मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव
एक ग्राम पंचायत (Panchayat) का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है. हर पांच साल में पंचायत चुनाव होते हैं. 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग जो उस गांव की ग्राम पंचायत के क्षेत्र के निवासी हैं, मतदान कर सकते हैं. संविधान के अनुच्छेद 243-सी(5)(ए) के अनुसार, ग्राम पंचायत अध्यक्षों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुना जा सकता है, जैसा कि राज्य का विधानमंडल, कानून द्वारा, प्रदान कर सकता है. संविधान के अनुच्छेद 243-सी(5)(बी) के अनुसार, मध्यवर्ती और जिला पंचायतों के अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है (Panchayat Election).
मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग भारतीय राज्य मध्य प्रदेश में गठित एक स्वायत्त और वैधानिक निकाय है जो यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और निष्पक्ष तरीके से हो. अनुच्छेद 243K और 243 ZA और अनुच्छेद 324 के प्रावधानों के साथ भारत का संविधान राज्य चुनाव आयोगों की शक्तियों का निर्माण और सुरक्षा सुनिश्चित करता है. मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग शहरी स्थानीय निकायों जैसे नगर पालिकाओं, नगर निगमों, पंचायतों (MP Panchayat) और भारत के चुनाव आयोग द्वारा निर्दिष्ट किसी भी अन्य के लिए चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है. मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति मध्य प्रदेश के राज्यपाल द्वारा की जाती है (MP State Election Commission).
मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग का गठन भारत के चुनाव आयोग की शक्तियों के अनुसार किया गया था, जिसका गठन वर्ष 1950 में राज्य स्तरीय चुनावों की निगरानी के लिए किया गया था. राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है. स्थिति की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए, मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयुक्त को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के लिए निर्दिष्ट आधार और तरीके के अलावा पद से हटाया नहीं जा सकता है (Formation of MP State Election Commission).
3 राज्यों का चुनाव जीतकर अब बीजेपी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों पर मंथन कर रही है. राजस्थान में शानदार जीत के बाद बीजेपी ने नए सीएम की तलाश शुरू कर दी है. गृहमंत्री अमित शाह से प्रह्लाद जोशी की संसद भवन में मुलाकात चल रही है. न्यूज बुलेटिन में देखें बड़ी खबरें.
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव 2023 की तारीखों का ऐलान हो गया है. चुनाव आयोग ने इसका पूरा कार्यक्रम घोषित कर दिया है. सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. वैसे तेलंगाना, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की विधानसभाओं का कार्यकाल अगले साल जनवरी में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त हो रहा है.
मध्य प्रदेश के लिए ये चुनावी साल है, कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियां एक बार फिर पूरी ताकत से मैदान में हैं, भाजपा जहां अपने 18 साल के विकास कार्यों को लेकर मैदान में है तो वहीं कांग्रेस भाजपा सरकार की कमियों और अपनी पार्टी की 15 महीने की सरकार की उपलब्धियों के सहारे मैदान में उतर रही है.
विनीता का नाम गांव की वोटर लिस्ट में नहीं था. तो विनीता के परिवार वालों ने अनीता के नाम से उसे चुनाव लड़ाया. चुनाव में अनीता को जीत हासिल हुई. घूंघट की आड़ में विनीता ने अनिता के नाम पर प्रमाण पत्र भी हासिल किया. चुनाव में हारे प्रत्याशी ने इस मामले का खुलासा कोर्ट में याचिका दायर कर किया.
MP election result मध्यप्रदेश में आज 43 जिलों के 214 नगरीय निकायों में हुए चुनाव के नतीजे आ रहे हैं. जिन 214 नगरीय निकायों के नतीजे आने हैं, उनमें 5 नगर निगम, 40 नगरपालिका शामिल हैं. इससे पहले रविवार को 11 नगर निगम के नतीजे आए थे. इनमें से 7 पर बीजेपी, 3 पर कांग्रेस और 1 पर आप ने जीत हासिल की थी.