महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि (Maha Shivaratri) भगवान शिव के सम्मान में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है. माना जाता है कि जिस रात भगवान शिव स्वर्गीय नृत्य करते हैं, उस रात को शिवरात्री के रूप में मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के हर महीने में, एक शिवरात्रि होती है (Shivaratri in Month). लेकिन साल में एक बार मार्च माह के शिवरात्री को "महा शिवरात्रि" कहा जाता है (Maha Shivaratri in March). यह दिन उत्तर भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन (Phalguna) के महीने में और दक्षिण भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ (Magha) में आता है.
इस उत्सव की शुरुआत लगभग 5वीं शताब्दी ई. में हुई थी. दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार, महा शिवरात्रि माघ के महीने में कृष्ण पक्ष के दौरान चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है और भारत के अन्य हिस्सों में, हिंदू कैलेंडर के फाल्गुन में कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) की 13वीं या 14वीं रात को मनाई जाती है
यह हिंदू धर्म में एक प्रमुख त्योहार है. यह भगवान शिव की आराधना और प्रार्थना, उपवास, दान, क्षमा को ध्यान में रख कर मनाया जाता है. इस पावन दिन पर लोग शिव मंदिरों में जाकर ज्योतिर्लिंग (Jyotirlingams) पर जलाभिषेक करते हैं (Jalabhishek on Maha Shivaratri ).
महा शिवरात्रि का उल्लेख कई पुराणों, विशेष रूप से स्कंद पुराण, लिंग पुराण और पद्म पुराण में मिलता है. मध्यकालीन युग के ये शैव ग्रंथ इस त्योहार से जुड़े विभिन्न संस्करणों को प्रस्तुत करते हैं और उपवास का उल्लेख करते हैं (Maha Shivaratri in Purana ).
भारत ही नहीं दूसरे देशों में रहने वाले हिंदू भी महाशिवरात्रि को बहुत ही हर्षोउल्लास से मनाई जाती है. कश्मीर में इस त्योहार को हर-रात्रि या ध्वन्यात्मक रूप से सरल हेराथ या हेराथ कहा जाता है (Maha Shivaratri in Kashmir).
मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temle) सबसे सम्मानित मंदिरों में से एक है, जहां भक्तों की एक बड़ी भीड़ महाशिवरात्रि के दिन पूजा करने के लिए इकट्ठा होती है वही पंजाब में विभिन्न शहरों में विभिन्न हिंदू संगठनों द्वारा शोभा यात्रा का आयोजन किया जाता है (Maha Shivaratri in Ujjain).
गुजरात में जूनागढ़ (Junagarh) के पास, भवनाथ में महा शिवरात्रि मेला आयोजित किया जाता है, जहां मृगी कुंड में स्नान करना पवित्र माना जाता है. पुराणों के अनुसार, भगवान शिव स्वयं मृगी कुंड में स्नान करने आते हैं (Maha Shivaratri in Gujarat).
पश्चिम बंगाल में तारकेश्वर मंदिर (Tarkeswar Temple) में महाशिवरात्रि बहुत बड़े स्तर पर मनाई जाती है. खास कर इस दिन अविवाहित लड़कियां एक उपयुक्त पति पाने के लिए शिव के लिए व्रत रखती है (Maha Shivaratri in West Bengal).
ओडिशा (Odisha) में, महा शिवरात्रि को जागरा के नाम से भी जाना जाता है. लोग पूरे दिन उपवास करते हैं और शिव मंदिर में 'महादीप' जलाने के बाद भोजन करते हैं. यह आमतौर पर आधी रात के दौरान आयोजित किया जाता है (Maha Shivaratri in Odisha). भारत के सभी राज्य में शिवालय पाया जाता है और भक्त महाशिवरात्रि के त्योहार पर व्रत और पूजा रखते हैं.
