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मेधा पाटकर

मेधा पाटकर

मेधा पाटकर

Politician

मेधा पाटकर (Medha Patkar) एक राजनेता और सजायाफ्ता कार्यकर्ता हैं. उन्होंने आदिवासियों, दलितों, किसानों, मजदूरों और महिलाओं के लिए राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर काम कर रही हैं. पाटकर तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) की संस्थापक सदस्य हैं (Narmada Bachao Andolan (NBA)).

नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) नर्मदा नदी पर बांध के विरोध में 1985 में शुरू हुआ एक सामाजिक आंदोलन है, जिसमें नर्मदा घाटी के आदिवासी, किसान, मछुआरे, मजदूर और अन्य लोग शामिल हैं, साथ ही, पर्यावरणविद, मानवाधिकार कार्यकर्ता, वैज्ञानिक, शिक्षाविद, कलाकार जैसे बुद्धिजीवी भी इश आंदोलन में शामिल हैं. गुजरात में सरदार सरोवर बांध नर्मदा पर बने सबसे बड़े बांधों में से एक है, जहां अहिंसक जन संघर्ष अभी भी जारी है.

2000 में, मेधा पाटकर को टाइम पत्रिका ने 20वीं सदी के 100 नायकों में शामिल किया था. वह सामाजिक विज्ञान अनुसंधान के एक प्रमुख संस्थान TISS की पूर्व छात्रा हैं.

मेधा पाटकर का जन्म 1 दिसंबर 1954 को मुंबई में हुआ था. वे स्वतंत्रता सेनानी और मजदूर संघ के नेता, वसंत खानोलकर की बेटी हैं. उनकी मां इंदुमती खानोलकर डाक और तार विभाग में राजपत्रित अधिकारी थीं. उनका एक भाई महेश खानोलकर है, जो एक आर्किटेक्ट हैं.

मेधा पाटकर ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से सामाजिक कार्य में एमए किया है. वह तलाकशुदा हैं.

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