4 मई 2023 को मणिपुर में मैतई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में निकाली गई रैली के दौरान भड़की हिंसा अब तक नहीं थमी है. दो महीने से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है. यह हिंसा उस वक्त भड़की जब ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर- ATSUM ने 'आदिवासी एकता मार्च' निकाला (Manipur Violence 2023).
दरअसल यह मामला दो समुदायों के बीच अफीम, जमीन और आरक्षण की लड़ाई का है. हिंसा को दबाने में केंद्र सरकार और राज्य सरकार फिलहाल नाकाम है (Manipur Violence Reasons).
अब इस राज्य का माहौल और भी बिगड़ गया है. दरअसल वहां से एक वीडियो सोशल मीडिया के जरीए लोगों के सामने आया है, जिसमें दो महिला को निर्वस्त्र कर घुमाया जा रहा है. यह वीडियो 4 मई की है जिसे 19 जूलाई को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया (Manipur Violence 2023 Viral Video).
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम - ITLF ने केंद्र और राज्य सरकारें, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से इस मामले का संज्ञान लेने और दोषियों को कानून के सामने लाने की मांग की है. वहीं सीएम एन बीरेन सिंह ने इस मामले में जांच के आदेश भी दे दिए हैं (Manipur Violence 2023 CM Biren Singh). वीडियो में दिख रहे कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
अरामबाई टेंगोल के करीब 15-20 सदस्य शनिवार दोपहर को कोंगपाल चिंगंगबाम लेईकाई में यूएनएलएफ उग्रवादी इरेंगबाम नंदकुमार सिंह के घर में घुस गए और इंफाल घाटी स्थित संगठन के उग्रवादियों पर हमला कर दिया. घर में मौजूद यूएनएलएफ (पंबेई) के चार उग्रवादी गंभीर रूप से घायल हो गए.
मणिपुर पुलिस और राज्य का प्रशासन संभालने वाले अधिकारी भी कुकी और मैतेई में बंट चुके हैं. कुकी इलाकों में राज्य पुलिस और प्रशासन के वही अधिकारी तैनात किए गए हैं, जो इस समुदाय से आते हैं. यही हाल मैतेई इलाकों का भी है.
जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह ने मणिपुर हाई कोर्ट के कार्यक्रम में कहा कि मुझे इस देश के कई राज्यों में जाने का अवसर मिला है. हर राज्य, हर क्षेत्र इतना समृद्ध और जीवंत है. हमें इस राष्ट्र को मजबूत करने के लिए सब कुछ करना चाहिए और हमें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे यह महान देश कमजोर हो.
सुप्रीम कोर्ट के जजों के प्रतिनिधिमंडल में मणिपुर के न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह भी शामिल हैं. वह इंफाल में ही रहे और अन्य न्यायाधीशों के साथ चुराचांदपुर नहीं गए. बता दें कि चुराचांदपुर कुकी समुदाय की बहुलता वाला जिला है और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह मैतेई समुदाय से आते हैं.
मैतेई समुदाय की शीर्ष बॉडी ने एक विधायक पर बदमाशों को हथियार मुहैया कराने का आरोप लगाया है. जिरी अपुनबा लुप ने एक बयान में कहा, 'विधायक ने कई बैठकें आयोजित कीं...(बदमाशों) को आर्थिक मदद, युद्ध के सामान और सहायक उपकरण दिए. लेकिन मुसलमान मैतेई लोगों के साथ शांति से रहना चाहते हैं. इसलिए उनका प्लान फेल हो गया.'
मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में हमार और जोमी समुदायों के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है, जिससे एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है. इस संघर्ष में 53 वर्षीय लालरोपुई पाखुमाते की मृत्यु हो गई है. दोनों समुदायों द्वारा 18 मार्च को झंडा फहराने को लेकर विवाद पैदा हुआ, जिसके बाद इलाके में कर्फ्यू लागू कर दिया गया.
एक सितंबर को पश्चिमी इंफाल पर ड्रोन से हमला हुआ तो छह सितंबर को हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित विष्णुपुर जिले में आरपीजी से हमला किया गया. विष्णुपुर जिले के मोइरांग इलाके में आरपीजी से हमला हुआ, जिससे रॉकेट मणिपुर के पहले मुख्यमंत्री एम कोईरांग के आवास पर गिरा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में मणिपुर के बजट पर हुई चर्चा का जवाब दिया. उन्होंने विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री के मणिपुर नहीं जाने को लेकर सवालों पर पलटवार किया और सूबे में हालात सामान्य बनाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदम भी गिनाए.
मणिपुर: इंफाल से चूड़ाचांदपुर सुरक्षा बलों का काफिला सामान लेकर फ्री मूवमेंट करते हुए पहुंचा. इस बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं सीआरपीएफ के डीआईजी संजय कुमार. देखिए VIDEO
मणिपुर में 8 मार्च से फ्री ट्रैफिक मूवमेंट शुरू हुआ, लेकिन पहले ही दिन हिंसा भड़क उठी. सुरक्षा बलों के साथ झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और 25 लोग घायल हुए. इम्फाल से चूराचांदपुर तक बफर जोन में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. तेल टैंकर और गैस सिलिंडर सहित आवश्यक सामान की आवाजाही जारी है. देखें Video.
