इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलिजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशंस को मोसाद (MOSSAD) के नाम से जाना जाता है. यह इजराइल राज्य की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है. यह अमन (सैन्य खुफिया) और शिन बेट (आंतरिक सुरक्षा) के साथ, इजरायली खुफिया समुदाय में मुख्य संस्थाओं में से एक है.
मोसाद खुफिया जानकारी एकत्र करने, गुप्त अभियान और आतंकवाद विरोधी कार्रवाई करता है. इसके निदेशक सीधे और सिर्फ प्रधानमंत्री को रिपोर्ट देते हैं. अनुमान है कि इसमें लगभग 7,000 लोग कार्यरत हैं, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी जासूसी एजेंसियों में से एक बनाता है जो दुनिया का सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी है.
मोसाद का गठन 13 दिसंबर 1949 को प्रधानमंत्री डेविड बेन-गुरियन ने केंद्रीय समन्वय संस्थान के रूप में किया था.
इजरायल तख्तापलट के बाद सीरिया में मोसाद के फेमस एजेंट एली कोहेन की कब्र खोज रहा है. एली कोहेन को 1965 में सीरिया में फांसी पर लटका दिया गया था.
ईरान के कुछ और न्यूक्लियर साइंटिस्ट, हिज्बुल्लाह और हमास के कुछ और कमांडर को छोड़ दें तो पिछले चार सालों में हुई इन छह मौतों ने ईरान को हिला कर रख दिया है. वजह ये है कि ये छह की छह मौतें मामूली नहीं हैं. बल्कि ये वो छह लोग थे जिनका रुटीन, जिनकी मीटिंग, जिनके ठिकाने, जिनकी मूवमेंट इतने गुप्त रखे जाते थे.
इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद को लेकर तमाम दिलचस्प किस्से मौजूद हैं. ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कैसे मोसाद का एक एजेंट ईरान की ही एक यूनिट का प्रमुख बन गया और कई बड़े खुफिया ऑपरेशन को अंजाम दिए.
इजरायल के चैनल 12 ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इजरायली हमले में नसरल्लाह का सीक्रेट बंकर तबाह हो गया, जिससे 64 साल के नसरल्लाह की जहरीले धुएं में दम घुटने से मौत हो गई.
लेबनान और सीरिया के सीमावर्ती इलाकों में पिछले महीने धड़ाधड़ पेजर्स में धमाके हुए थे. लेबनान की राजधानी बेरूत और दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों विशेष रूप से पूर्वी बेका वैली में पेजर में सीरियल ब्लास्ट होने शुरू हुए थे. इसके बाद लेबनान में वॉकी-टॉकी के अलावा सोलर पैनल और हैंड हेल्ड रेडियो में भी ब्लास्ट हुए थे.
World Top Spy Agency: लेबनान और इजरायल वॉर में सबसे ज्यादा चर्चा मोसाद की है. लेकिन, क्या आप जानते हैं दुनिया में मोसाद से भी ज्यादा खतरनाक खुफिया एजेंसियां हैं.
लेबनान में हुए पेजर हमले के बाद इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद सुर्खियों में है. मोसाद के एजेंट्स के काम करने के तरीकों की तारीफ हो रही है. लेकिन, क्या आप जानते हैं दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसियों में से एक मोसाद की अधिकतर फीमेल एजेंट शादी नहीं करती हैं. क्या है इसकी वजह, देखें इस वीडियो में.
Mossad Agent Eli Cohen Story: ये तो सुना होगा कि मोसाद दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसियों में से एक है. तो जानते हैं इस बात को सच सही साबित करने वाला एक उदाहरण...
मोसाद के अलावा अमान (Aman) और शिन बेत (Shin Bet) इजरायल की प्रमुख जांच एजेंसियां हैं. ये तीनों एजेंसियां अलग-अलग मोर्चों पर सुरक्षा के काम में मुस्तैद रहती हैं. जहां एक तरफ अमान सैन्य इंटेलिजेंस से जुड़ी हुई है तो मोसाद खुफिया ऑपरेशन को अंजाम देती है जबकि शिन बेत घरेलू सुरक्षा का जिम्मा उठाए हुए है.
