नाग पंचमी
नाग पंचमी (Nag Panchami) पूरे भारत (India), नेपाल (Nepal) में मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण के चंद्र महीने के शुक्ल पक्ष (Shukla Paksha) के पांचवें दिन पूजा की जाती है. कुछ भारतीय राज्य, जैसे कर्नाटक, राजस्थान और गुजरात, नाग पंचमी को उसी महीने के कृष्ण पक्ष पर मनाते हैं (Nag Pamchami in India).
नाग पंचमी के दिन चांदी, पत्थर, लकड़ी, या सांपों की पेंटिंग से बने नाग या नाग देवता को दूध से स्नान कराया जाता है और परिवार के कल्याण के लिए उनका आशीर्वाद मांगा जाता है. इस दिन जीवित सांपों, विशेष रूप से कोबरा की भी पूजा की जाती है (Nag Panchami, Worship of Cobra Snake).
इस दिन से जुड़ी एक कथा प्रचलित है. माना जाता है कि महाभारत महाकाव्य में, राजा जनमेजय के नागों के बलिदान को रोकने के लिए ऋषि अस्तिका की खोज, सर्वविदित है, क्योंकि इस बलिदान के दौरान महाभारत को सबसे पहले ऋषि वैशम्पायन ने सुनाया था. यह यज्ञ यज्ञ जनमेजय द्वारा नाग की जाति को नष्ट करने के लिए किया गया था ताकि सांपों के राजा तक्षक के घातक काटने के कारण अपने पिता परीक्षित की मृत्यु का बदला लेने के लिए अस्तित्व में हर सांप को मार दिया जा सके. जिस दिन आस्तिक के हस्तक्षेप के कारण यज्ञ रोक दिया गया, वह दिन श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन था. तब से उस दिन को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाने लगा (Story Behind the Nag Panchami).
पंचमी चंद्रमा के ढलने के पंद्रह दिनों में से पांचवां दिन है. नाग पूजा का यह विशेष दिन हमेशा चंद्र हिंदू महीने श्रावण जुलाई या अगस्त में चंद्रमा के घटने के पांचवें दिन पड़ता है. इसलिए इसे नाग पंचमी कहा जाता है (Month of Shravan).
Nag Panchami 2022 Date: यह त्योहार भगवान शिव के भक्तों के लिए सबसे पवित्र माना जाता है, क्योंकि भगवान शिव के भक्त इस दिन सांपों का आशीर्वाद लेते हैं और भगवान शिव का भी आशीर्वाद लेते हैं. इस त्योहार को बहुत लोग मनाते हैं लेकिन बिना ये जाने की इस दिन सांपों को दूध क्यों पिलाया जाता है.