नवीन पटनायक, राजनेता
नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) एक भारतीय राजनेता और ओडिशा के सबसे लंबे वक्त तक रहने वाले मुख्यमंत्री हैं (Longest-serving chief minister). उनके पास किसी भी राज्य का सबसे लंबे काल, दो दशक से ज्यादा तक मुख्यमंत्री बने रहने का भी रिकॉर्ड है.
पटनायक बीजू जनता दल के पार्टी अध्यक्ष हैं (President of Biju Janata Dal BJD). उन्होंने 2019 में हुए ओडिशा विधान सभा चुनावों में भी अपनी पार्टी का सफल नेतृत्व किया और लगातार पांचवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री बने.
उनका जन्म 16 अक्टूबर 1946 को कटक में हुआ (Date of Birth), उनके पिता, बीजू पटनायक (Biju Patnaik) ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री थे और उनकी मां का नाम ज्ञान है (Naveen Patnaik Parents).
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) से आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया (education.) उन्होंने अपने पिता की मृत्यु के बाद 1997 में राजनीति में प्रवेश किया (Political Debut) और 1998 में बीजू जनता दल पार्टी का गठन किया.
एक सक्रिय राजनेता होने के अलावा, वे एक लेखक भी हैं और अब तक तीन किताबें लिख चुके हैं (Naveen Patnaik Books). वे इंडियन नेशनल ट्रस्ट फोर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज (National Trust for Art and Cultural Heritage,INTACH) के संस्थापक भी हैं. उनकी बड़ी बहन गीता मेहता एक प्रसिद्ध लेखिका हैं (Naveen Patnaik sister).
उन्होंने शुरुआत में अपना ज्यादा वक्त ओडिशा से बाहर गुजारा जिसके कारण उन्हें राज्य की क्षेत्रीय भाषा, ओडिया धाराप्रवाह बोलने में परेशानी होती है.
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @Naveen_Odisha है और उनके ऑफिशियल फेसबुक पेज का नाम Naveen Patnaik है. वे इंस्टग्राम पर naveen_odisha यूजरनेम से एक्टिव हैं.
देश में ऐसे भी नेता हैं जिन्हें लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में बहुत बड़ी उम्मीद दिखाई पड़ी, लेकिन उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में लगा जैसे दुनिया ही उजड़ गई हो.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा ओडिशा के पूर्व सीएम को भारत रत्न देने के सुझाव पर नवीन पटनायक ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि क्यों.'
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा, "मेरी पार्टी बैलेट पेपर के जरिए चुनाव का समर्थन करती है और अभी तक 'एक राष्ट्र एक चुनाव' पर कोई रुख नहीं अपनाया है."
बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का बयान भी अमित शाह की बात को ही आगे बढ़ा रहा है. बेशक, विजय सिन्हा ने अपने बयान से यू-टर्न ले लिया है, लेकिन जो बोला है, वो यूं ही तो कतई नहीं है.
नीतीश कुमार के लिए 2024 की असली पैमाइश अगले बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से होगी. ये तो मानना पड़ेगा कि जेडीयू नेता ने जनवरी, 2024 में ही अपने हिसाब से पक्का बंदोबस्त कर लिया था - लोकसभा चुनाव में बीजेपी के बराबर सीटें जीत कर नीतीश कुमार ने साबित कर दिया कि बाजुओं में अभी जंग नहीं लगे हैं.
सांसद सुलता देव ने राज्यसभा में बॉयलर्स बिल 2024 पर चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की तारीफ की. उन्होंने कहा कि वह इतना काम करते थे कि ओडिशा की पहचान औद्योगिक हब की है.
कोलकाता रेप-मर्डर केस ममता बनर्जी के लिए बहुत ही बड़ी मुसीबत थी, लेकिन अब वो उससे लगभग उबर चुकी हैं - क्या ये बीजेपी और कांग्रेस की परोक्ष मदद के बगैर मुमकिन था?
कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा, 'इस बात पर स्पष्टता होनी चाहिए कि पांडियान के हेलीकॉप्टर का खर्च कौन वहन कर रहा था. उन्होंने हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके 400-450 स्थानों का दौरा किया था. हेलीपैड के निर्माण के लिए सरकारी धन के इस्तेमाल के आरोपों की जांच की जाएगी.'
बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक को लिखे अपने इस्तीफे में मोहंता ने कहा कि उन्हें लगता है कि पार्टी में उनकी और उनके समुदाय की सेवा की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं मयूरभंज के लोगों की सेवा करने और ओडिशा के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का अवसर देने के लिए आपका तहे दिल से आभार व्यक्त करती हूं.
