नारायण साकार हरि या साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा (Narayan Sakar Hari, Bhole Baba) कथावाचक हैं. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ था. पटियाली तहसील में गांव बहादुर में जन्मे भोले बाबा खुद को गुप्तचर यानी इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) का पूर्व कर्मचारी बताते हैं. दावा है कि 26 साल पहले बाबा सरकारी नौकरी छोड़ धार्मिक प्रवचन करने लगे. भोले बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में लाखों अनुयायी हैं.
खास बात यह है कि इंटरनेट के जमाने में अन्य साधु सतों और कथावाचकों से इतर सोशल मीडिया से दूर हैं. बाबा का कोई आधिकारिक अकाउंट किसी भी प्लेटफॉर्म पर नहीं है. कथित भक्तों का दावा है कि नारायण साकार हरि यानी भोले बाबा के जमीनी स्तर पर खासे अनुयायी हैं.
पश्चिमी यूपी के अलीगढ़, हाथरस जिलों में भी नारायण साकार हरि का कार्यक्रम हर मंगलवार को आयोजित किया जाता है. इसमें हजारों की तादाद में भीड़ उमड़ती है. इस दौरान भोले बाबा से जुड़े हजारों स्वयंसेवक और स्वयंसेविकाएं खाने पीने से लेकर भक्तों के लिए जरूरी इंतजाम करते हैं. कोरोनकाल के दौरान प्रतिबंध के बावजूद भी भोले बाबा हजारों की भीड़ इकट्ठा करके चर्चा में आए थे.
2 जुलाई 2024 को हाथरस जिले के फुलरई गांव में आयोजित सत्संग में भगदड़ मच गई जहां बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए थे. इस घटना में लगभग 50 लोगों की मौत हो गई थी.
हाथरस भगदड़ कांड (Hathras Stampede) में न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, जिसमें 121 लोगों की मौत के लिए पुलिस और आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया है. आयोग ने सत्संग करने वाले भोले बाबा को क्लीन चिट दे दी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि आयोजकों की लापरवाही और प्रशासनिक चूक के कारण यह दर्दनाक हादसा हुआ.
यूपी के हाथरस में हुए सत्संग भगदड़ मामले में न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है. इस घटना में 121 लोगों की मौत हुई थी. रिपोर्ट में भोले बाबा को क्लीन चिट दी गई है, जबकि पुलिस और आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया है. देखें न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में क्या-क्या कहा?
तीन महीने पहले हुई हाथरस भगदड़ की जांच में भोले बाबा उर्फ सूरजपाल न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए. लखनऊ में बंद कमरे में करीब सवा दो घंटे तक उनसे पूछताछ की गई. इस भगदड़ के संबंध में बाबा से कई सवाल पूछे गए. बाबा ने सत्संग में शामिल 1100 लोगों का एफिडेविट न्यायिक आयोग को सौंपा.
यूपी के हाथरस में एक कार्यक्रम के दौरान भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि न्यायिक आयोग के सामने पेश होने लखनऊ पहुंचे.
यूपी के हाथरस में इसी साल एक कार्यक्रम में मचे भगदड़ में कई लोगों की मौत के मामले में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा न्यायिक आयोग के सामने पेश होने के लिए लखनऊ पहुंचे. देखिए VIDEO
यूपी के हाथरस में एक कार्यक्रम के दौरान भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि न्यायिक आयोग के सामने पेश होने लखनऊ पहुंचे. हालांकि जिस गाड़ी से वो वहां पहुंचे वो बीजेपी विधायक बाबूराम पासवान की है और उस पर पार्टी का झंडा भी लगा हुआ है. इस दौरान गाड़ी में एक महिला भी नजर आई जो बाहर नहीं निकलीं.
यूपी के हाथरस (Hathras) में सत्संग के बाद हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बात चर्चा में आए सूरजपाल उर्फ भोले बाबा को लेकर कई खुलासे हो चुके हैं. अब सूरजपाल के बचपन के मित्र शरदकांत मिश्र ने बताया कि वे सातवीं क्लास में साथ में पढ़ते थे. एक बार फुटबाल खेलते समय चोट भी लग गई थी.
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हाथरस में भगदड़ में 121 लोगों की मौत पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 'चरण रज' की बात करना गुनाह है और ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए. राज्यपाल ने बाबा सूरजपाल पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को गुमराह करना गुनाह है.
हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत के बाद भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि ने यूपी छोड़ दिया है. अब वो कासगंज आश्रम की जगह ग्वालियर में रहेंगे. कार्यक्रम के दौरान हादसे को लेकर भोले बाबा ने कहा था, 2 जुलाई को हुई घटना से परेशान हूं, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है. जो आया है, उसे जाना ही है, भले ही आगे पीछे हो.
