मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स (Monkeypox), वायरस के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है जो मनुष्यों और कुछ जानवरों में हो सकता है (Monkeypox Viral Disease). इसके लक्षण बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूजी हुई लिम्फ नोड्स और थकान महसूस करने के साथ शुरू होते हैं. इसके बाद एक चकत्ता होता है जिसके ऊपर फफोले और पपड़ी बनता है. इस बिमारी के लक्षणों का पता लगभग 10 दिनों में चलता है (Monkeypox Symptoms).
मंकीपॉक्स, किसी जानवर के काटने या खरोंच, शरीर के तरल पदार्थ, दूषित वस्तुओं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से फैल सकता है. वायरस के डीएनए के लिए एक घाव का परीक्षण करके निदान की पुष्टि की जाती है (Monkeypox Diagnosis). यह रोग चिकनपॉक्स के समान दिखाई देता है.
इस संक्रमण पर चेचक का टीका 85% प्रभावी है (Smallpox Vaccine for Monkeypox). 2019 में, संयुक्त राज्य अमेरिका में वयस्कों के लिए मंकीपॉक्स के टीके, जेनिओस को मंजूरी दी गई थी. टेकोविरिमैट, एक एंटीवायरल है जो विशेष रूप से चेचक और मंकीपॉक्स जैसे ऑर्थोपॉक्सविरस के संक्रमण का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसे यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका में मंकीपॉक्स के इलाज के लिए मंजूरी मिली हुई है (Monkeypox Treatment).
मंकीपॉक्स की पहचान पहली बार 1958 में कोपेनहेगन, डेनमार्क में प्रयोगशाला में बंदरों में की गई थी. बंदर वायरस के प्राकृतिक भंडार नहीं हैं. मनुष्यों में सबसे पहले मामले 1970 में कांगो में पाए गए थे (First Case of Monkeypox).
मई 2022 में यूनाइटेड किंगडम में मंकीपॉक्स के मामले मिले, साथ ही,लगभग 12 देशों में भी इस बीमारी के मामले मिले, जिसमें यूरोप, उत्तरी अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और इजराइल शामिल हैं (Monkeypox on 2022).
कर्नाटक में दुबई से आए 40 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई, जो बुखार और चकत्ते से पीड़ित है. स्वास्थ्य विभाग ने कहा, मामला गंभीर नहीं है और सावधानी बरती जा रही है. चीन में नया वैरिएंट पाया गया है, जिसके बाद एहतियात बढ़ गई है.
कर्नाटक में दुबई से आए 40 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई, जो बुखार और चकत्ते से पीड़ित है. स्वास्थ्य विभाग ने कहा, मामला गंभीर नहीं है और सावधानी बरती जा रही है. चीन में नया वैरिएंट पाया गया है, जिसके बाद एहतियात बढ़ गई है.
भारत में वायरल इंफेक्शन MPox का खतरा एक बार फिर से बढ़ता नजर आ रहा है. केरल में दूसरा मामला रिपोर्ट किया गया है.
महीनों की देरी के बाद Mpox वैक्सीन की पहली खेप हाल में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो पहुंच सकी. ये अफ्रीकी देश मंकीपॉक्स को लेकर दुनियाभर की चिंता बढ़ाए हुए है. यहां तक कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) भी इसे लेकर चेता रहा है. लेकिन कांगो से लेकर लगभग कोई भी अफ्रीकी देश न तो वैक्सीन बना रहा है, न ही खरीद पा रहा है.
केरल के मलप्पुरम में एक 38 साल के शख्स में मंकीपॉक्स वायरस की पुष्टि हुई है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इस व्यक्ति में दुबई से लौटने के बाद लक्षण दिखाई दिए थे.
भारत में एमपॉक्स का दूसरा मामला सामने आया है. इस बार यह मामला केरल से दर्ज किया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मरीज का इलाज अस्पताल में चल रहा है, और उसकी स्थिति को नियंत्रण में है.
केरल के मलप्पुरम जिले में मंकीपॉक्स वायरस का संदिग्ध मामला सामने आया है. दुबई से लौटे शख्स में इसका लक्षण पाया गया है और पता चलने के तुरंत बाद शख्स ने खुदको परिवार से अलग कर लिया था और प्राइवेट अस्पताल में एडमिट था. अब उसे मंजेरी अस्पताल में रेफर किया गया है. उसके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं और पुष्टि के लिए रिपोर्ट का इंतजार है.
वर्ल्डवॉच इंस्टीट्यूट के मुताबिक, हम ऐसी दुनिया में हैं जहां हर 6 में से 1 व्यक्ति भूखा रहता है. ऐसा इसलिए क्योंकि मांस के उत्पादन में अनाज का दुरुपयोग होता है. अगर इंसान सीधे अनाज खाए तो इसका सही उपयोग हो सकेगा.
