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मोरारी बापू

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मोरारी बापू (Morari Bapu, Preacher) का पूरा नाम मोरारीदास प्रभुदास हरियानी है. वह गुजरात के एक भारतीय आध्यात्मिक नेता और उपदेशक हैं. मोरारी बापू, भारत और विदेशों के विभिन्न शहरों में रामचरितमानस पर अपने प्रवचनों के लिए जाने जाते हैं. 14 साल की उम्र में, उन्होंने गुजरात के एक गांव धनफुलिया में आयोजित नौ दिवसीय प्रवचन में रामफलदास महाराज के साथ रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर अपना पहला प्रवचन दिया था.

मोरारी बापू का जन्म 19 फरवरी 1947 को गुजरात के महुवा के पास तलगजरदा गांव में हुआ था (Morari Bapu Age). उनके पिता का नाम प्रभुदास बापू हरियानी है और मां का नाम सावित्री बेन हरियानी है (Morari Bapu Parents). बापू के छह भाई और दो बहनें हैं (Morari Bapu Siblings). उनके परिवार ने एक हिंदू वैष्णव परंपरा, निम्बार्क संप्रदाय का पालन किया है. वह अपने दादा त्रिभुवनदास हरियानी को अपना गुरु, आध्यात्मिक शिक्षक मानते हैं और उनसे रामचरितमानस की शिक्षा उस स्थान पर मिली, जिसे अब चित्रकूटधाम (Chitrakutdham) के नाम से जाना जाता है (Morari Bapu, Grandfather, Spiritual Teacher). 

मोरारी बापू ने तलगजरदा के महुवा में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने के दौरान चौपाइयों को याद किया था. माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने जूनागढ़ के शाहपुर शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज में प्रवेश लिया. बाद में उन्होंने 1966 में एक शिक्षक के रूप में पौवा के एक प्राथमिक विद्यालय के साथ जुड़ गए (Morari Bapu Education).

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