नारद राय (Narad Rai) उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे हैं. 2024 लोकसभा चुनाव के ठीक आखिरी चरण से पहले उन्होंने सपा से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए. नारद राय पिछले लगभग तीन दशक से राजनीति में सक्रिय हैं. उन्हें भूमिहारों का बड़ा नेता माना जाता है. वह सपा के मुखिया अखिलेश यादव के व्यवहार से नाराज चल रहे थे. राय सपा सरकार में मंत्री और विधायक रह चुके हैं.
नारद राय स्नातकोत्तर हैं. उन्होंने 1983 में मुरली मनोहर टाउन पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, गोरखपुर विश्वविद्यालय से एम.एससी किया
बलिया की लड़ाई ब्राह्मण बनाम ठाकुर तक सिमटी हुई लग रही थी, लेकिन ऐन मौके पर भूमिहार नेता नारद राय ने एंट्री मार दी है - आखिर दौर की वोटिंग से पहले अखिलेश यादव पर इग्नोर करने का तोहमत जड़ते हुए नारद राय ने अमित शाह से मिलकर बीजेपी का दामन थाम लिया है - सवाल ये है कि कितना फर्क पड़ेगा?
बलिया के बड़े भूमिहार नेता नारद राय ने सपा को झटका दे दिया है. दिन में बागी तेवर दिखाने के बाद नारद ने देर शाम गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और बीजेपी की जीत के लिए पूरी ताकत से प्रयास करने का ऐलान कर दिया. नारद ने आरोप लगाया कि पिछले सात साल से लगातार बेइज्जत किया जा रहा था.
सपा के कद्दावर नेता रहे नारद राय ने कहा कि इससे ज्यादा मेरा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि संगठन के लोगों ने मंच पर हमारा नाम ही नहीं दिया. लोगों ने हमको महसूस नहीं होने दिया और मंच पर जाने दिया. अखिलेश यादव संबोधन करते हैं और हमारा नाम नहीं लेते. मेरा नाम भूल जा रहे. तो हम अब अखिलेश यादव को याद करके क्या करेंगे?