मंकीपॉक्स ने भारत में दस्तक दे दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वायरस को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था और इसे 'ग्रेड 3 इमरजेंसी के रूप में बताया था'. जब मंकीपॉक्स से संक्रमित हुआ इंसान, ऐसे लगा था सोर्स का पता, जानें.
मंकी पॉक्स ने भारत में दस्तक दे दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वायरस को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था और इसे 'ग्रेड 3 इमरजेंसी के रूप में बताया था'. मंकीपॉक्स का मंकी से क्या कनेक्शन है? जानें.
मंकी पॉक्स ने भारत में दस्तक दे दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वायरस को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था और इसे 'ग्रेड 3 इमरजेंसी के रूप में बताया था'. आखिर क्या है मंकी पॉक्स, जानें.
कुछ साल पहले वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि कोविड आखिरी महामारी नहीं है. भविष्य में और भी महामारियों का सामना करना पड़ेगा. इसलिए हमें जानवरों में फैलने वाली बीमारियों को करीब से देखने की जरूरत है. एक रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में 90% से ज्यादा मांस फैक्ट्री फार्म से आता है. इन फार्म्स में जानवरों को ठूंस-ठूंसकर रखा जाता है. इससे वायरल बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को एमपॉक्स मामले की पुष्टि करते हुए कहा था कि मरीज एक युवा पुरुष है, जो हाल ही में एमपॉक्स संक्रमण वाले देश से यात्रा करके आया था, वर्तमान में उसे आइसोलेशन में रखा गया है. मरीज की हालत मेडिकल रूप से स्थिर है और उसे कोई बीमारी नहीं है.
सार्स, मर्स, H1N1 स्वाइन फ्लू, इबोला, जीका वायरस, कोविड और अब मंकीपॉक्स. ये कुछ ऐसी बीमारियां हैं जो 15-20 सालों में दुनियाभर में फैलीं. इन सभी का एक ही सोर्स था, जानवर. WHO का दावा है कि पिछले तीन दशकों में इंसानों में 30 तरह की नई बीमारियां आईं और इनमें से 75% जानवरों की वजह से ही फैली हैं. तो क्या हमें जानवरों से दूर रहना चाहिए? क्या नॉन-वेज नहीं खाना चाहिए या वेजिटेरियन बनकर बचा सकता है? आइए इन सभा सवालों के जवाब जानते हैं.
सार्स, मर्स, H1N1 स्वाइन फ्लू, इबोला, जीका वायरस, कोविड और अब मंकीपॉक्स. ये कुछ ऐसी बीमारियां हैं जो 15-20 सालों में दुनियाभर में फैलीं. इन सभी का एक ही सोर्स था, जानवर. WHO का दावा है कि पिछले तीन दशकों में इंसानों में 30 तरह की नई बीमारियां आईं और इनमें से 75% जानवरों की वजह से ही फैली हैं. तो क्या हमें जानवरों से दूर रहना चाहिए? क्या नॉन-वेज नहीं खाना चाहिए या वेजिटेरियन बनकर बचा सकता है? आइए इन सभा सवालों के जवाब जानते हैं.
मंकीपॉक्स का मंकी से क्या है कनेक्शन? कहां से फैलना शुरू हुई ये बीमारी..
किसी इंसान के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने का पहला मामला सामने आने के बाद कई अफ्रीकी देशों में जब बंदरों और गिलहरियों का टेस्ट किया गया तो उनमें मंकीपॉक्स के खिलाफ एंटीबॉडी मिली. इससे वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि मंकीपॉक्स का ओरिजिन सोर्स अफ्रीका ही है.
Mpox Vaccine In India: भारत में भी अब मंकीपॉक्स वायरस की एंट्री हो गई है और सरकार ने एक मामले की पुष्टि कर दी है. ऐसे में अब लोग इसकी वैक्सीन के बारे में जानना चाह रहे हैं. तो जानते हैं क्या कहानी है.
भारत में मंकीपॉक्स के पहले मरीज की पुष्टि हुई है. मरीज को संदिग्ध के तौर पर अस्पताल में आईसोलेट किया गया था. उसपर करीबी नजर रखी जा रही थी और सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे. अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि वो ही संदिग्ध मरीज एमपॉक्स के लिए पॉजिटिव पाया गया है.
भारत में मंकीपॉक्स के पहले मरीज की पुष्टि हुई है. मरीज को संदिग्ध के तौर पर अस्पताल में आईसोलेट किया गया था. उसपर करीबी नजर रखी जा रही थी और सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे. अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि वो ही संदिग्ध मरीज एमपॉक्स के लिए पॉजिटिव पाया गया है.
कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' जल्द ही रिलीज होने वाली है, सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट दिया है लेकिन कुछ सीन्स काटने और डिस्क्लेमर देने की शर्त रखी है. एक विदेश से लौटे व्यक्ति को स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमपॉक्स के संदेह में आइसोलेट किया है, वहीं बर्खास्त IAS पूजा खेडकर मामले के बाद कई अफसरों की जांच हो सकती है.