ के बाद हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर अडानी ग्रुप की ओर से बयान जारी किया गया है और इसमें लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, 'हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा कुछ खुलासे किए गए हैं, जिनकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए. इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति द्वारा उचित जांच की जानी चाहिए.' पवन खेड़ा ने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि इस सरकार में निगरानी संस्थानों में नियुक्तियां कैसे की जाती हैं.
Hindenburg Founder नाथन एंडरसन हैं, जो कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं. उन्होंने साल 2017 में नौकरी छोड़कर इस शॉर्ट सेलर फर्म की स्थापना की थी और इसका नाम उन्होंने 6 मई 1937 में न्यू जर्सी के मैनचेस्टर टाउनशिप में हुए हिंडनबर्ग एयरशिप एक्सीडेंट के नाम पर रखा था.