म्यूचुअल फंड
एक म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एक पेशेवर रूप से प्रबंधित निवेश फंड है (Professionally Managed Investment Fund). यह कई निवेशकों से प्रतिभूतियों की खरीद के लिए धन एकत्र करता है. यह शब्द आम तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और भारत में उपयोग किया जाता है, जबकि दुनिया भर में समान संरचनाओं में यूरोप में एसआईसीएवी ('परिवर्तनीय पूंजी के साथ निवेश कंपनी') और यूके में ओपन-एंडेड निवेश कंपनी (ओईआईसी) शामिल हैं.
म्यूचुअल फंड को उनके प्रमुख निवेशों द्वारा मनी मार्केट फंड, बॉन्ड या फिक्स्ड इनकम फंड, स्टॉक या इक्विटी फंड, या हाइब्रिड फंड में वर्गीकृत किया जाता है. फंड को इंडेक्स फंड के रूप में भी वर्गीकृत किया जा सकता है, जो निष्क्रिय रूप से प्रबंधित फंड है जो किसी इंडेक्स के प्रदर्शन को ट्रैक करता है, लेकिन आम तौर पर ये उच्च शुल्क लेत है. म्यूचुअल फंड की प्राथमिक संरचनाएं ओपन-एंड फंड, क्लोज-एंड फंड, यूनिट निवेश ट्रस्ट हैं (Mutual Fund Features).
ओपन-एंड फंड जारीकर्ता से खरीदे या बेचे जाते हैं. इसकी खरीद या बिक्री ट्रेडिंग डे की समाप्ति तक प्रत्येक शेयर के नेट एसेट वेल्यू पर होती है. इनका व्यापार सीधे जारीकर्ता के साथ किया जा सकता है. व्यक्तिगत प्रतिभूतियों में प्रत्यक्ष निवेश की तुलना में म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान हैं. म्युचुअल फंड के लाभों में स्केल की इकॉनमी, डावर्सिफिकेशन, लिक्विडिटी और प्रोफेशनल मैनेजमेंट शामिल हैं. हालांकि, ये म्यूचुअल फंड फीस और खर्च के साथ आते हैं (Mutual Fund Advantages and Disadvantages).
म्यूचुअल फंड को सरकारी निकायों द्वारा रेग्यूलेट किया जाता है. भारत में इसे सिक्युरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया रेग्यूलेट करता है (Mutual Fund Regulated by SEBI in India). इसके प्रदर्शन, फीस, सिक्युरिटी जैसी जानकारियों को प्रकाशित करना आवश्यक है. एक सिंगल म्यूचुअल फंड में कई शेयर वर्ग हो सकते हैं जिससे बड़े निवेशकों को कम शुल्क का भुगतान करना पड़ता है (Mutual Funds Regulation and Operation).
Rule Change From 1st March: अगले महीने की पहली तारीख से देश में कई बड़े बदलाव लागू हो जा रहे हैं. इनमें एलपीजी गैस की कीमतों से लेकर म्यूचुअल फंड में नॉमिनी जोड़ने की प्रक्रिया तक शामिल है. इसके अलावा इंश्योरेंस प्रीमियम पेमेंट से जुड़ा नियम भी चेंज हो रहा है.
अगर आप रिटायरमेंट प्लानिंग कर रहे हैं तो मार्केट गिरे या चढ़े आपको अपनी SIP कभी भी बंद नहीं करनी चाहिए. क्योंकि एक रेगुलर इन्वेंस्टमेंट के साथ ही आप 60 साल के बाद अच्छा मुनाफा बना सकते हैं. आज हम आपको एक ऐसा ही कैलकुलेशन बता रहे हैं, जिसके तहत आप रिटायरमेंट तक करोड़ों रुपये जमा कर पाएंगे.
शेयर बाजार में गिरावट के दौरान म्यूचुअल फंड में भी नुकसान होने लगता है, तो कुछ ग्राहक सोचते हैं कि SIP को बंद कर देना चाहिए..क्या है इस सवाल का सही जवाब एक्सपर्ट से सुनिए
शेयर बाजार इन दिनों भारी गिरावट देखी जा रही है. निवेशकों के निवेश किए गए पैसे भी माइनस में जाने लगे हैं. ऐसे समय में एक्सपर्ट लोगों को SIP में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं, ताकि उन्हें ज्यादा नुकसान कम हो और लॉन्ग टर्म में उन्हें अच्छा रिटर्न मिल सके.
