नरेश कुमार (Naresh Kumar) को 21 अप्रैल 2022 को दिल्ली का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था (Chief Secretary of Delhi). वह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सीएस (CS) बनने से पहले अरुणाचल प्रदेश में सीएस पद पर थे. नरेश कुमार 1987 बैच के अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (AGMUT) कैडर के अधिकारी हैं.
दिल्ली की कमान संभालने के बाद, कुमार अपने अधिकारियों की टीम के साथ आए. कुमार के कार्यभार संभालने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में 30 आईएएस अधिकारियों के स्थानांतरण के साथ एक बड़ा नौकरशाही फेरबदल देखा गया था.
मुख्य सचिव बनने से पहले, कुमार एनडीएमसी अध्यक्ष और दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के वरिष्ठ पदों पर रह चुके हैं (Naresh Kumar Delhi Post) .
अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी, कुमार को पिछले साल अप्रैल में मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त किया गया था. इससे पहले वह अरुणाचल प्रदेश के सीएस थे. 60 वर्षीय नौकरशाह पिछले साल 30 नवंबर को रिटायर होने वाले थे. तब 6 महीने के लिए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था.
प्लेजेंट वैली फाउंडेशन का आरोप है कि इन अधिकारियों ने 14 फरवरी को एनजीओ के एक स्कूल में चार आदमियों को भेजा था. इन चारों लोगों ने एनजीओ के ज्वॉइंट सेक्रेटरी के ऑफिस चैंबर में तोड़फोड़ की थी और फिर यहां से फाइल, रिकॉर्ड, दस्तावेज और पेनड्राइव लेकर चले गए, जिनमें घोटालों में उनकी संलिप्तता के सबूत थे.
दिल्ली में मुख्य सचिव नरेश कुमार का कार्यकाल 6 महीने और बढ़ा दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र के फैसले पर मुहर लगाई है. शीर्ष अदालत ने कहा, इस कदम को कानून का उल्लंघन नहीं माना जा सकता है. इससे पहले दिल्ली की AAP सरकार ने बिना किसी परामर्श के मौजूदा सीएस का कार्यकाल बढ़ाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
केंद्र सरकार ने सीनियर आईएएस अधिकारी नरेश कुमार का बतौर मुख्य सचिव कार्यकाल 6 और महीने बढ़ाने का नोटिफिकेशन गृह मंत्रालय ने जारी कर दिया है. दिल्ली सरकार ने इसका विरोध किया था. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था, जहां इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. नरेश कुमार गुरुवार को रिटायर होने वाले थे.
विजिलेंस मंत्री आतिशी सिंह ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नरेश कुमार ने बेटे की एक और कंपनी को दिल्ली सरकार के ILBS अस्पताल से बिना टेंडर AI सॉफ्टवेर बनाने का काम दिलवाया. इसके जरिए करोड़ों रुपए का मुनाफा दिलवाया गया.
कंपनी ने सफाई देते हुए कहा कि नरेश कुमार के बेटे करण चौहान किसी भी तरीके से कंपनी से संबंधित नहीं हैं. कंपनी ने कहा कि ना तो वह डायरेक्टर हैं और ना ही वह एम्प्लॉई. बता दें कि आम आदमी पार्टी सरकार ने दावा किया था कि नरेश कुमार के बेटे को फायदा पहुंचाया गया है.