बाबा नारायण साकार हरी उर्फ है. बाबा के साले मेवाराम ने आजतक के कैमरे पर बड़ा खुलासा किया कि बाबा अपने सेवादारों से लगातार संपर्क में हैं और उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है. बाबा के लोकेशन को गुप्त रखा जा रहा है. देखें आजतक की ये खास बातचीत.
यूपी के हाथरस में 121 लोगों की मौत के बाद सियासी खामोशी पसर गई है. पूरी घटना को लेकर गठित शुरुआती SIT की जांच रिपोर्ट पर अब राजनीतिक सवाल उठने लगे हैं. सवाल है भोले बाबा का नाम लेने से क्यों बच रहा हर दल? आखिर हाथरस हादसे में बाबा सूरजपाल को क्लीनचिट क्यों? देखें हल्ला बोल.
हाथरस सत्संग भगदड़ केस में आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. नारायण साकार हरि उर्फ बाबा सूरजपाल दावा कर रहा है कि वो हादसे में मारे गए लोगों और घायलों के परिवार की तन, मन और धन से मदद कर रहा है. आजतक ने बाबा के इस दावे की पड़ताल की है. देखें...
नारायण साकार हरि के हाथरस वाले सत्संग में 121 लोग मारे गए, लेकिन इस मामले में नारायण साकार हरि पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. आयोजकों पर तो एक्शन हुआ लेकिन नारायण साकार हरि का नाम एफआईआर में नहीं डाला गया. तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेता नारायण साकार हरि का नाम लेने से भी बचते नजर आए. देखें वारदात.
नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. नारायण साकार हरि के वकील ने बताया है कि बाबा सूरजपाल बीमार हैं. बल्कि अभी तक नारायण साकार हरि दावा करते थे कि वह दूसरों की गंभीर से गंभीर बीमारियां ठीक कर सकते हैं. सुधीर चौधरी के साथ देखें ब्लैक एंड व्हाइट.
साकार नायारण हरि उर्फ भोले बाबा की तरफ से दावे किए गए कि वह पीड़ितों की हरसंभव मदद करेंगे. इन्हीं दावों की पड़ताल करने के लिए आजतक की टीम हाथरस, एटा, जलेसर में उन पीड़ित परिवारों के घर, जिन्होंने अपनों को खो दिया. हमने ये जानने की कोशिश की कि भोले बाबा द्वारा पीड़ितों के मदद के लिए किए गए तमाम दावों में कितनी सच्ची है. क्या बाबा की तरफ से कोई मदद उनके घर आई?
सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के हाथरस सत्संग में करीब सवा सौ लोगों ने जान गंवा दी. अब सवाल ये है कि सूरजपाल भक्तों को राह दिखाने वाले बाबा और धर्मगुरु हैं या फिर भोले भाले लोगों की आस्था खिलवाड़ करने वाले पाखंडी. आज के इस शो में हम तमाम धर्मगुरुओं से इसी सवाल का जवाब जानने की कोशिश करेंगे.
आखिर 2 जुलाई को हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ की शुरुआत हुई कैसे? कौन सी ऐसी चीज थी, जिसकी वजह से घंटों शांति से बैठे भक्त अचानक बैचेन हो गए. सत्संग खत्म होते ही ऐसा क्या हुआ कि पूरी भीड़ एक ही दिशा में भागने लगी, तो इन सुलगते सवालों के शुरुआती जवाब सामने आ गए हैं.
जैसे मायावती, नारायण साकार हरि के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही हैं, किसी और नेता ने नहीं की है. हाथरस हादसे पर बयान तो योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के भी आये हैं, और राहुल गांधी तो पीड़ितों से मिल भी आये हैं - लेकिन भोले बाबा की भूमिका पर किसी ने भी मायावती की तरह उंगली नहीं उठाई है.
हाथरस हादसे को 9 दिन बीत चुके हैं लेकिन नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का अब तक कोई पता नहीं चल सका है. वहीं इस बाबा के रहस्यों से भी न सिर्फ पर्दा उठ रहा है, बल्कि आश्रम में लड़कियों से जुड़ी कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही है. देखिए VIDEO
नारायण साकार हरि के सत्संग में जाने वाली महिलाओं ने बाबा को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उनका कहना है कि बाबा को लाल रंग पसंद हैं और वो सिर्फ कुंवारी लड़कियों को ही अपनी शिष्या बनाते हैं. इन लड़कियों को आयोजन समिति की ओर से लाल ड्रेस दी जाती हैं, जिसे पहनकर ही लड़कियां सत्संग में जाती हैं और डांस करती हैं.
हाथरस हादसे को कई दिनों का समय बीत चुका है. 121 भक्तों की मौत हो जाने के बाद भी बाबा का कोई अता-पता नहीं है. अब नारायण हरि के बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. अलवर की कुछ औरतों का कहना है कि बाबा के एक खास घेरे में सिर्फ कुंवारी लड़कियां रहती थी. देखें वीडियो.