पहले 3000 से ज्यादा पेजर में ब्लास्ट हुआ. 12 मौतें हुईं और 3000 से ज़्यादा लोग घायल हो गए. फिर वॉकी-टॉकी में ताबड़तोड़ धमाके हुए. 20 लोग मारे गए और 450 से ज़्यादा लोग घायल हो गए. अब सोलर सिस्टम में भी धमाके होने लगे. जिसकी वजह से अब तक 6 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
मोसाद का पूरा नाम इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलिजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशंस है. यह इजरायल की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी है. मोसाद इजरायल इंटेलिजेंस नेटर्वक के तहत काम करती है. इस नेटवर्क में मोसाद के अलावा अमान (सैन्य इंटेलिजेंस) और शिन बेट (आंतरिक सुरक्षा) भी हैं.
लेबनान में हिज्बुल्लाह के आतंकियों के पास मौजूद तमाम वॉकी-टॉकी में धमाके हुए हैं और इसमें कई दहशतगर्दों की मौत हो गई है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोसाद ने हिज्बुल्लाह को चकमा देने के लिए फर्जी कंपनी बनाई और वॉकी-टॉकी में विस्फोटक भरकर आतंकी संगठन को बेच दिए.
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया है. दरअसल लेबनान में पेजर के बाद वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट हुए. पहले दिन 12 आतंकियों की मौत के बाद 14 और आतंकी मारे गए, इसको लेकर हिजबुल्लाह में दहशत है. लेबनान में दहशत है कि क्या घर के दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामानों में भी विस्फोट हो सकता है?
Israel Force Unit: लेबनान में हुए पेजर अटैक में अब इजरायल की फोर्स यूनिट 8200 का नाम सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि ये काम यूनिट 8200 ने करवाया है.
यकीन मानिए 17 सितंबर की दोपहर लेबनान के अलग-अलग शहरों और सीरिया के कुछ इलाक़ों में जो कुछ हुआ वो इस सदी का सबसे बड़ा हमला और सबसे बड़ी और अनोखी साज़िश थी. एक ऐसी साज़िश.. जिसमें एक साथ 3 हजार लोगों के हाथों में बम थमा दिया गया था.
रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ऑपरेशन लेबनान की तैयारी लगभग एक साल से की जा रही थी. इस ऑपरेशन में इस यूनिट की भूमिका काफी अहम थी. हिज्बुल्लाह की ओर से जिन पेजर्स का ऑर्डर दिया गया था. उन पेजर्स में विस्फोटक फिट करवाने की जिम्मेदारी यूनिट 8200 की ही थी.
Mossad Female Agents: लेबनान में हुए पेजर अटैक के बाद अब सबसे ज्यादा चर्चा मोसाद और उनके एजेंट्स के काम करने के तरीकों पर हो रही है. ऐसे में जानते हैं आखिर उनकी फीमेल एजेंट्स कैसे काम करती हैं.
हिज्बुल्लाह चीफ नसरुल्लाह लंबे समय से हिज्बुल्लाह लड़ाकों को सेलफोन या इंटरनेट कॉलिंग के बजाए पेजर और वॉकी टॉकी के इस्तेमाल पर जोर दे रहा है. उन्होंने सबसे पहले 2022 में सार्वजनिक तौर पर पेजर के इस्तेमाल की बात कही थी और इसी बयान के बाद इजरायल ने ऑपरेशन लेबनान का खाका तैयार कर लिया था.
इजरायल की खुफिया एजेंसियां अपने बेहतरीन काम और गुप्त अभियानों के लिए मशहूर हैं, लेकिन 1954 में मिस्र में "लैवोन अफेयर" विफलता उनके लिए एक काला अध्याय बन गया है. घटना उनकी रणनीतिक गलतियों को उजागर करती है और बताती है कि कोई महान एजेंसी भी कभी-कभी गलतियां कर सकती हैं.
न्यूस एजेंसी एक्सियोस के मुताबिक, हिजबुल्लाह को मोसाद के पेजर प्लान की भनक लग गई थी.इसी वजह से इजरायल के सामने सवाल था या तो ये ऑपरेशन अभी कर दो या हमेशा के लिए भूल जाओ. कहा जा रहा है कि साजिश का पर्दाफाश हो सकता था और इसी डर से इजरायल ने कल ही इस प्लान को अंजाम दे दिया.
लेबनान और सीरिया में इस हमले के बाद चर्चा में आई ताइवान की गोल्ड अपोलो कंपनी के फाउंडर और चेयरमैन कुआंग ने कहा था कि जिन प्रॉडक्ट में ब्लास्ट हुआ है. वह हमारे नहीं थे. उन प्रॉडक्ट के लिए सिर्फ हमारे ब्रांड के नाम का इस्तेमाल किया गया था. हम जिम्मेदार कंपनी है. लेकिन यह घटना बहुत शर्मनाक है.