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एनआईए कोर्ट

एनआईए कोर्ट

एनआईए कोर्ट

स्पेशल एनआईए कोर्ट

नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (National Investigation Agency) भारत की प्राथमिक आतंकवाद विरोधी टास्क फोर्स है (Primary Counter-Terrorist Task Force of India), जिसका अपना स्पेशल कोर्ट होता है (NIA Special Court). इस एजेंसी के पास राज्यों से विशेष अनुमति के बिना राज्यों में आतंकवाद से संबंधित अपराधों की जांच से निपटने का अधिकार है. एनआईए 31 दिसंबर 2008 को भारत की संसद द्वारा राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम 2008 के अधिनियमन के साथ अस्तित्व में आई (Formation of NIA)). इस एजेंसी को एनआईए अधिनियम की अनुसूची में शामिल अधिनियमों के तहत अपराधों की जांच और अभियोजन चलाने का अधिकार दिया गया है (NIA Empowered to Conduct Prosecution of Offences). एनआईए देश, विदेश कहीं भी हुए अपराधों की जांच कर सकती है और इन मामलों पर नई दिल्ली की विशेष अदालत का अधिकार क्षेत्र होता है (NIA Jurisdiction).

एनआईए अधिनियम 2008 की धारा 11 और 22 के तहत एनआईए में दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए भारत की केंद्र सरकार ने विशेष न्यायालयों को अधिसूचित किया है (Special NIA Courts Notified by Government of India). इन अदालतों के अधिकार क्षेत्र के बारे में कोई भी प्रश्न केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाता है. इस अदालत में जज की नियुक्ति उस अधिकार क्षेत्र वाले उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश पर केंद्र सरकार करती है (NIA Special Court Judge Appointment). भारत के सर्वोच्च न्यायालय को राज्य के भीतर या बाहर किसी अन्य विशेष अदालत में मामलों को स्थानांतरित करने का अधिकार दिया गया है. एनआईए के विशेष न्यायालयों को किसी भी अपराध के मुकदमे के लिए दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के तहत सत्र न्यायालय की सभी शक्तियां प्राप्त हैं (Powers of Special NIA Court). 

इन अदालतों द्वारा दिन-प्रतिदिन के आधार पर सुनवाई की जाती है और किसी अन्य अदालत में अभियुक्त के खिलाफ किसी अन्य मामले की सुनवाई पर उसे वरीयता हासिल है (NIA Court Proceedings). किसी विशेष न्यायालय के किसी आदेश की अपील उच्च न्यायालय में की जा सकती है. ऐसी अपील की सुनवाई उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की खंडपीठ कर सकती है (Special NIA Court Appeal). वर्तमान में 38 विशेष एनआईए अदालतें हैं (Total Special NIA Courts). राज्य सरकारों को भी अपने राज्यों में एक या उससे अधिक ऐसे विशेष न्यायालय नियुक्त करने का अधिकार दिया गया है
 

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