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नेजल वैक्सीन

नेजल वैक्सीन

नेजल वैक्सीन

नेजल वैक्सीन (Nasal Vaccine), एक ऐसा वैक्सीन है जो किसी व्यक्ति को नाक के माध्यम से दिया जाता है और इसके लिए सुई की आवश्यकता नहीं होती है. यह नाक की भीतरी सतह के माध्यम से इम्यूनिटी को बढ़ाता है. नाक की भीतरी सतह यानी ईनर सरफेस, एक ऐसी सतह है जो स्वाभाविक रूप से कई एयरबॉर्न माइक्रोब्स के संपर्क में आती है.

अगस्त 2020 में, COVID-19 महामारी के दौरान, चूहों और बंदरों में नेजल वैक्सीन का अध्ययन किया गया. इस अध्ययन में कहा गया है कि अगर नाक में स्प्रे करके कोविड-19 का टीका दिया जाए, तो लोग खुद को टीका लगाने में सक्षम हो सकते हैं (Nasal Vaccine For Corona). सितंबर 2022 में, भारत और चीन ने दो पहले नेजल COVID-19 वैक्सीन को मंजूरी दी जो बूस्टर के रूप में ट्रांसमिशन को स्टरलाइज़िंग इम्युनिटी के माध्यम से कम कर सकते हैं (Nasal Vaccine India and China). 

माना जाता है कि 17 वीं शताब्दी में कांग्सी सम्राट ने अपने पूरे परिवार और सेना को चेचक से बचाने के लिए नेजल वैक्सीन का पहली बार उपयोग किया था. 2004 में एक प्रयोग में, SARS-CoV के लिए वैक्सीन बनाने के लिए चार अफ्रीकी बंदरों को एक नेजल वैक्सीन दिया गया था (Nasal Vaccine History).

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