मनोज सिन्हा, राजनेता
मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल हैं (Manoj Sinha Lieutenant Governor of Jammu and Kashmir). वह भारत सरकार में संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रेल राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं. सिन्हा भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर गाजीपुर से तीन बार लोकसभा सदस्य के रूप में चुने जा चुके हैं. सिन्हा 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद यूपी के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भी शामिल थे.
मनोज सिन्हा का जन्म 1 जुलाई 1959 को भूमिहार ब्राह्मण परिवार में हुआ था (Date Of Birth). उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT, BHU), वाराणसी से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक और एम.टेक की डिग्री प्राप्त की है (Manoj Sinha Early Life and Education). मनोज सिन्हा ने 8 मई 1977 को सुश्री नीलम सिन्हा (Manoj Sinha Wife) से शादी की. उनकी एक बेटी और एक बेटा है
सिन्हा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र जीवन के दौरान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष के तौर पर की थी. वे 1996 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 में इस कार्यकाल को दोहराया. सिन्हा 1989 से 1996 तक भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे हैं. उन्होंने 2014 में तीसरी बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की और नरेंद्र मोदी सरकार में रेल रज्य मंत्री बने. जी.सी. मुर्मू के इस्तीफा देने के एक दिन बाद, मनोज सिन्हा जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल के रूप में नियुक्त किए गए. 7 अगस्त 2020 को सिन्हा ने अपने पद की शपथ ली (Manoj Sinha Political Career).
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @manojsinha_ है. उनके फेसबुक पेज का नाम Manoj Sinha है. वे इंस्टाग्राम पर manojsinhabjp यूजरनेम से एक्टिव हैं.
श्रीनगर में प्रसिद्ध कथावाचक मुरारी बाबू की कथा शुरू हो गई है. डल झील पर आयोजित इस कार्यक्रम में हजारों लोग पहुंचे हैं. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. शनिवार को हुई बारिश के बाद मौसम सुहाना हो गया है, जिससे कथा का माहौल और भी रमणीय बन गया है.
अमित शाह के इस दौरे में कठुआ में अंतरराष्ट्रीय सीमा का दौरा, आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारों से मुलाकात भी शामिल थी.
पिछले साल नवंबर में एलजी मनोज सिन्हा ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और आतंकी संबंधों में कथित संलिप्तता के लिए दो सरकारी अधिकारियों की सर्विसेज को खत्म कर दिया था.
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा का हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. जम्मू के मौलाना आजाद स्टेडियम में परेड का खास कार्यक्रम आयोजित मनाया जाएगा. यहां परेड की सलामी जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा लेंगे. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला होंगे. देखें वीडियो.
जम्मू-कश्मीर के पंड्रेथन में एक परिवार के 5 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि बारामूला जिले के उरी इलाके के रहने वाले एक दंपति और उसके तीन बच्चे शाम को अपने किराये के मकान में मृत पाए गए. साथ ही इस घटना पर एलजी ने दुख जताया है.
कटरा से वैष्णो देवी मंदिर जाने के लिए बन रहे रोपवे का विरोध हो रहा है. विरोध करने वालों में प्रदेश की सारी पार्टियां एक मंच पर आ गईं हैं. इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस के साथ बीजेपी भी शामिल है.
कटरा में प्रदर्शनकारियों से मुलाकात के बाद महबूबा मुफ्ती ने संवाददाताओं से कहा कि "दुकानदारों, मजदूरों और अन्य लोगों की आजीविका तीर्थयात्रा से जुड़ी है और उन्हें (रोपवे के निर्माण के बाद) बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. सरकार को यह सोचना चाहिए कि यह एक धार्मिक स्थल है और इसे पर्यटन स्थल में बदलने के बजाय इसे धार्मिक स्थल की तरह ही माना जाना चाहिए.
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और उसके समर्थकों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए LG मनोज सिन्हा ने आतंकियों से जुड़े दो सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. इन कर्मचारियों पर हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए काम करने और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद हो रहीं बड़ी बड़ी बातें, लगता है पीछे छूट गई हैं. पहले तो मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला कह रहे थे कि केंद्र सरकार के साथ वो टकराव की नौबत नहीं आने देंगे, लेकिन धारा 370 की बहाली वाले प्रस्ताव से तो उनकी मंशा साफ हो गई है.
जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में हुए आतंकी हमलों को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि आतंकियों द्वारा बहाए गए खून के एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा. उन्होंने कहा, 'हमारे सुरक्षा बलों ने हर एक बूंद खून का बदला लेने का संकल्प लिया है.
जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में हुए आतंकी हमलों को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि आतंकियों द्वारा बहाए गए खून के एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा. उन्होंने कहा, 'हमारे सुरक्षा बलों ने हर एक बूंद खून का बदला लेने का संकल्प लिया है. ऐसे समय में, भारत की पहली रक्षा पंक्ति बीएसएफ को अपने कर्तव्यों को और भी अधिक सतर्कता के साथ निभाना चाहिए.
जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने गांदरबल जिले में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद कश्मीर घाटी में सुरक्षा की समीक्षा की. उन्होंने सुरक्षा ऑडिट, 24 घंटे चौकसी और रात की गश्त के निर्देश जारी किए हैं.
गांदरबल आतंकी हमले पर जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा का कहना है, "जहां तक परिवार के सदस्यों की बात है तो कंपनी ने उन्हें वित्तीय सहायता भी दी है. गृह सचिव अन्य प्रावधानों पर विचार कर रहे हैं. देखिए VIDEO
जम्मू-कश्मीर कैबिनेट के जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के प्रस्ताव पर उपराज्यपाल ने अपनी मंजूरी दे दी है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था. इसमें कहा गया कि पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना एक प्रक्रिया की शुरुआत होगी, जिससे जम्मू-कश्मीर के लोगों के संवैधानिक अधिकारों को पुनः प्राप्त किया जा सकेगा और उनकी पहचान की रक्षा की जा सकेगी.
जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला को सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस की जरूरत थी, पूरी हो गई. फिर भी अगर मुख्यमंत्री ने कैबिनेट में जगह बचा रखी है, तो बड़ा दिल दिखाने जैसा ही लगता है - क्योंकि सरकार चलाने के लिए तो केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी की ही मदद चाहिये होगी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बन गए हैं. उमर अब्दुल्ला केंद्र शासित बने जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री होंगे. हालांकि, उमर अब्दुल्ला के लिए राह उतनी आसान नहीं होगी, क्योंकि अनुच्छेद 370 हटने और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर का 'पावर' गेम बहुत बदल गया है.
J&K govt formation: जम्मू-कश्मीर में दिल्ली जैसी तकरार देखने को नहीं मिलेगी, क्योंकि एलजी मनोज सिन्हा भी उमर अब्दुल्ला की ही तरह टकराव न होने देने की बात कर रहे हैं - लेकिन कांग्रेस के लिए ये प्रयोग खतरनाक हो सकता है.
जम्मू-कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया है. अब केंद्र शासित प्रदेश में सरकार गठन का रास्ता साफ हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक, 16 अक्टूबर को उमर अब्दुल्ला की सरकार का शपथ ग्रहण हो सकता है. साल 2018 को जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था, जो अब 6 साल के बाद हटा है. देखें ये वीडियो.
उमर अब्दुल्ला के अब तक के रुख से तो यही लगता है कि वो दिल्ली की तरह जम्मू-कश्मीर में उप राज्यपाल से बात बात पर दो-दो हाथ नहीं करने जा रहे हैं - चुनावों से पहले तो वो मुख्यमंत्री भी नहीं बनना चाहते थे.
जम्मू-कश्मीर में अब नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार बनने जा रही है. 10 साल बाद वहां फिर चुनी हुई सरकार शासन करेगी. हालांकि, अब जम्मू-कश्मीर में स्थिति काफी बदल गई है. अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल भी 6 की बजाय 5 साल का ही होगा.
Jammu and Kashmir exit poll: जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनने जा रही है. सरकार किसी भी राजनीतिक दल की बने, चाहे बीजेपी की या फिर INDIA ब्लॉक की, मुख्यमंत्री की कुर्सी तो कांटों का ताज ही होने वाली है.