राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (The National Disaster Response Force) आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत एक भारतीय विशेष बल है. यह भारत में 'आपदा प्रबंधन के लिए सर्वोच्च निकाय' राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) है. एनडीएमए के अध्यक्ष प्रधानमंत्री (Prime Minister) होते हैं (President of NDMA).
भारत में आपदाओं के प्रबंधन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. आपदा प्रबंधन जिम्मेदारी केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की है. जब 'गंभीर प्रकृति की आपदाएं' होती हैं, तो केंद्र सरकार प्रभावित राज्य को सहायता प्रदान करती है, जिसमें सशस्त्र बलों, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) शामिल है. देश से बाहर भी आपदा के स्थिति में एनडीआरएफ मदद पहुंचाने के लिए हमेशा तैयार रहती है. फरवरी 2023 में तुर्की (Turkey) और सीरिया (Syria) में आए भूकंप के कारण काफी तबाही हुई. इस आपदा के स्थिति से ऊबरने के लिए और रेसक्यू ऑपरेशन में मदद के लिए एनआरडीएफ की टीम को तुर्की भेजा गया ( NDRF at Turkey Earthquake).
एनडीआरएफ, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधीन है. एनडीआरएफ के प्रमुख को महानिदेशक के रूप में नामित किया जाता है. एनडीआरएफ के महानिदेशक आईपीएस अधिकारी होते हैं. यह भारत का एक शीर्ष संगठन है जिसमें महानिदेशक के अलावा कई IG और DIG रेंक के आधिकारी होते हैं.
दुनिया का सबसे बड़ा मेला सज चुका है. ये वो मेला है जिसमें 140 करोड़ भारतियों में से लगभग 45 करोड़ हिस्सा लेने जा रहे हैं. लगभग डेढ़ महीने के इस मेले का नाम है महाकुंभ. वो महाकुंभ जो 12 साल बाद आता है. अब जहां डेढ़ महीने में करीब एक तिहाई भारतीय यानि 45 करोड़ हिंदुस्तानी एक ही शहर की सरजमीन पर होंगे.
केरल के वायनाड में आए लैंडस्लाइड में मौत का आंकड़ा अब 300 के पार पहुंच गया है. रेस्क्यू की 40 टीमें वहां काम कर रही हैं. यहां तबाह हुए पुल को सेना के जवानों ने अस्थायी रूप से बना दिया है, जिससे लोगों को रेस्क्यू करने में काफी मदद मिल रही है. देखें ये ग्राउंड रिपोर्ट.
आपने देखा होगा कि जब भी कोई दिक्कत आती है तो सुरक्षा बल और एनडीआरएफ के जवान मदद के लिए आगे आ जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन सुरक्षा बलों को मदद के लिए बुलाने के लिए राज्य सरकार को पैसा देना होता है.
छात्रों ने बताया कि हर बार बारिश में कोचिंग सेंटर के सामने और बेसमेंट में पानी भरता है. लेकिन इसके स्थायी समाधान के लिए कुछ नहीं किया जाता है. ओल्ड राजेंद्र नगर के 80% कोचिंग सेंटर्स में लाइब्रेरी बेसमेंट में बनी है. 10 मिनट की बारिश में यहां पानी भर जाता है. एमसीडी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है.
सफाई कर्मचारी जॉय की तलाश में अभियान दो दिनों से चल रहा था. जिसमें पुलिस, अग्निशमन बल और एनडीआरएफ सहित कई एजेंसियां शामिल थीं. बाद में भारतीय नौसेना की एक टीम भी उसे तलाश करने के लिए उतरी थी.
महाराष्ट्र के ठाणे और पालघर जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. एनडीआरएफ की टीमों को भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तैनात किया गया है. ठाणे में अथॉरिटी की टीम ने 49 लोगों को रेस्क्यू किया है और पालघर में भी आठ महिलाओं समेत 16 कृषि मजदूरों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
एनडीआरएफ के जवान बारी-बारी से ऑक्सीजन सिलेंडर और मास्क लगाकर गड्ढे में उतरे और बोरबेल तक चार फीट लंबी व ढाई फिट चौड़ी सुरंग बनाने का काम शुरू किया. सुरंग बनाने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है और उम्मीद है कि जल्द ही महिला को रेस्क्यू कर लिया जाएगा.
पुणे से 120 KMदूर मसोबावाडी गांव में मंगलवार दोपहर करीब 4 बजे कुएं के ऊपरी हिस्से में कंक्रीट की रिंग डालने का काम चल रहा था. इसी बीच कंक्रीट की रिंग कुएं में गिर गई. साथ ही 4 मजदूर भी गिर गए. इसके साथ ही आसपास का मलबा भी उन पर जा गिरा.
