नागेश्वर ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है- Nageshwar Jyotirlinga. नागेश्वर मंदिर महाराष्ट्र- Maharashtra के औंधा नागनाथ में स्थित है. महाराष्ट्र के औंधा शहर का नाम पहले दारुकावन था. यह बारह ज्योतिर्लिंगों में आठवां ज्योतिर्लिंग है.
इस मंदिर में तीन महत्वपूर्ण त्योहार मनाया जाता है. दशहरे के दिनों में इस मंदिर से पालकी निकाली जाती है. श्री की पालकी मंदिर से निकलकर गांव की सीमा पार कर नागनाथ के चाचा लौंडेश्वर के मंदिर से होकर गुजरती है और फिर मंदिर में लौट आती है. उस समय मंदिर में शिव का आकर्षक शृंगार किया जाता है. पालकी का रस्म बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है.
मंदिर में श्री हरि विष्णु की बेहद आकर्षक नक्काशीदार दशावतारी मूर्ति है. जब आप पहली बार मंदिर के दर्शन करते हैं तो ऐसा लगता है कि यह मंदिर श्री हरि विष्णु का ही है. दशहरे के बाद श्रीहरि की श्रम निद्रा प्रारंभ होती है और इसका समापन कोजागिरी पूर्णिमा को होता है. कोजागिरी पूर्णिमा से खीरा आरती प्रारंभ होती है. यह आरती प्रतिदिन सुबह 5 बजे से 7 बजे तक होती है. यह आरती एक महीने तक की जाती है. आरती के दौरान भगवान का भजन कीर्तन गाया जाता है.
साथ ही, इस मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर एक बड़ी यात्रा आयोजित की जाती है. यह यात्रा पांच दिनों तक चलती है. महाशिवरात्रि के दिन शंकर पार्वती का विवाह दिवस माना जाता है. यात्रा के पांचवें दिन रथोत्सव मनाया जाता है.
सावन का महिना चल रहा है और सभी शिवजी की विशेष पूजा अर्चना कर रहे हैं. आजतक के खास शो 'सत्यम शिवम सुंदरम' में हमने आपको केदारनाथ से शुरु करते हुए कई ज्योतिर्लिंग के दर्शन कराए. आज नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मन्दिर के दर्शन करिए जो एक प्रसिद्द मन्दिर है जो भगवान शिव को समर्पित है. श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का भगवन शिव के बारह ज्योतिर्लिंग में दसवां स्थान है. वहीं हिंगोली में भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का विशेष महत्व है. देखें ये खास एपिसोड.