मकबूल फिदा हुसैन (M F Husain) भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध कलाकारों में से एक थे. उन्हें "भारतीय आधुनिक कला के पिकासो" के नाम से भी जाना जाता था. हुसैन ने भारतीय संस्कृति, पौराणिक कथाओं, ग्रामीण जीवन और समकालीन विषयों को अपनी पेंटिंग्स में अद्भुत तरीके से चित्रित किया. उनकी शैली बोल्ड ब्रश स्ट्रोक्स और चमकीले रंगों से पहचानी जाती है. उनकी प्रसिद्ध रामायण, महाभारत, और मदर टेरेसा पर आधारित पेंटिंग्स शामिल हैं.
हुसैन अक्सर अपने बोल्ड और नए दृष्टिकोण के कारण विवादों में रहे. उनकी कुछ पेंटिंग्स, विशेष रूप से हिंदू देवी-देवताओं की नग्न चित्रण विवाद का विषय बनीं. विवादों की वजह से उन्हें देश छोड़कर विदेश में बसना पड़ा था.
एम एफ हुसैन ने अपनी कला यात्रा मुंबई में जहांगीर आर्ट गैलरी से शुरू की. शुरुआत में उन्होंने फिल्म पोस्टर पेंटिंग से अपना करियर शुरू किया, लेकिन जल्द ही वे फेमस हो गए थे.
उन्हें 1955 में पद्मश्री, 1973 में पद्मभूषण और 1991 में पद्मविभूषण से सम्माित किया गया. इन सम्मानों के अलावा, उनकी कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति मिली.
उनकी फिल्म "थ्रू द आईज ऑफ ए पेंटर" ने 1967 में बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन बीयर अवार्ड जीता.
उनका जन्म 17 सितंबर 1915 को महाराष्ट्र के पंढरपुर में हुआ था. 9 जून 2011 को उनका निधन हो गया था. अपने जीवन के अंतिम वर्षों में वे कतर और लंदन में समय बिताया. कतर सरकार ने उन्हें नागरिकता प्रदान की थी.
एम एफ हुसैन की पेंटिंग ग्राम यात्रा 14 फीट कैनवास पर फैली 13 शानदार पैनलों से बनाई गई है. इसमें स्वतंत्र भारत की विविधता और ग्राम्य जीवन के दर्शन होते हैं. इस पेंटिंग को हुसैन की पेंटिंग्स की आधारशिला माना जाता है.