नीतू घणघस
नीतू घणघस (Nitu Ghanghas) एक भारतीय मुक्केबाज हैं (Boxer), जो लाइट फ्लाईवेट में दो बार की विश्व युवा चैंपियन हैं. उन्होंने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games 2022) में न्यूनतम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता (Nitu Ghanghas Gold Medal). 2022 में, नीतू ने सोफिया (Sofia) में आयोजित 73वें स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट (73rd Strandja Memorial Boxing Tournament) में स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीता था. नीतू ने अपने पेशेवर मुक्केबाजी करियर की शुरुआत 2012 में की थी (Nitu Ghanghas Debut).
2016 में, वह बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए रोहतक में SAI राष्ट्रीय मुक्केबाजी अकादमी में शामिल हुईं. 2017 में, उन्होंने गुवाहाटी में आयोजित AIBA युवा महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता. 2018 में, उन्होंने एशियाई युवा मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता. इसके बाद कंधे की चोट के कारण वह थोड़े समय के लिए रेस्ट पर चली गईं (Nitu Ghanghas Career).
उनका जन्म 19 अक्टूबर 2000 को हरियाणा के भिवानी के धनाना गांव में (Bhiwani, Haryana) हुआ था (Nitu Ghanghas Age). उनके पिता का नाम जय भगवान है जो चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा में एक बिल दूत हैं और उनकी माता का नाम मुकेश देवी है जो एक गृहिणी हैं (Nitu Ghanghas Parents). उनका एक छोटा भाई भी है जिसका नाम अक्षित कुमार है (Nitu Ghanghas Brother).
नीतू घणघस ने अपनी स्कूली शिक्षा एक स्थानीय स्कूल में की. बाद में उन्होंने चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहां वह वर्तमान में शारीरिक शिक्षा में स्नातकोत्तर कर रही हैं (Nitu Ghanghas Education).
वीमेंस वर्ल्ड चैम्पियनशिप में चार महिला मुक्केबाजों ने गोल्ड मेडल जीते थे. भारतीय मुक्केबाजों की इस सफलता की गूंज मंगलवार को संसद में भी सुनाई दी. राज्यसभा में पद विजेता महिला मुक्केबाजों को बधाई दी गई.
नई दिल्ली में आयोजित महिला विश्व बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में भारतीय मुक्केबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया है. भारत की नीतू घनघस ने यादगार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया. आजतक के साथ बातचीत में उन्होंने अपने संघर्ष और आने वाले ओलिंपिक्स के बारे में बात की. देखें रिपोर्ट.
महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में भारत की नीतू घनघस और स्वीटी बूरा ने यादगार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया. भारत को आज (26 मार्च) भी दो गोल्ड मेडल मिल सकते हैं. निकहत जरीन (50 किग्रा) और लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) अपने-अपने भारवर्ग के फाइनल में चुनौती पेश करेंगी.