मंदाकिनी नदी (Mandakini River) उत्तराखंड में अलकनंदा नदी की एक सहायक नदी है. यह नदी रुद्रप्रयाग और सोनप्रयाग क्षेत्रों के बीच लगभग 81 किलोमीटर तक बहती है और चोराबारी ग्लेशियर से निकलती है. मंदाकिनी सोनप्रयाग में सोनगंगा नदी में मिल जाती है और उखीमठ में मध्यमहेश्वर मंदिर से होकर बहती है. और अंत में यह अलकनंदा में मिल जाती है, जो गंगा कहलाती है.
मंदाकिनी को एक पवित्र नदी माना जाता है क्योंकि यह केदारनाथ और मध्यमहेश्वर मंदिरों से होकर बहती है. मंदाकिनी तीर्थयात्रा और धार्मिक पर्यटन का स्थल रही है. यहां हर साल लाखों पर्यटक व्हाइटवाटर राफ्टिंग, पैदल यात्रा और चारधाम के लिए आते हैं.
2011 में 25 मिलियन से अधिक पर्यटकों ने नदी का दौरा किया.
नदी और आसपास के भू-आकृतियों की बनावट धीरे-धीरे खराब हो रहा है, जिससे केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य जैसी पर्यावरण संरक्षण परियोजनाओं को बढ़ावा मिल रहा है.
मानसून के मौसम के दौरान इस क्षेत्र में भारी वर्षा होती है. हर साल आसपास के क्षेत्र में 1,000-2,000 मिलीमीटर बारीश होती है, जो मानसून के मौसम (जुलाई के अंत-अक्टूबर) में लगभग 70% बढ़ जाती है जिसके कारण जल स्तर बढ़ जाता है और बाढ़ आ जाती है.
2013 में बांध वाली चोराबारी झील में बाढ़ आने कारण इसका एक हिस्सा ढह गया और भारी वर्षा के एक तीव्र पैच ने गांवों को बहा दिया. यह तूफान तबाही और हजारों स्थानीय लोगों, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की मौत का कारण बना. यह 2013 केदारनाथ बाढ़ के रूप में जाना जाता है.
चित्रकूट में लगभग 20 लाख श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में डुबकी लगाई. तीन दिनों में और लोग यहां नदी में डुबकी लगाने आएंगे. पौराणिक कथाओं की मान्यता के मुताबिक भगवान राम ने अपने 14 वर्षों के वनवास का ज्यादातर समय चित्रकूट में बिताया था. चित्रकूट में हर साल पांच दिवसीय मेला आयोजित किया जाता है. जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बुधवार को भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट से बुंदेलखंड की जनता का दिल जीतने और सियासी संदेश देने की कोशिश करेंगी.
नदी से 15 मीटर की दूरी पर बनी मशहूर शिव प्रतिमा के कंधे तक अलकनंदा नदी का पानी बह रहा है. मतलब सीधा सा है कि घाटों के ऊपर बनी 20 फीट मूर्ति पानी के अंदर है. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले का नाम दरअसल भगवान शिव के रौद्र रूप पर पड़ा है. शिव के क्रोध के तौर पर ही इस प्रयाग को पहचान मिली है जो एकदम सही भी लगती दिखाई देती है.