मायावती, राजनेता
मायावती (Mayawati) एक भारतीय राजनेता हैं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चार अलग-अलग कार्यकाल दिए. वह 1995 में एक संक्षिप्त अवधि के लिए मुख्यमंत्री रहीं, फिर साल 1997, 2002 से 2003 और 2007 से 2012 तक मुख्यमंत्री बनी रहीं (UP Chief Minister).
मायावती का जन्म 15 जनवरी, 1956 (Date of Birth) को श्रीमती सुचेता कृपलानी अस्पताल, नई दिल्ली (Sucheta Kriplani Hospital) में जाटव जाति के एक दलित परिवार में हुआ था. उनके पिता प्रभु दास बादलपुर, गौतम बुद्ध नगर में डाकघर के कर्मचारी थे (Mayawati Parents). मायावती ने 1975 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज (Kalindi College DU) से बी.ए. किया. उन्होंने 1976 में मेरठ विश्वविद्यालय के वीएमएलजी कॉलेज, गाजियाबाद से बी.एड पूरा किया और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित विधि संकाय (Law Faculty Delhi University) से साल 1983 में एलएलबी की डिग्री प्राप्त की (Mayawati Education).
मायावती पहली बार 1994 में राज्यसभा के लिए चुनी गईं. वह बहुजन समाज पार्टी (BSP) से संबंधित हैं, जो बहुजनों के लिए सामाजिक परिवर्तन के एक मंच पर केंद्रित है, (Bahujan Samaj Party) जिसे आमतौर पर अन्य पिछड़ी जातियों (OBC), अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के साथ-साथ इन जातियों से परिवर्तित अल्पसंख्यकों के रूप में जाना जाता है. साल 1995 में, वह एक अल्पकालिक गठबंधन सरकार में अपनी पार्टी की प्रमुख और मुख्यमंत्री बनीं. वह उस वक्त तक उत्तर प्रदेश राज्य के इतिहास में सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री थीं और भारत में पहली महिला दलित सीएम थीं (First Woman Dalit Chief Minister).
पूरे भारत में लाखों दलित उन्हें एक आदर्श के रूप में देखते हैं और प्यार से उन्हें बहनजी कहते हैं.
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @Mayawati है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का सवाल है, ‘मायावती ठीक से चुनाव क्यों नहीं लड़ रही हैं?’ और बीएसपी नेता ने जवाब में X पर 6 पोस्ट लिखी है - सवाल है कि राहुल गांधी को जवाब मिला क्या?
राहुल गांधी ने कहा है कि 2024 के चुनाव में हम चाहते थे कि मायावती जी हमारे साथ लड़ें लेकिन वह हमारे साथ नहीं आईं. राहुल ने इस पर दुख भी व्यक्त किया. मायावती को लेकर राहुल गांधी की टीस क्या है?
केशव प्रसाद मौर्य ने राहुल गांधी के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर मायावती हमारे साथ आतीं तो BJP कभी नहीं जीतती.
मायावती का यह पोस्ट आया राहुल गांधी की रायबरेली में की गई उस टिप्पणी के बाद आया, जिसमें उन्होंने बसपा प्रमुख मायावती पर 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा विरोधी मोर्चे या इंडिया ब्लॉक से दूरी बनाने का आरोप लगाया, जिससे बीजेपी को जीत दर्ज करने में मदद मिली.
रायबरेली दौरे पर राहुल गांधी की मायावती पर टिप्पणी के बाद बीएसपी सुप्रीमो ने किया पलटवार. मायावती ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप, कहा - कांग्रेस का चरित्र अंबेडकर विरोधी है. जहां कांग्रेस मजबूत है या सरकार में है, वहां बीएसपी के साथ जातिवादी रवैया अपनाती है. राहुल के 'सरकार के खिलाफ लड़ने' के बयान पर मायावती ने दिया करारा जवाब. दोनों नेताओं के बीच बढ़ता तनाव यूपी की राजनीति में नए समीकरणों की ओर इशारा करता है.
रायबरेली दौरे पर राहुल गांधी ने मायावती पर किया कटाक्ष. एक युवा छात्र द्वारा बसपा सुप्रीमो की तारीफ करने पर राहुल ने पूछा - बहनजी आजकल चुनाव क्यों नहीं लड़ रही हैं? कांग्रेस नेता ने कहा कि वे चाहते थे मायावती बीजेपी के खिलाफ उनके साथ लड़ें. राहुल ने जताया दुख कि मायावती ने साथ नहीं दिया. उन्होंने कहा कि अगर तीनों पार्टियां एकजुट होतीं तो बीजेपी कभी नहीं जीतती. राहुल के बयान से विपक्षी एकता पर सवाल उठे.
