पूर्व आईएएस मनीष वर्मा (Manish Varma) बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं. मनीष वर्मा की स्कूली पढ़ाई बिहारशरीफ के सरकारी स्कूल से हुई. आदर्श हाईस्कूल बिहारशरीफ से उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की. वे पूरे नालंदा जिले में टॉप आए थे. इसके बाद उन्होंने पटना साइंस कॉलेज से इंटर की परीक्षा पास की और IIT दिल्ली से सिविल ब्रांच से बी.टेक किया.
पढ़ाई के बाद मनीष ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL) में नौकरी की. इस दौरान वो सिविल सर्विस की तैयारी भी करते रहे और दूसरे अटेम्प्ट में एग्जाम क्रैक कर लिया. 2000 में उन्हें ओडिशा कैडर मिला. उनकी पहली पोस्टिंग कालाहांडी में सब-कलेक्टर के पद पर हुई. इसके बाद गुनपुर और रायगढ़ में SDM के पद पर रहे. 2005 में उन्हें पहली बार मलकानगिरी जिले का DM बनाया गया. साल 2012 तक वे ओडिशा के कई जिलों में DM पद पर रहे. 2012 में इंटरस्टेट डेपुटेशन (अंतरराज्यीय प्रतिनियुक्ति) पर वे पांच साल के लिए बिहार आए.
साल 2021 में VRS लेने के बाद Manish Kumar Verma सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के साथ काम करते रहे हैं. नीतीश कुमार और मनीश वर्मा दोनों नालंदा जिले से आते हैं. सीएम नीतीश कुमार ने उनके लिए एक नया पद सृजित किया है.
आज नीतीश कुमार के करीबी पूर्व IAS मनीष वर्मा ने जेडीयू का दामन थाम लिया।माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू में अपना उत्तराधिकारी ढूंढ लिया है,पूर्व आईएएस मनीष वर्मा को नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक विरासत सौंप सकते हैं।अब सवाल यही है कि नीतीश कुमार के दिमाग में क्या चल रहा है,
आज नीतीश कुमार के करीबी पूर्व IAS मनीष वर्मा ने जेडीयू का दामन थाम लिया. माना जा रहा है कि नीतीश ने जेडीयू में अपना उत्तराधिकारी ढूंढ लिया है. पूर्व आईएएस मनीष वर्मा को नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक विरासत सौंप सकते हैं. अब सवाल है कि नीतीश के दिमाग में क्या चल रहा है? देखें स्पेशल रिपोर्ट.
बिहार की सियासत से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है. जहां सीएम नीतीश कुमार ने मनीष वर्मा को जेडीयू का महासचिव बनाया है. बताया जा रहा है कि पार्टी और संगठन में उनकी भूमिका तय करने के लिए इस पद के लिए चुना गया है. देखिए VIDEO
नीतीश कुमार का अपना अनुभव-संसार अपने आप में बहुत व्यापक है, लेकिन मनीष वर्मा के मामले में सही सलाह उनको नवीन पटनायक ही दे सकते हैं - क्योंकि उन्होंने अभी अभी ओडिशा में बीजेपी के हाथों सत्ता गंवाई है.
आज जेडीयू में शामिल हुए पूर्व नौकरशाह मनीष वर्मा को लेकर सियासी गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है. जेडीयू सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मनीष वर्मा को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है, बहुत जल्द राज्यसभा में भेजा जाएगा. आखिर एक पूर्व आईएएस पर नीतीश के भरोसे की वजह क्या है, कौन है है मनीष वर्मा.
नीतीश कुमार ने पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा को जेडीयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाकर संगठन की जिम्मेदारी सौंप दी है. इसके बाद अब ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या मनीष वर्मा ही नीतीश के बाद जेडीयू में नंबर-2 होंगे?
पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा ने जेडीयू में शामिल होकर सियासी सफर का आगाज कर दिया है. मनीष सीएम नीतीश के गृह जनपद नालंदा से ही आते हैं, उन्हीं की जाति के हैं और उनके नाम की चर्चा सीएम के उत्तराधिकारी के रूप में भी होती रही है. जेडीयू में मनीष की एंट्री के मायने क्या हैं?
पूर्व IAS और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी मनीष वर्मा जेडीयू में शामिल हो गए. मंगलवार को पटना स्थित जदयू कार्यालय में जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने उन्हें सदस्यता पर्ची सौंपी.
मनीष वर्मा 2000 बैच के उड़ीसा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और नीतीश कुमार के बेहद खास माने जाते है. मनीष वर्मा नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा के रहने वाले हैं और दिलचस्प बात यह है कि मनीष वर्मा नीतीश कुमार के स्वजातीय भी हैं यानी कि दोनो कुर्मी समाज से ही आते हैं.