SIP भारतीय निवेशकों के बीच लोकप्रिय हैं. दिसंबर में ही म्यूचुअल फंड फोलियो बढ़कर 22.50 करोड़ हो गया, जबकि पिछले महीने में यह आंकड़ा 22.02 करोड़ था.
Mutual Fund में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP निवेश करने का एक लोकप्रिय तरीका है. इसमें लॉन्ग टर्म में मिलने वाला रिटर्न इसे और भी पॉपुलर बनाता है, जो 12 से 15 फीसदी या उससे अधिक भी हो सकता है.
म्यूचुअल फंड एसआईपी एक ऐसा जरिया है, जिसके तहत लॉन्ग टर्म में मोटा पैसा जमा किया जा सकता है. इतना ही नहीं आप चाहें तो कुछ टैक्स सेविंग फंड में पैसा लगाकर आप टैक्स भी बचा सकते हैं. SIP के जरिए आप छोटे से लेकर एक बड़ा अमाउंट एक निश्चित समय अंतराल के दौरान लगा सकते हैं.
अगर निवेश करने में जरा भी रुकावट आई तो करोड़ों रुपये जमा करने में दिक्कत आ सकती है. ऐसे में जब भी SIP की शुरुआत करें, तो एक प्लानिंग के तहत करनी चाहिए. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि आपके पास कम से कम एक टारगेट होना आवश्यक है और इस टारगेट को प्राप्त करने के लिए आपके पास एक फॉमूर्ला भी होना चाहिए.
अगर आप भी रिटायरमेंट के बारे में सोच रहे हैं और रिटायरमेंट के बाद हर महीने एक मोटी इनकम पाना चाहते हैं तो एक तरीके से आप काम पूरा सकते हैं.
SIP के जरिए आप हर महीने एक निश्चित अमाउंट म्यूचुअल फंड में जमा कर सकते हैं, जिसपर आपको मार्केट के हिसाब से रिटर्न मिलेगा. यह रिटर्न 10 से 15 फीसदी या उससे भी ज्यादा का हो सकता है.
सरकार की ओर से बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं. इनमें शामिल Sukanya Samriddhi Yojna बेहद पॉपुलर है. इसके अलावा बच्चों के नाम पर पीपीएफ में भी निवेश शुरू किया जा सकता है.
Rule Change From 1st November: नवंबर का महीना अपने साथ कई बड़े बदलावों को लेकर आ रहा है और 1 तारीख से एलपीजी के दाम (LPG Rate) से लेकर क्रेडिट कार्ड के नियम (Credit Card Rule) तक बदलने वाले हैं.
Crorepati Formula: म्यूचुअल फंड में एसआईपी इन्वेस्टमेंट पर शानदार रिटर्न पाने का बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है और इसमें सही रणनीति के साथ किया गया निवेश करोड़पति बनने का सपना पूरा कर सकता है.
FY25 की पहली छमाही में निवेशकों ने Mutual Funds में कुल 30,350 करोड़ रुपये इन्वेस्ट किए हैं.
यह म्यूचुअल फंड SIP के जरिए संभव हो सकता है. अगर आप SIP के जरिए 9000 रुपये हर महीने निवेश करते हैं तो ये लक्ष्य हासिल कर पाएंगे.
म्यूचुअल फंड में एकमुश्त से लेकर मंथली निवेश कर सकते हैं. मंथली निवेश SIP के जरिए किया जा सकता है. SIP में अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है. आइए जानते हैं 5 करोड़ जमा करने के लिए कितना निवेश करना होगा.
म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने वाले अधिकतर लोगों को एक्टिव और पैसिव फंड के बारे में जानकारी नहीं होती है. चाहे उनका पोर्टफोलियो लाखों का हो, या फिर करोड़ों का. आइए इस बारे में विस्तार जानते हैं...
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Centrum Institutional की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2019 से 2024 तक देश में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई करने वाले लोगों की संख्या में 63 फीसदी का बड़ा इजाफा दर्ज किया गया है.
एक लार्ज कैप फंड ने 20 साल के दौरान निवेशकों को मालामाल किया है. सिर्फ 9000 रुपये की इस फंड में एसआईपी ने 1 करोड़ रुपये बनाकर दिया है.
Crorepati Tips: चाय के शौकीनों की बात करें, तो ये लोग दिन में एक-दो नहीं बल्कि कई चाय पीते हैं और इन्हीं में से महज दो प्याली चाय छोड़कर की गई बचत, करोड़पति बनने का सपना भी पूरा कर सकती है.