दिल्ली में आज से भाजपा राज या यूं कहिए कि रेखा राज आगाज हो गया. रेखा गुप्ता ने सीएम पद की शपथ ले ली. आज उनके शपथ ग्रहण समारोह के लिए एनडीए का पूरा कुनबा दिल्ली में था. पीएम मोदी से लेकर अमित शाह और तमाम भाजपा नेता मौजूद थे. जब दिल्ली में 'राम को लाने' वालों का जुटान था, तब राहुल गांधी भी रामभक्त के दरबार में हाजिरी लगा रहे थे. जी हां, जब दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह हो रहा था, तब राहुल गांधी दिल्ली से करीब 600 किलोमीटर दूर हनुमान जी के दरबार में हाजिरी लगा रहे थे.
कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के लिए कुछ ऐसा कह दिया, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है. भाजपा ने भी उदित राज की टिप्पणी के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा है.
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने अमेरिकी एजेंसी द्वारा भारतीय चुनावों में कथित विदेशी हस्तक्षेप और 21 मिलियन डालर की फंडिंग पर चिंता जताई है. उन्होंने बीजेपी और आप के राजनीतिक प्रभुत्व के चलते दिल्ली चुनावों में बीएसपी के कमजोर प्रदर्शन पर चिंता जाहिर की और पार्टी के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता बनाए रखने की बात कही.
2001 से 2004 के बीच बिहार में 1,527 अपहरण के मामले, जिनमें 2004 में अकेले 411 अपहरण हुए. यह वह दौर था जब बिहार में अपहरण एक उद्योग बन गया था. बिहार ही नहीं उस दौर को आज भी पूरा भारत याद करता है, जब सरकार ही किडनैपिंग के धंधे में लगी हुई थी.
बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने सोमवार को भारतीय चुनावों में कथित विदेशी हस्तक्षेप को लेकर चिंता जताई है.
बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) ने दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डॉ. अशोक सिद्धार्थ व नितिन सिंह को पार्टी से निकाल दिया है. पार्टी से निकाले जाने के पीछे का कारण गुटबाजी आदि को बताया गया है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के हिसाब से देखें तो आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस सभी दलों की नजर दलित वोट बैंक पर है. एक सर्वे रिपोर्ट में दलित वोटर का रुझान कांग्रेस की तरफ पाया गया है, लेकिन अब भी वे अरविंद केजरीवाल को भी बेस्ट मुख्यमंत्री मानते हैं.
मायावती ने कहा कि बसपा की लड़ाई बहुजन समुदायों का शासन सुनिश्चित करने के लिए है, ताकि गरीब, दलित, आदिवासी, ओबीसी, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक सम्मानजनक जीवन जी सकें. उन्होंने पार्टी के सदस्यों से संगठन को मजबूत करने और सभी समुदायों के बीच पार्टी का जनाधार बढ़ाने का आह्वान किया.
दिल्ली चुनाव में मायावती की दिलचस्पी कांग्रेस और बीजेपी से किसी मायने में कम नहीं लग रही है. मिल्कीपुर का मैदान और लखनऊ छोड़कर अगर मायावती दिल्ली में डेरा डाल लेती हैं तो भला और क्या समझा जाएगा.
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने लंदन के वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय से पढ़ने वाले अपने दूसरे भतीजे ईशान आनंद को पार्टी की एक बैठक में कार्यकर्ताओं से मिलवाया है. जिसके बाद ये अटकलें तेज हो गईं है कि मायावती पार्टी में युवा नेतृत्व को आगे करना चाहती है.
मिल्कीपुर उपचुनाव में भीम आर्मी वाले चंद्रशेखर की एंट्री से लड़ाई दिलचस्प हुई जरूर है, लेकिन मुकाबला त्रिकोणीय भी होगा कहना मुश्किल है - ये जरूर है कि समाजवादी पार्टी और बीजेपी की लड़ाई में थोड़ा असर तो पडे़गा ही.
मायावती ने बसपा के यूपी संगठन की समीक्षा बैठक बुलाई है. इस बैठक में आनंद कुमार और आकाश आनंद के साथ ईशान आनंद भी पहुंचे हैं. ईशान एक दिन पहले ही मायावती के जन्मदिन के मौके पर भी उनके साथ नजर आए थे.
सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च कर अपनी और अपनी पार्टी के सिंबल हाथी की मूर्तियां बनाने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका का सुप्रीम कोर्ट ने निपटारा कर दिया है.
मायावती के जन्मदिन के अवसर पर मंच पर आकाश आनंद के छोटे भाई ईशान आनंद दिखाई दिए हैं, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीएसपी सुप्रीमो ने अपने छोटे भतीजे की राजनीति में एंट्री करा दी है.
बीएसपी की अध्यक्ष मायावती का जन्मदिन आज 15 जनवरी को जन्मदिन है. मायावती के जन्मदिन के मौके पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने बधाई दी.