नीतीश कुमार का अपना अनुभव-संसार अपने आप में बहुत व्यापक है, लेकिन मनीष वर्मा के मामले में सही सलाह उनको नवीन पटनायक ही दे सकते हैं - क्योंकि उन्होंने अभी अभी ओडिशा में बीजेपी के हाथों सत्ता गंवाई है.
ओडिशा चर्चा में है, कारण है जगन्नाथ रथ यात्रा. दरअसल, इस दौरान राजनीतिक शिष्टाचार और सद्भाव की सुंदर तस्वीर देखने को मिली. हुआ यूं कि मंच के नीचे पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक मौजूद थे. इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान स्वयं मंच से उतरे और नवीन पटनायक को अपने साथ मंच पर उपस्थित अन्य अतिथियों के पास ले गए.
ममता बनर्जी की अपनी छवि तो बेदाग रही है, लेकिन कई टीएमसी नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, यहां तक कि उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी भी ईडी की जांच के दायरे में आ चुके हैं - लेकिन ममता बनर्जी ने अब सबको साफ कर दिया अब ऐसे नहीं चलेगा, और सुधर जाने के लिए 10 दिन की मोहलत दी है.
राज्यसभा में बीजेडी नेता सस्मित पात्रा ने कहा, "इस बार बीजेडी सांसद केवल मुद्दों पर बोलने तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि अगर केंद्र की बीजेपी सरकार ओडिशा के हितों की अनदेखी करती है, तो वे आंदोलन करने के लिए भी संकल्पित हैं."
नवीन पटनायक ने बुधवार को कहा, 'हमने बीजद के विधायकों की एक बैठक की. मैंने उन्हें बधाई और धन्यवाद दिया. उन्होंने मुझे विपक्ष के नेता और बीजद विधायक दल के नेता के रूप में चुना है.'
ओडिशा में नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपने व्यवहार से एक बार फिर लोगों का दिल जीत लिया. दरअसल पटनायक करीब 24 सालों के बाद पहली बार ओडिशा विधानसभा में विपक्षी बेंच पर बैठे. देखें वीडियो.
नवीन पटनायक ने दो सीटों से विधानसभा चुनाव लड़ा था. कांटाबांजी सीट पर उन्हें बीजेपी के लक्ष्मण बाग के हाथों हार का सामना करना पड़ा, जबकि हिंजिली सीट वह जीतने में सफल रहे. लक्ष्मण बाग को कांटाबांजी में 90,876 वोट मिले, जबकि नवीन पटनायक 74,532 वोट प्राप्त कर उनसे पीछे रह गए.
ओडिशा में पहली बार बीजेपी की सरकार बन गई है. मोहन माझी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि नए सीएम माझी रहेंगे कहां? वो इसलिए क्योंकि 24 साल तक नवीन पटनायक ने से घर ही काम किया और यहां मुख्यमंत्री के लिए कोई सरकारी आवास नहीं है.
ओडिशा में पहली बार भारतीय जनता पार्टी का कमल खिल गया है. राज्य के 15वें सीएम के रुप में बीजेपी के आदिवासी नेता मोहन चरण माझी ने शपथ ले ली हैं. इसके अलावा राज्य को दो डिप्टी सीएम भी मिले हैं. इसके अलावा 13 मंत्रियों ने भी शपथ ली हैं. शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी और राज्य के पूर्व सीएम नवीन पटनायक भी पहुंचे थे. VIDEO
ओडिशा के नवनिर्वाचित CM मोहन चरण माझी का बुधवार को शपथग्रहण होगा. लेकिन इससे पहले वह अपने प्रतिद्वंदी नवीन पटनायक के घर पहुंचे और उनसे शिष्टाचार मुलाकात की. नवीन पटनायक ने अपने घर पर मोहन चरण माझी का गर्मजोशी से स्वागत किया. वीडियो में देखिए नवीन पटनायक ने मोहन माझी का वेलकम कैसे किया.
भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को शपथ ग्रहण समारोह के लिए बुलाया है. 12 जून को ओडिशा में मुख्यमंत्री शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी अलाकमान के नेता मौजूद रहेंगे.
ओडिशा में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद वीके पांडियन ने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया है. उन्होंंने एक वीडियो जारी कर अपने इस फैसले का ऐलान किया. राज्य के चुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेदारी भी ली और बताया कि वह राजनीति में सिर्फ नवीन पटनायक को सहयोग करने के लिए आए थे.