निखिल कामथ (Nikhil Kamath) एक भारतीय स्टॉक ब्रोकर और इंटरनेट उद्यमी हैं, जिन्हें ज़ेरोधा की स्थापना के लिए जाना जाता है (Founder of Zerodha), जिसे उन्होंने अपने भाई नितिन कामथ के साथ शुरू किया. वह रेनमैटर, बैंगलोर स्थित वित्तीय प्रौद्योगिकी स्टार्टअप फंड और इनक्यूबेटर के संस्थापक भी हैं.
निखिल कामथ का जन्म 5 सितंबर 1986 को कर्नाटक में हुआ था (Nikhil Kamath Born). वह एक कोंकणी परिवार से आते हैं. उनके पिता, यू.आर. कामथ केनरा बैंक में एक कार्यकारी थे और उनकी मां रेवती वीणा सिखाती थीं (Nikhil Kamath Family). उन्होंने बैंगलोर के स्कूल से पढ़ाई की है (Nikhil Kamath Education).
उन्होंने 14 साल की उम्र में पुराने मोबाइल बेचने का काम शुरू किया, लेकिन यह काम उनकी मां को पंसद नहीं था. बाद में निखिल ने 17 साल की उम्र में कॉल सेंटर में काम करना शुरू किया. कॉल सेंटर में काम करते हुए निखिल ने स्टॉक ट्रेडिंग भी शुरू की. कुछ समय बिताने के बाद, उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहने लगे. अंत में 2010 में अपने बड़े भाई, नितिन कामथ (Brother Nithin Kamath) के साथ ज़ेरोधा की स्थापना की (Nikhil Kamath Career).
निखिल कामथ ने 2019 में अमांडा से शादी की. वह एक प्रविडेंट हाउसिंग लिमिटेड की डाइरेक्टर हैं (Nikhil Kamath Wife).
पॉडकास्ट में पीएम मोदी से पूछा गया कि क्या आपकी लाइफ में आपकी रिस्क टेकिंग एबिलिटी टाइम के साथ बढ़ रही है. प्रधानमंत्री ने जवाब दिया, 'मुझे लगता है मेरी जो रिस्क टेकिंग कैपेसिटी है उसका अभी फुल यूटिलाइजेशन हुआ ही नहीं है, बहुत कम हुआ है. मेरी बहुत रिस्क टेकिंग कैपेसिटी शायद अनेक गुना ज्यादा होगी इसका कारण है कि मुझे परवाह ही नहीं है. मैंने अपने विषय में कभी सोचा ही नहीं है और जो खुद के लिए नहीं सोचता है उसके पास रिस्क टेकिंग कैपेसिटी का कोई यानी बेहिसाब होती है मेरा केस ऐसा है. आज मैं ये नहीं हूं कल ये नहीं रहूंगा तो मेरा क्या होगा कोई लेना देना ही नहीं मेरा.'
अपने पहले पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री ने अपनी पर्सनल लाइफ से लेकर राजनीतिक जीवन पर खुलकर बात की. इस दौरान उन्होंने बताया कि जब वह दिल्ली आए थे तब बतौर पीएम उन्होंने पहली मीटिंग में अपने सचिवों को छुट्टी देकर अपने परिवार के साथ उस गांव में जाने के लिए कहा था जहां उनकी पहली पोस्टिंग हुई थी.
पीएम मोदी ने बताया, 'तिरंगा झंडा फहराने के बाद हम जम्मू आए तो मैंने जम्मू से पहला फोन मेरी मां को किया. मेरे लिए वो एक खुशी का पल था और दूसरा मन में था कि मां को चिंता होती होगी कि ये गोलियां चली हैं और ये कहां गया है. तो मुझे याद है कि मैंने पहला फोन मां को किया था. मुझे उस फोन का महत्मय आज समझ आता है. वैसी फीलिंग मुझे और कहीं नहीं आई.'
निखिल कामथ ने पीएम मोदी से पूछा था कि उन्हें अपने जीवन में सबसे ज्यादा कष्ट कब हुआ था. इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा- आपने पूछा कि मेरे लिए सबसे ज्यादा कष्ट वाला पल क्या था तो वह यही था, जब अमेरिका ने मेरा वीजा कैंसिल कर दिया.
करीब दो घंटे के इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कई मुद्दों पर खुलकर बात की. इस दौरान उनके राजनीति में सोशल मीडिया के महत्व पर सवाल पूछा गया. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के एक स्कूटर वाले का किस्सा बताते हुए कहा कि मोटी चमड़ी का होने के लिए ज्यादा नहीं सोचना चाहिए.
जेरोधा के फाउंडर निखिल कामथ के साथ पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कहा कि वे शायद कंफर्ट के लिए अनफिट हैं, जब पीएम से पूछा गया कि उन्हें ऐसा क्यों लगता है तो उन्होंने कहा, " मैं जिस जीवन को जीकर आया हूं... इसलिए ये मेरे लिए बहुत बड़ी चीज है. छोटी खुशी भी मेरे मन को संतोष देती है.
निखिल कामथ भारत के जाने-माने स्टॉक ब्रोकर और बिजनेसमैन हैं. उन्हें जेरोधा की स्थापना के लिए जाना जाता है. निखिल से बातचीत के दौरान बादशाह ने उनसे इन्वेस्टमेंट पर सलाह की.
हम सभी मरने वाले हैं, इसलिए जिंदगी को बहुत ज्यादा सीरियस लेने की आवश्यकता नहीं है. नए उद्यमियों को संबोधित करते हुए जेरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर निखिल कामथ (Nikhil f) ने यह बयान दिया.
Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामथ (Nikhil Kamath) ने अपने करियर की शुरुआत एक कॉल सेंटर में महज 8,000 रुपये की नौकरी से की थी, लेकिन अब उन्हों 72 करोड़ रुपये सालाना सैलरी पैकेज मिलता है और महीने का वेतन करीह 6 करोड़ रुपये है.
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Nikhil Kamath ने वॉरेन बफे और बिल गेट्स द्वारा स्थापित 'The Giving Pledge' ज्वाइन किया है. इसके साथ ही अजीम प्रेमजी, किरण मजूमदार-शॉ और रोहिणी व नंदन नीलेकणि के बाद वे इसमें शामिल होने वाले चौथे और सबसे युवा भारतीय बन गए हैं.
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