पाकिस्तान (Pakistan) में भी हिंदू, शिवरात्रि के दौरान शिव मंदिरों में जाते हैं. पाकिस्तान के उमरकोट (Umarkot) शिव मंदिर में तीन दिवसीय शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है. यह देश के सबसे बड़े धार्मिक त्योहारों में से एक है. इसमें लगभग 250,000 लोग शामिल होते हैं. सारा खर्च पाकिस्तान हिंदू पंचायत (Pakistan Hindu Panchayat) वहन करता है. शिवरात्रि समारोह चुरियो जबल दुर्गा माता मंदिर (Churrio Jabal Durga Mata Temple) में भी होता है, जिसमें 200,000 तीर्थयात्री शामिल होते हैं. हिंदू मृतकों का अंतिम संस्कार करते हैं और उनकी राख को चुरियो जबल दुर्गा माता मंदिर में पवित्र जल में विसर्जन के लिए शिवरात्रि तक संरक्षित किया जाता है. पाकिस्तान के कराची (Karachi) में श्री रत्नेश्वर महादेव मंदिर में भी शिवरात्रि बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है (Maha Shivaratri in Pakistan).
Mahashivaratri 2023: आमतौर पर पूरी दुनिया में लोग जिसे भी दैवीय या दिव्य मानते हैं, उनका वर्णन हमेशा अच्छे रूप में ही करते हैं. लेकिन अगर आप शिव पुराण को पूरा पढ़ें तो आपको उसमें कहीं भी शिव का उल्लेख अच्छे या बुरे के तौर पर नहीं मिलेगा.
मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के ब्यौहारी कस्बे में महाशिवरात्रि के भंडारे में खाना खाने के बाद अचानक श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ने लगी. एक-एक करके तकरीबन 35 लोग हालत बिगड़ने पर सिविल अस्पताल ब्यौहारी पहुंच गए. बताया जा रहा है कि महाशिवरात्रि के अवसर पर ब्यौहारी कस्बे के एक मंदिर में भंडारे में रसमलाई खाने के बाद लोगों की हालत बिगड़ने लगी.
केदारनाथ से रामेश्वरम् तक के अधिकतर और प्रमुख शिव मंदिर लगभग एक ही समानांतर रेखा पर स्थित हैं. इन दोनों ही ज्योतिर्लिंगों के बीच 7 ऐसे मंदिर हैं, जो कि अद्भुत और प्राचीन हैं. सबसे बड़ी बात यह कि ये सभी एक ही रेखा में बने हुए हैं. इनमें से पांच मंदिर पंच तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
श्वेता सिंह के साथ अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय के स्पेशल एपिसोड में देखें कि स्तंभेश्वर महादेव के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर इस शिवलिंग का जलाभिषेक करने कैसे समंदर स्वयं आता है. जलाभिषेक के बाद किस तरह शिव के दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं.
शिव पुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि की रात को बहुत ही खास बताया गया है. महाशिवरात्रि की रात को कुछ विशेष उपाय को बड़ा ही कारगर माना जाता है. ज्योषिविद कहते हैं कि महाशिवरात्रि की रात कुछ विशेष उपाय करने से जीवन के सारे संकट दूर हो सकते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है.
Mahashivratri 2023: इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी यानी आज मनाया जा रहा है. माना जाता है कि अगर महाशिवरात्रि की पूजा मध्यरात्रि में की जाए तो उसके प्रभाव ज्यादा शुभ होते हैं. इस दिन व्रत, उपवास, मंत्रजाप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व है. इस दिन चार पहर की पूजा बेहद महत्व रखती है. यह पूजा संध्या से शुरु करके ब्रह्ममुहूर्त तक की जाती है.
Mahashivratri 2023: आज पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है. मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन महादेव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. आइए जानते हैं कि राशि अनुसार महाशिवरात्रि के दिन कौन से खास उपाय करने चाहिए.
उज्जैन में महाशिवरात्रि की धूम देखने को मिल रही है. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल की पूजा की गई. वहीं, इस समय महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है. देखें ये वीडियो.
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि (18 फरवरी) को महाशिवरात्रि मनाई जाती है. इस दिन भोले के भक्त उन्हें खुश करने के लिए बड़ी संख्या में शिवालयों में पहुंचते हैं. ज्यादा जानकारी के लिए देखें ये वीडियो.
