राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, अजीत पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व में एक राजनीतिक पार्टी है, जो शरद पवार के नेतृत्व वाली मुख्य राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अलग हो गया था. इस गुट के वर्तमान में महाराष्ट्र से 41 विधायक, नागालैंड से 7 विधायक और भारतीय संसद में 3 सांसद हैं (NCP AP).
जुलाई 2023 में, अजीत पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के अधिकांश निर्वाचित प्रतिनिधि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में शामिल हो गए. इससे अजीत पवार और पार्टी के संस्थापक-अध्यक्ष शरद पवार के बीच सीधा विभाजन हो गया. 7 फरवरी 2024 को, भारत के चुनाव आयोग ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले समूह को पार्टी का नाम और प्रतीक प्रदान किया.
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बाल ठाकरे की जयंती पर जब शिवसेना के दोनों धड़े शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे, उसी दिन पुणे में शरद पवार और अजित पवार की मुलाकात हुई. दोनों नेताओं की बंद कमरे में मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली.
दिल्ली चुनाव में अजित पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) ने भी एंट्री कर ली है. एनसीपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 11 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में 4 मुस्लिम उम्मीदवारों को भी जगह मिली है.
देवेंद्र फडणवीस के हाथ में महाराष्ट्र की कमान वापस आ चुकी है. और, ऐसा लगता है महायुति में अजित पवार का दबदबा बढ़ने लगा है - क्या एकनाथ शिंदे का रोल ओवर हो चुका है?
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल सहित पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद रहे. सभी नेताओं ने शरद पवार को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी. यह मुलाकात पवार के दिल्ली स्थित आवास पर हुई. शरद पवार 85 साल के हो गए हैं और सभी नेताओं ने उन्हें जन्मदिन पर बधाई दी.
अजित पवार की राजनीति जिस मोड़ तक बढ़ चुकी है, लौटने की कौन कहे पीछे मुड़ कर देखने की भी जरूरत नहीं लगती. और, अगर चाचा शरद पवार को फिर से कोई बड़ा झटका देते हैं तो पूरी विरासत के मालिक बन सकते हैं.
अजित पवार जानते थे कि अगर चुपचाप बैठे रहे तो उनका हाल भी शिवपाल सिंह यादव और पशुपति कुमार पारस जैसा हो जाएगा. जैसे ही लगा अपना हक छीनना पड़ता है, न तो विचारधारा की परवाह की, न ही परिवार का लिहाज - और एक दिन सब कुछ लेकर वो चैन की वंशी बजाने लगे.
महाराष्ट्र में एक दिन पहले तक चर्चा का विषय यह था कि सीएम किस दल का बनेगा और अब बात इसे लेकर हो रही है कि बीजेपी फडणवीस को ही सीएम बनाएगी या नया चेहरा लाएगी? सीएम शिंदे क्यों बैकफुट पर आए और क्यों फडणवीस को सीएम पद की रेस में आगे माना जा रहा है?
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद छोड़कर अब केंद्र में आ जाना चाहिए. अगर वह मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ते तो बीजेपी को अजित पवार की एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहिए.
2019 के चुनाव के बाद शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में शामिल होने का फैसला लिया. 2022 में शिवसेना को तोड़कर बीजेपी ने उसे कमजोर कर दिया. अब विधानसभा चुनाव में लगभग 90 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ बीजेपी ने संभावित रूप से महाराष्ट्र में एकाधिकार की स्थिति बना ली है.
MVA में कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) शामिल है. विधानसभा चुनाव में इस खेमे को बड़ा झटका लगा है. 288 सदस्यीय वाली विधानसभा में गठबंधन सिर्फ 46 सीटें ही जीत सकी है. इसके विपरीत बीजेपी की अगुवाई में महायुति गठबंधन 230 सीटें जीतने में कामयाब रही है.
एमवीए की हार के बाद शिवसेना यूबीटी और कांग्रेस द्वारा ईवीएम पर संदेह जताए जाने के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा- मैंने कुछ सहयोगियों को इस बारे में बात करते हुए सुना, लेकिन मेरे पास ईवीएम में दिक्कत थी इसका प्रमाण नहीं है. इसलिए ज्यादा टिप्पणी नहीं करूंगा.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में जिसे सबसे फिसड्डी मान लिया गया था उसने भी कमाल कर दिया. यह कैसे संभव हुआ कि अजित पवार जिन्हें लोकसभा चुनावों में जनता ने नकार दिया था विधानसभा चुनावों तक आते-आते अपने चाचा शरद पवार पर भारी पड़ गए.
सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी दोनों के दावे हैं कि 23 नवंबर को जब वोटों की गिनती होगी तो जनादेश उनके पक्ष में रहेगा.
Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: महाराष्ट्र का चुनाव कई मायनों में इस बार अनोखा है. जनता इस बार अपने लिए सरकार ही नहीं चुनने वाली है, बल्कि उससे भी कुछ अधिक फैसला उसके वोट से होने वाला है. कम से कम 4 ऐसे फैसले होने वाले हैं जिनसे महाराष्ट्र की राजनीति प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकेगी.
बारामती तालुका के पंसारेवाड़ी गांव के निवासियों को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा कि 1991 से आपने मुझे अपना विधायक चुना. क्या आपने प्रतिभा काकी को प्रचार के लिए आते देखा? तो अचानक पोते के प्रति आत्मीयता कैसे दिखाई गई, मुझे समझ में नहीं आता. चुनाव खत्म होने के बाद मैं प्रतिभा काकी से इस बारे में पूछूंगा.
महाराष्ट्र चुनाव 2024 में के बीड विधानसभा सीट की जनता किसके साथ? लोगों ने बताई दिल की बात, आजतक संवाददाता अंजना ओम कश्यप बीड पहुंची. वहां पर उन्होंने बीड की जनता से यह जानने की कोशिश की कि किसकी हवा चल रही है. देखें राजतिलक का हेलिकॉप्टर शॉट.
अगर महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मानखुर्द नगर सीट एमवीए हार जाती है तो यह मानना पड़ेगा कि महायुति गठबंधन हर सीट के लिए अलग रणनीति बनाकर चुनाव लड़ा है. 50 प्रतिशत मुस्लिम आबादी में महाराष्ट्र के दो धुरंधर मुस्लिम नेता अपना करिअर दांव पर लगाएं हैं.
महाराष्ट्र के चुनाव दो शिवसेना और दो एनसीपी के बीच असली-नकली की लड़ाई के लिहाज से लिटमस टेस्ट की तरह देखे जा रहे हैं. इन चुनावों में 87 विधानसभा सीटें हैं जहां शिवसेना बनाम शिवसेना और एनसीपी बनाम एनसीपी की सीधी फाइट है.
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नीलेश राणे को शिवसेना ने कुडल-मालवण से चुनाव लड़ने के लिए नामित किया है. भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे की बेटी संजना जाधव भी शिवसेना के टिकट पर कन्नड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी.
एनसीपी (एसपी) ने बारामती से अजित पवार के खिलाफ युगेंद्र पवार को मैदान में उतारा है. शरद पवार पद में युगेंद्र पवार के दादा लगेंगे. युगेंद्र, अजित पवार के छोटे भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी बुआ और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के लिए प्रचार किया था.
अणुशक्ति नगर सीट से सना मलिक के खिलाफ शरद पवार की पार्टी से फहाद अहमद हैं. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के पूर्व छात्र फहाद सीएए-एनआरसी और एनपीआर जैसे मामलों पर बहुत मुखर रहे हैं. उन्होंने 16 फरवरी 2023 को अभिनेत्री स्वरा भास्कर से शादी की थी.