चुंबकीय बहाव
चुंबकीय बहाव (Magnetic Drift) या ध्रुवीय बहाव (Polar Drift) एक भूवैज्ञानिक घटना (Geological Phenomenon) है जो पृथ्वी के बाहरी कोर में पिघले हुए लोहे के प्रवाह में बदलाव के कारण होती है. इसके कारण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के मिजाज में फर्क आता है (Changes in Orientation of Earth's Magnetic Field), और इसी कारण से उत्तर और दक्षिण ध्रुवों पर चुंबकीय स्थिति होती है (Magnetic North and South Poles).
उत्तरी चुंबकीय ध्रुव भौगोलिक उत्तरी ध्रुव से लगभग 965 किलोमीटर दूर है (Actual North Magnetic Pole). ध्रुव हर दिन एक हद तक खिसकता है, और इस घटना के परिणामस्वरूप 2007 से यह हर साल लगभग 55 से 60 किमी की दूरी तय करता है (Speed of Polar Drift).
पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में परिवर्तन के कारण दक्षिणी चुंबकीय ध्रुव लगातार स्थानांतरित हो रहा है. 2005 तक इसकी गणना 64°31-48”एस 137°51-36”ई, पर अंटार्कटिका के तट से दूर, एडेली लैंड और विल्क्स लैंड के बीच स्थित होने के लिए की गई थी (Position of South Magnetic Pole).
2015 में, यह 64.28°S 136.59°E पर था. वह बिंदु अंटार्कटिक सर्कल के बाहर स्थित है और यह हर साल लगभग 10 से 15 किमी उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है. वास्तविक भौगोलिक दक्षिणी ध्रुव से इसकी मौजूदा दूरी लगभग 2,860 किलोमीटर है (Actual Geographical South Magnetic Pole). यहां से निकटतम स्थायी विज्ञान स्टेशन ड्यूमॉन्ट डी'उरविल स्टेशन है (Nearest Permanent Science Station). यहां स्थित विल्क्स लैंड में एक बड़ा गुरुत्वाकर्षण द्रव्यमान होता है.
NASA के वैज्ञानिक इस समय चिंता में हैं. क्योंकि दक्षिण अमेरिका से लेकर अफ्रीका तक धरती का चुंबकीय क्षेत्र कमजोर हो रहा है. इस कमजोरी की वजह से विमानों से संपर्क करना मुश्किल हो सकता है. या फिर सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंच सकता है. मोबाइल नेटवर्क और टीवी प्रसारण में बाधा आ सकती है.
हाल ही में अमेरिका और कनाडा के आसमान में हरे रंग की रोशनी बिखरी दिखाई दी. ऐसा पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में एक दरार के खुल जाने की वजह से हुआ था.