मणिपुर में 8 मार्च से फ्री ट्रैफिक मूवमेंट शुरू हुआ, लेकिन पहले ही दिन हिंसा भड़क उठी. सुरक्षा बलों के साथ झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और 25 लोग घायल हुए. इम्फाल से चूराचांदपुर तक का रास्ता खोला गया है, जहां बफर जोन अभी भी बरकरार है. सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी में तेल टैंकर और गैस सिलिंडर भेजे जा रहे हैं. देखें...
भारतीय सेना और असम राइफल्स के स्पियर कॉर्प्स के सैनिकों ने मणिपुर पुलिस, CRPF, BSF और ITBP के सहयोग से काम करते हुए कई ऑपरेशन्स किए. इन ऑपरेशन्स में झिरीबाम, तेनगनूपाल, काकचिंग, उखरुल, इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट जिलों के पहाड़ी और घाटी वाले इलाकों में छानबीन की गई.
कुकी समुदाय के लोग फ्री मूवमेंट का विरोध कर रहे थे और सड़क को ब्लॉक कर दिया, जिसे सुरक्षाबलों ने खुलवाने की कोशिश की तो उन्होंने हिंसा शुरू कर दी. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों को बल प्रयोग करना पड़ा.
सुरक्षाबलों की निगरानी में फ्री मूवमेंट के पहले दिन सड़कों पर कर्मशियल वाहन, सरकारी बसें और तेल-गैस के टैंकर तो दिखे, लेकिन मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों ने एक दूसरे के प्रभाव वाले क्षेत्रों में आने-जाने से परहेज किया.
मणिपुर में करीब दो साल से संघर्ष देखने को मिल रहा है. हिंसा में 250 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. शनिवार को मैतेई और कुकी बहुल इलाकों में लोगों का फ्री मूवमेंट शुरू हुआ. पिछले सप्ताह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे लेकर विशेष निर्देश दिए थे.
राज्य की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. इसमें निर्देश दिया गया कि राज्य के प्रमुख मार्गों पर मुक्त आवागमन की सुविधा प्रदान की जाए. इसके अलावा मैतेई समूह ने शांति मार्च बुलाया है, जो कई पहाड़ी जिलों से गुजरने वाला है. तीन कुकी संगठनों ने इसका विरोध किया है. इसके मद्देनजर भी सुरक्षाबल अलर्ट हो गए हैं.
मणिपुर में राज्यपाल की अपील पर 1,060 हथियार समर्पित किए गए. पुलिस ने समय सीमा खत्म होने के बाद छापेमारी तेज कर दी है. केंद्रीय निर्देश के मुताबिक, 8 मार्च से फ्री मूवमेंट अभियान शुरू होगा, जिससे मणिपुर में सुरक्षित और स्वतंत्र नेविगेशन सुनिश्चित होगा.
मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला के सात दिन के अंदर अवैध हथियार सरेंडर करने के अल्टीमेटम की समयसीमा समाप्त होने से पहले गुरुवार को एक मैतेई ग्रुप ने 246 हथियारों को सरेंडर कर दिया है. मैतेई ग्रुप द्वारा अवैध हथियारों के साथ-साथ सुरक्षाबलों के हेलमेट, जूते, वर्दी और प्रोटेक्शन जैकेट भी सरेंडर की हैं. ग्रुप ने हथियार सरेंडर करने पहले मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी.
राज्यपाल अजय भल्ला ने मंगलवार को रिवाइवलिस्ट सांस्कृतिक संगठन अरामबाई टेंगगोल की एक टीम मुलाकात की. बैठक के बाद रॉबिन ने मीडिया को बताया कि राज्यपाल ने हमसे अवैध रूप से रखे गए हथियारों को भी सरेंडर करने का अनुरोध किया. हालांकि, हमने कुछ नियम और शर्तें रखीं और उन्हें आश्वासन दिया कि अगर वे शर्तें पूरी होती हैं तो हथियार सरेंडर कर दिए जाएंगे.
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला की अपील के बाद, पुलिस के लूटे गए हथियारों और गैरकानूनी हथियारों को सात दिनों के भीतर समर्पण करने का अपील की गई. चुराचांदपुर जिले में असम राइफल्स के सामने 16 हथियारों सहित गोला-बारूद समर्पित किया गया. इस पहल में जोमी और कूकी समुदाय के नेताओं ने सक्रिय भागीदारी दिखाई.
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने वांगखई-आंद्रो पार्किंग, खुरई (इम्फाल ईस्ट) और यूरिपोक, चांचीपुर (इम्फाल वेस्ट) के बाजार और सड़क किनारे की दुकानों को जबरन बंद करवा दिया. रात में मेईरा रैली निकाली गई, जिसमें विलेज वॉलंटियर्स की गिरफ्तारी रोकने की मांग उठाई गई.