दिल्ली-एनसीआर में लगातार हो रही बारिश से गाजियाबाद में जलभराव देखने को मिला. सभी लोग घरों से निकल कर ऊंचे स्थान पर रहने को मजबूर हैं. गांववालों का आरोप है कि सूचना देने के बावजूद एनडीआरएफ और लोकल पार्षद मदद के लिए नहीं आए. इसके साथ ही गांव के दो युवक लापता हैं, शक है कि दोनों पानी में डूब चुके हैं.
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में भूस्खलन की घटना सामने आई है. एनडीआरएफ की टीमों को भेजा गया है. एनडीआरएफ के मुताबिक अब तक 22 लोगों को बचाया गया है और कई लोगों के फंसे होने की आशंका है.
हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है. वहीं नदियां भी उफान पर हैं. इस बीच फंसे कई लोगों का NDRF ने रेस्क्यू किया. देखें वीडियो.
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी झमाझम बारिश से इलाकों की कॉलोनियां जलभराव से बेहाल हैं. हालत ये है कि इलाकों में 10 से 12 फीट पानी भर गया है. वहीं, NDRF की टीम ने ट्रोनिका सिटी में फंसे 12 लोगों को रेस्क्यू किया है. जानकारी के मुताबिक अभी भी करीब 20 से 25 लोग फंसे हैं. रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की टीम बोट उतार दी है.
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का असर गुजरात में दिखने लगा है. इस तूफान के कारण सबसे अधिक तबाही 15 जून को हो सकती है. IMD के अनुसार बिपरजॉय उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ रहा है. मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण भारतीय राज्यों में चार दिनों में बारिश की संभावना है. बिपरजॉय से कैसे निपटने का क्या है प्लान, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला से जानिए.
जिस एनडीआरएफ के जवान वेंकटेश ने सबसे पहले दुर्घटना की सूचना अपने सीनियर्स को फोन करके दी, वह छुट्टी पर थे और पश्चिम बंगाल के हावड़ा से तमिलनाडु की यात्रा कर रहे थे. वह बाल-बाल बच गए क्योंकि जिस डिब्बे ‘बी-7' में वह सवार थे, वह पटरी से उतर गया था लेकिन आगे के डिब्बों से नहीं टकराया.
Turkey में आए तीव्र भूकंप के बाद भारत देश ने एक सच्चे दोस्त की भूमिका निभाते हुए इस मुसीबत के समय में उनकी मदद के लिए NDRF की टीम वहां भेजी. 51 सदस्यीय टीम 'Operation Dost' पूरा करने के बाद Kashi नगरी लौट आयी है. जहां उनका भव्य स्वागत किया गया.
तुर्की में आए भूकंप के बादन भारत ने मदद के तौर पर NDRF की टीमें भेजीं. ऐसे में दावा किया गया कि देश में नरेंद्र मोदी की सरकार आने से पहले आपदा के वक्त दूसरे देशों से मदद मांगी जाती थी. जबकि यह गलत है. भारत लंबे समय से ही दूसरे देशों से मदद लेने की बजाय उनकी मदद करता रहा है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने टर्की में रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल जवानों से मुलाकात की. पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए मानवता सर्वोपरि है. आपको बता दें कि टर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप आने के बाद भारत ने मदद के लिए अपने जवानों को भेजा था. इसे 'ऑपरेशन दोस्त' नाम दिया गया था.
6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप में तुर्की और सीरिया के विभिन्न इलाकों में 30,000 से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद सहायता प्रदान करने के लिए भारत ने 'ऑपरेशन दोस्त' शुरू किया था. इसके तहत अलग-अलग टीमें बनाकर भेजी गई थीं. इनमें से राहत बचाव कार्य समाप्ति की ओर बढ़ने के बाद कई टीमें पहले ही वापस लौट आई थीं. अब रविवार को आखिरी टीम भी तुर्की से लौट आई है.
तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को आए भूकंप के बाद सबसे बड़ी दिक्कत मलबे में फंसे जिंदा लोगों को बचाना है. ऐसे में स्निफर डॉग्स काफी काम आ रहे हैं. भारत की ओर से भेजी गई NDRF की टीम में चार स्निफर डॉग्स भी हैं, जो अब तक कई जिंदगियां बचा चुके हैं. ऐसे में जानिए इन डॉग्स को कैसे ट्रेनिंग दी जाती है.
तुर्की में आए भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है. भारत ने मदद के तौर पर एनडीआरएफ की टीम भेजी है. इन समूहों के साथ कुछ स्निफर डॉग्स भी भेजे गए हैं जो कि काफी ज्यादा मददगार साबित हो रहे हैं. देखें कैसे मददगार साबित होते हैं ये डॉग्स.
तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के कई दिन बाद भी राहत और बचाव कार्य जारी है. लापता लोगों की खोज जा रही है. इसी कड़ी में भारत की NDRF टीम के साथ स्निफर डॉग्स भी भेजे गए हैं, इनमें से दो के नाम है जूली और रोमियो. जो राहत और बचाव कार्य में काफी मददगार साबित हो रहे हैं. देखें वीडियो.