माधवराव जीवाजीराव सिंधिया (Madhavrao Jivajirao Scindia) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारत सरकार में मंत्री थे. वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे. सिंधिया ब्रिटिश राज के दौरान ग्वालियर रियासत के अंतिम शासक महाराजा जीवाजीराव सिंधिया (Jivajirao Scindia) के पुत्र थे (Madhavrao Scindia Father). 1961 में अपने पिता की मृत्यु के बाद ग्वालियर के महाराजा बनें. वह 1971 तक राजा रहे (Madhavrao Scindia, King of Gwalior).
माधवराव सिंधिया का जन्म 10 मार्च 1945 को एक शाही मराठा परिवार में ग्वालियर के अंतिम शासक महाराजा जीवाजीराव सिंधिया के यहां हुआ था़ (Madhavrao Scindia Born). उन्होंने सिंधिया स्कूल, ग्वालियर (Scindia School Gwalior) में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और उसके बाद विनचेस्टर कॉलेज और न्यू कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में उच्च शिक्षा हासिल की (Madhavrao Scindia Education).
यूके से लौटने के बाद सिंधिया ने राजनीतिक परंपरा का पालन करते हुए राजनीति में शामिल हो गए. उनकी मां विजया राजे सिंधिया ने उन्हें भारतीय जनसंघ के टिकट पर 1971 में ग्वालियर से लोकसभा के लिए चुना (Madhavrao Scindia Joined Politics).
माधवराव सिंधिया की मृत्यु 56 वर्ष की आयु में 30 सितंबर 2001 को उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले (Mainpuri UP) के बाहरी इलाके मोट्टा गांव में एक विमान दुर्घटना में हुई थी. विमान में आग लगने से उसमें सवार आठ लोगों की मौत हो गई थी (Madhavrao Scindia Plan Crash). सिंधिया शव को एम्स नई दिल्ली में प्रोफेसर टी डी डोगरा ने परीक्षण किया और अन्य कानूनी औपचारिकताएं पूरी की गईं (Madhavrao Scindia Death). उस वक्त उनके पुत्र ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया को प्रतीकात्मक रूप से परिवार का मुखिया नियुक्त किया गया था (Jyotiraditya Madhavrao Scindia).
नेशनल हाईवे- 30 के कटनी बायपास मार्ग को फोरलेन किया जा रहा है. फोरलेन बनाने के दौरान यहां चाका बायपास पर पहले से स्थापित पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को प्रशासन द्वारा दूसरी जगह चिह्नित कर शिफ्ट करना था, लेकिन निर्माण एजेंसी द्वारा शनिवार को बेहद आपत्तिजनक तरीके से जेसीबी से लटकाकर प्रतिमा को हटा दिया गया.
महाआर्यमन सिंधिया ने रविवार को अशोकनगर जिले में पिता के पक्ष में चुनाव प्रचार किया. उनका एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल है, जिसमें महाआर्यमन महिलाओं के समूह के बीच बैठकर लोकगीत का आनंद उठाते हुए दिख रहे हैं. वीडियो में दिख रहा है कि महिलाएं गीत गा रही हैं और महाआर्यमन तालियां बजा रहे हैं.
मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद ने नाम लिए बिना सिंधिया राजघराने पर हमला बोला है. मंच से उन्होंने कहा अगर महारानी लक्ष्मीबाई को कुछ लोग धोखा नहीं देते तो हमारा देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ नहीं बल्कि 175वीं वर्षगाँठ मना रहा होता. हम 175 साल पहले आजाद हो चुके होते.
दशहरे पर शमी पूजन की परंपरा सदियों पुरानी है. उस वक्त महाराजा अपने लाव-लश्कर व सरदारों के साथ महल से निकलते थे. सवारी गोरखी पहुंचती थी. यहां देव दर्शन के बाद शस्त्रों की पूजा होती थी. इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए परंपरागत वेश-भूषा में ज्योतिरादित्य सिंधिया शमी पूजन स्थल मांढरे की माता पर पहुंचे. म्यांन से तलवार निकालकर जैसे ही उन्होंने शमी का पौधा लगाया, हजारों की तादाद में मौजूद लोग पत्तियां लूटने के लिए टूट पड़े.