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मेरे राम

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मेरे राम

त्रेता युग में जन्मे राम (Ram) अयोध्या के महाराज दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र थे. वे भगवान विष्णु के अवतार माने गए हैं. न्यायप्रिय श्रीराम को लोग कई रूप में पूजते हैं. किसी के लिए वे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम (Shri Ram) हैं तो किसी के लिए राजा राम. श्रीराम ने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग कर दिया था. मर्यादा पुरुषोत्तम राम बचपन से ही शान्‍त स्‍वभाव के थें. उन्‍होंने मर्यादा को हमेशा सर्वोच्च स्थान पर रखा. न्‍यायप्रिय राम के राज्य में हमेशा खुशहाली रहती थी. इसलिए भारतवर्ष में राज के लिए हमेशा रामराज का उदाहरण दिया गया है.

भारत के अधिकतर साधु-संत राजा राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम के रूप में पूजते हैं. वहीं बात अयोध्या की करें तो यहां भगवान रामलला की स्थापना हो रही है. अयोध्या में श्रीराम के बाल रूप की पूजा-अर्चना होगी. स्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस के बालकाण्ड में श्रीराम के बचपन के बारे में लिखा गया है. 

भारत के कई स्थानों के श्रद्धालुओं के लिए श्रीराम राजा राम हैं जिन्होंने पिता दशरथ के दिए वचन और सौतेली माता कैकेयी की इच्छा को पूरा करने के लिए चौदह वर्ष का वनवास काटा और अपने पिता के वचन की रक्षा की. वहीं कई लोग श्री रामचन्द्र को परम योद्धा राम के रूप में पूजते हैं जिन्होंने राक्षसों का संहार किया और माता सीता को रावण के बचाया. आज भी दुर्गा पूजा में दशहरा के दिन रावण दहन कर मर्यादा पुरुषोत्तम राम को एक योद्धा के रूम याद करते हैं.

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