scorecardresearch
 
Advertisement

अविश्वास प्रस्ताव 2023

अविश्वास प्रस्ताव 2023

अविश्वास प्रस्ताव 2023

किसी भी सरकार को सत्ता में बने रहने की चुनौती देने के लिए विरोधी दल संसद या सदन में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आता है (No Confidence Motion). इसे विश्वास मत भी कहा जाता है, जो दरअसल हाउस के अंदर वोटिंग की प्रक्रिया है. अविश्वास प्रस्ताव के तहत सरकार को संसद में सदस्यों के मतों के आधार पर विश्वास मत हासिल करना होता है, जिसके उपरांत ही उसे सत्ता में बने रहने का अधिकार प्राप्त होता है. विश्वास मत हासिल करने के लिए सरकार को सदन में 50 फीसदी या इससे अधिक वोट हासिल करने होते हैं. 

8 अगस्त 2023 को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर तीखी बहस शुरू हुई, जो 10 अगस्त तक चली. यह अब तक भारत के तमाम सरकारों के खिलाफ आया 28वां अविश्वास प्रस्ताव है (No Confidence Motion 2023).

विपक्ष की ओर से कांग्रेस गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) ने बहस की शुरुआत की, उसके बाद अन्य नेताओं ने बहस में भाग लिया. सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) दूसरे दिन बहस में शामिल हुए. भाजपा की ओर से निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने बहस की शुरुआत की. 20 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से राज्यसभा और लोकसभा दोनों लगातार ठप हैं, विपक्ष की मांग थी कि मोदीजी पहले सदन में मणिपुर संकट पर बयान दें. उनका तर्क था कि अविश्वास प्रस्ताव 2023 प्रधानमंत्री को अपनी बात मनवाने का एक जरिया हो सकता है.

543 सदस्यीय सदन में 331 सदस्य हैं, जिसमें अकेले भाजपा (BJP) के 303 सांसद हैं. इसे वाईएसआरसीपी (YSRCP) के 22 और बीजेडी (BJD) के 12 सांसदों का भी समर्थन प्राप्त है. कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व में 26 विपक्षी दलों के नवगठित इंडिया गठबंधन के पास 144 सांसद हैं.

 

और पढ़ें

अविश्वास प्रस्ताव 2023 न्यूज़

Advertisement
Advertisement