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर देशभर के शिवालयों में शिवभक्तो की भारी भीड़ है. सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा है. काशी विश्वनाथ, महाकालेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, लिंगराज के शिव मंदिर में श्रद्धाुलुओं की कतार है. महादेव के भक्त अपने आराध्य के दर्शन के लिए उमड़ पड़े हैं
देवभूमि उत्तराखंड का प्रसिद्ध भगवान शिव शंकर का केदारनाथ धाम देश-दुनिया में विख्यात है. इसके साथ ही चार अन्य जगहों पर स्थापित मंदिरों में भगवान शिव के अलग-अलग अंगों की पूजा-अर्चना होती है, जो मिल कर पंचकेदार कहलाते हैं. महाशिवरात्रि के मौके पर जानें क्या है इन शिव मंदिरों से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं और इनका महत्व.
Mahashivaratri 2023: इस बार महाशिवरात्रि का व्रत 18 फरवरी 2023 यानी आज है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था. महाशिवरात्रि पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन कौन से कार्यों को करने से बचना चाहिए.
Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. शिवरात्रि का मुख्य पर्व साल में दो बार व्यापक रुप से मनाया जाता है. एक फाल्गुन के महीने में तो दूसरा श्रावण मास में. फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है.
शिवरात्रि के इस पावन मौके पर गुजरात के सूरत में एक छोटे बच्चे ने अपने सिर के बालों में 'ओम' बनवाकर अपनी शिवभक्ति दर्शाई है. महज चार साल की उम्र का कबीर मोजिला अपने पिता के साथ सूरत में एक सैलून में गया था और वहां पर इसने अपने बाल में ओम बनवाया.
आज शिवरात्रि का रात रुद्रभिषेक करें. जल, गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, भस्म, बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र, बेर, नारियल, फल अर्पित करें. शिवजी की आरती करें. मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.
Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाई जाएगी. महाशिवरात्रि पर इस बार महासंयोग भी बन रहे हैं. इस बार महाशिवरात्रि पर शनि और सूर्य के अलावा चंद्रमा भी कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे जिसके परिणामस्वरूप कुंभ राशि में शनि, सूर्य और चंद्रमा मिलकर त्रिग्रही योग का निर्माण करेंगे. महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष व्रत का अति शुभ संयोग भी बन रहा है. आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि के खास उपाय, जिनसे शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम होगा.
Mahashivratri 2023: इस साल महाशिवरात्रि का पावन पर्व 18 फरवरी को बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार की महाशिवरात्रि बेहद खास भी मानी जा रही है.
Mahashivratri 2023 Date: महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनेगी या 19 फरवरी को? दूर कर लें तिथि का कन्फ्यूजन.
Mahashivratri 2023: 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पूरे देश में मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. देश में सबसे खास पूजा महाशिवरात्रि की शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंगों में होती है. उनमें से एक है उज्जैन का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग. आइए जानते हैं कि उज्जैन का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग क्यों हैं इतना खास.
Happy Mahashivratri 2023 Wishes: महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था. इस दिन भगवान शिव के करोड़ों भक्त उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. महाशिवरात्रि के खास मौके पर आप अपने करीबियों को भोले की भक्ति से भरे शुभकामनाएं संदेश भेज सकते हैं.
Mahashivratri 2023: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है और इस दिन भोलेनाथ के भक्त व्रत, पूजन से महादेव को प्रसन्न करते हैं. भगवान शिव अपने भक्तों की हर मुसीबत से रक्षा करते हैं और इनकी स्तुति मात्र से हमारे अंदर से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है. आइए जानते हैं इस साल 18 फरवरी को या 19 फरवरी को कब मनाया जाएगा महाशिवरात्रि का पर्व. Mahashivratri 2023 Date: इस बार महाशिवरात्रि की तारीख लेकर लोगों में बड़ा कन्फ्यूजन फैला है. कुछ लोग 18 फरवरी की महाशिवरात्रि बता रहे हैं तो कुछ 19 फरवरी की. आइए आपको बताते हैं कि शिवरात्रि का महापर्व किस दिन मनाया जाएगा.