महालक्ष्मी व्रत 2022
महालक्ष्मी व्रत (Mahalaxmi Vrat 2022) हिंदू धर्म में एक पवित्र दिन होता है. यह उत्सव हिंदू कैलेंडर में श्रावण के महीने में पूर्णिमा से पहले शुक्रवार को और पश्चिमी कैलेंडर में अगस्त / सितंबर के महीने में किया जाता है. यह लगभग 15 दिनों तक चलता है. इस बार यह उत्सव 3 सितंबर 2022 से 17 सितंबर 2022 तक चलेगा. जो लोग पूरे 15 दिन तक उपवास नहीं रख सकते वह किसी एक शुक्रवार को इसे कर सकते हैं. यह एक महत्वपूर्ण व्रत है. महालक्ष्मी व्रत दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र और ओडिशा के कुछ हिस्सों में बड़े धूमधाम से किया जाता है (Mahalaxmi Vrat in South India).
भगवान विष्णु की पत्नी, जिन्हें धन और समृद्धि का वास माना जाता है, देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद लेने के लिए पुरुषों या विवाहित महिलाओं द्वारा पूजा की जाती है. महालक्ष्मी व्रत के दिन, महिलाएं अपने घरों की सफाई करती हैं और अपने घर के सामने रंगोली बनाती हैं. महिलाएं स्नान करने का बाद खुद को सुंदर कपड़े और आभूषणों से सजाती हैं. फिर पहले कलश को देवी लक्ष्मी के सामने रखी जाती है और व्रत शुरू हो जाता है. कलश को चावल या पानी से भरा जाता है जो समृद्धि का प्रतीक है. और इसे आम और पान के पत्तों से ढ़क दिया जाता है. फिर कलश पर हल्दी और सिंदूर से लिपटे नारियल को रखा जाता है (Mahalaxmi Vrat and Worship).
मुख्य पूजा भगवान गणेश की पूजा से शुरू होती है, बाद में, देवी महालक्ष्मी की पूजा की जाती है. बाद में, लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम का जाप किया है. फिर देवी को मिठाई और नमकीन सहित नौ प्रकार के व्यंजन प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है (Mahalaxmi Vrat Puja 2022).
इस साल सावन में अधिकमास के संयोग को शुभ बताया जा रहा है. 16 अगस्त को इसका समापन होने वाला है. ज्योतिषविदों का ये भी कहना है कि अधिकमास के समापन से पहले कुछ विशेष उपाय से मां लक्ष्मी प्रसन्न होंगी और धनधान्य का वरदान देंगी.