scorecardresearch
 
Advertisement

मलेरकोटला

मलेरकोटला

मलेरकोटला

मलेरकोटला

मलेरकोटला (Malerkotla) भारत के राज्य पंजाब (Punjab) का 23वां जिला है. इस जिले को 14 मई 2021 को संगरूर जिले से अलग कर बनाया गया था. इस जिले का मुख्यालय भी यहीं है और यह पटियाला मंडल का हिस्सा है. 


2011 की जनगणना के मुताबिक मलेरकोटला की जनसंख्या (Population) 4 लाख से ज्यादा है और यहां हर वर्ग किलोमीटर में 837 लोग रहते हैं (Density). मलेरकोटला शहर का लिंग अनुपात 897 है (Sex ratio). इस शहर की कुल आबादी का 69.10 फीसदी साक्षर है, जिनमें 73.45% पुरुष और 64.21% महिला साक्षर हैं (Malerkotla literacy).

मलेरकोटला का नाम और इस रियासत की नींव 1454 ई. में सूफी शेख सदरुद्दीन सदर-ए-जहां ने रखी थी. शेख सदरुद्दीन का सबसे लोकप्रिय नाम हैदर शेख है. वह अफगानिस्तान के दरबन इलाके के रहने वाले शेरवानी अफगान थे. इतिहासकारों के अनुसार, 'मालेर' शब्द का संबंध राजा मलेर सिंह के साथ है. मलेर सिंह रानी बराह के उत्तराधिकारी थे और चंद्रवंशी राजपूत थे. उन्होंने भुमसी गाँव के पास मलेरगढ़ का किला बनवाया था. कोटला शहर की स्थापना 1657 ई. में नवाब बाजिद अली खान ने की थी. मलेरकोटला की एक और शानदार उपलब्धि जनवरी 1872 में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भागीदारी थी. अमृतसर, रायकोट और मलेरकोटला में नामधारी सिखों को बूचड़खानों पर हमला करने के लिए, लगभग 66 कूका सिखों को तोपों से उड़ा कर मौत की सज़ा सुनाई गई थी. इनमें 12 साल का एक लड़का भी था. मलेरकोटला राज्य 1947 में भारतीय संघ में शामिल हो गया. 1956 में पंजाब के पुनर्गठन के दौरान यह राज्य विघटित होकर पूरी तरह से पंजाब राज्य का हिस्सा बन गया (History). 

वास्तुकला के क्षेत्र में पंजाब के सबसे पुराने राज्यों में से एक होने के नाते, मलेरकोटला मध्ययुगीन काल से भारतीय-ईरानी वास्तुकला का एक प्रसिद्ध केंद्र रहा है. मुबारक मंजिल, शीश महल, हैदर शेख की दरगाह, शाही मकबरा, मोती बाजार, जैन मंदिर, काली माता मंदिर, कोटला का किला, जामा मस्जिद, सरकारी कॉलेज और नामधारी शहीद स्मारक यहां की वास्तुकला के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण हैं (Tourist places).
 

और पढ़ें

मलेरकोटला न्यूज़

Advertisement
Advertisement